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बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा का 82 साल की उम्र में निधन

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा का 82 साल की उम्र में निधन हो गया है. वे कई दिनों से बीमार चल रहे थे.

जगन्नाथ मिश्रा.
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Published : Aug 19, 2019, 11:36 AM IST

Updated : Sep 27, 2019, 12:10 PM IST

नई दिल्ली: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा का आज निधन हो गया. जगन्नाथ मिश्रा का पिछले कई दिनों से दिल्ली के एक अस्पताल में इलाज चल रहा था.

जगन्नाथ मिश्रा का राजनीतिक सफर :-

  • जगन्नाथ मिश्रा 1975 में पहली बार मुख्यमंत्री बने.
  • दूसरी बार उन्हें 1980 में कमान सौंपी गई और आखिरी बार 1989 से 1990 तक बिहार के मुख्यमंत्री रहे.
  • वह 90 के दशक के बीच केंद्रीय कैबिनेट मंत्री भी रहे.
  • जगन्नाथ मिश्रा कांग्रेस छोड़कर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए.
  • जगन्नाथ मिश्रा विश्वविद्याल में पढ़ाने के दौरान ही भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हुए.
  • जगन्नाथ मिश्रा की रुचि राजनीति में बचपन से ही थी. क्योंकि उनके बड़े भाई, ललित नारायण मिश्रा राजनीति में थे और रेल मंत्री थे.

प्रोफेसर से मुख्यमंत्री तक का सफर
डॉ. जगन्नाथ मिश्रा का जन्म 1937 में सुपौल जिले के बलुआ बाजार में हुआ था. पूर्व सीएम जगन्नाथ मिश्रा ने प्रोफेसर के रूप में अपना करियर शुरू किया था. वो बिहार विश्वविद्यालय मुजफ्फरपुर में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर बने. डॉ. मिश्रा तीन बार बिहार के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. डॉ. मिश्रा विश्वविद्याल में पढ़ाने के दौरान ही भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हुए. 1975 में वो पहली बार मुख्यमंत्री बने. दूसरी बार उन्हें 1980 में कमान सौंपी गई और आखिरी बार 1989 से 1990 तक बिहार के मुख्यमंत्री रहे.

बचपन से थी राजनीति में रूची
उनकी रुचि राजनीति में बचपन से ही थी. क्योंकि उनके बड़े भाई, ललित नारायण मिश्र राजनीति में थे और रेल मंत्री थे. वह 90 के दशक के बीच केंद्रीय कैबिनेट मंत्री भी रहे. बिहार में डॉ. मिश्र का नाम बड़े नेताओं के तौर पर लिया जाता है. कांग्रेस छोड़ने के बाद, वह राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए और अब जनता दल (यूनाइटेड) के सदस्य थे.

जगन्नाथ मिश्रा का निधन

चारा घोटाले में भी शामिल था नाम
बता दें कि चर्चित चारा घोटाले में भी उनका नाम शामिल हुआ. चारा घोटाले में लालू यादव और जगन्नाथ मिश्रा दोनों को सजा हुई थी. दोनों को ही सीबीआई की विशेष अदालत ने दोषी मानते हुए पांच साल की सजा दी थी. लालू यादव पिछले एक साल से रांची के बिरसा मुंडा जेल में सजा काट रहे हैं. वहीं, जगन्नाथ मिश्रा जमानत पर रिहा थे. 30 सितंबर 2013 को रांची में एक विशेष केंद्रीय जांच ब्यूरो ने चारा घोटाले में 44 अन्य लोगों के साथ उन्हें भी दोषी ठहराया था.

पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा के निधन से बिहार की राजनीति में शोक की लहर है. आरजेडी ने उनके निधन पर श्रद्धांजलि दी और दुख जताया है. आरजेडी उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने भी संवेदना व्यक्त की. पार्टी की ओर से भी कहा गया है कि उनके निधन से बिहार की राजनीति में एक खालीपन आएगा.

शिवानंद तिवारी, उपाध्यक्ष, RJD

'राजनीत का तरीका अनोखा'
आरजेडी उपाध्यक्ष ने कहा कि मेरे उनसे गहरे ताल्लुकात थे, कुछ दिन पहले उन्होंने मुझे एक पुस्तक भी भिजवाई थी. उनकी कमी को बिहार की राजनीति में पूरा नहीं किया जा सकता. उनकी राजनीति का तरीका अनोखा था. लोगों के बीच वह काफी लोकप्रिय थे. हालांकि चारा घोटाले में सजा होने के बाद से वह तनाव में थे और शायद वही उनके मौत का कारण भी बना होगा. उनके निधन से बिहार की राजनीति को बड़ी क्षति हुई है.

नई दिल्ली: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा का आज निधन हो गया. जगन्नाथ मिश्रा का पिछले कई दिनों से दिल्ली के एक अस्पताल में इलाज चल रहा था.

जगन्नाथ मिश्रा का राजनीतिक सफर :-

  • जगन्नाथ मिश्रा 1975 में पहली बार मुख्यमंत्री बने.
  • दूसरी बार उन्हें 1980 में कमान सौंपी गई और आखिरी बार 1989 से 1990 तक बिहार के मुख्यमंत्री रहे.
  • वह 90 के दशक के बीच केंद्रीय कैबिनेट मंत्री भी रहे.
  • जगन्नाथ मिश्रा कांग्रेस छोड़कर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए.
  • जगन्नाथ मिश्रा विश्वविद्याल में पढ़ाने के दौरान ही भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हुए.
  • जगन्नाथ मिश्रा की रुचि राजनीति में बचपन से ही थी. क्योंकि उनके बड़े भाई, ललित नारायण मिश्रा राजनीति में थे और रेल मंत्री थे.

प्रोफेसर से मुख्यमंत्री तक का सफर
डॉ. जगन्नाथ मिश्रा का जन्म 1937 में सुपौल जिले के बलुआ बाजार में हुआ था. पूर्व सीएम जगन्नाथ मिश्रा ने प्रोफेसर के रूप में अपना करियर शुरू किया था. वो बिहार विश्वविद्यालय मुजफ्फरपुर में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर बने. डॉ. मिश्रा तीन बार बिहार के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. डॉ. मिश्रा विश्वविद्याल में पढ़ाने के दौरान ही भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हुए. 1975 में वो पहली बार मुख्यमंत्री बने. दूसरी बार उन्हें 1980 में कमान सौंपी गई और आखिरी बार 1989 से 1990 तक बिहार के मुख्यमंत्री रहे.

बचपन से थी राजनीति में रूची
उनकी रुचि राजनीति में बचपन से ही थी. क्योंकि उनके बड़े भाई, ललित नारायण मिश्र राजनीति में थे और रेल मंत्री थे. वह 90 के दशक के बीच केंद्रीय कैबिनेट मंत्री भी रहे. बिहार में डॉ. मिश्र का नाम बड़े नेताओं के तौर पर लिया जाता है. कांग्रेस छोड़ने के बाद, वह राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए और अब जनता दल (यूनाइटेड) के सदस्य थे.

जगन्नाथ मिश्रा का निधन

चारा घोटाले में भी शामिल था नाम
बता दें कि चर्चित चारा घोटाले में भी उनका नाम शामिल हुआ. चारा घोटाले में लालू यादव और जगन्नाथ मिश्रा दोनों को सजा हुई थी. दोनों को ही सीबीआई की विशेष अदालत ने दोषी मानते हुए पांच साल की सजा दी थी. लालू यादव पिछले एक साल से रांची के बिरसा मुंडा जेल में सजा काट रहे हैं. वहीं, जगन्नाथ मिश्रा जमानत पर रिहा थे. 30 सितंबर 2013 को रांची में एक विशेष केंद्रीय जांच ब्यूरो ने चारा घोटाले में 44 अन्य लोगों के साथ उन्हें भी दोषी ठहराया था.

पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा के निधन से बिहार की राजनीति में शोक की लहर है. आरजेडी ने उनके निधन पर श्रद्धांजलि दी और दुख जताया है. आरजेडी उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने भी संवेदना व्यक्त की. पार्टी की ओर से भी कहा गया है कि उनके निधन से बिहार की राजनीति में एक खालीपन आएगा.

शिवानंद तिवारी, उपाध्यक्ष, RJD

'राजनीत का तरीका अनोखा'
आरजेडी उपाध्यक्ष ने कहा कि मेरे उनसे गहरे ताल्लुकात थे, कुछ दिन पहले उन्होंने मुझे एक पुस्तक भी भिजवाई थी. उनकी कमी को बिहार की राजनीति में पूरा नहीं किया जा सकता. उनकी राजनीति का तरीका अनोखा था. लोगों के बीच वह काफी लोकप्रिय थे. हालांकि चारा घोटाले में सजा होने के बाद से वह तनाव में थे और शायद वही उनके मौत का कारण भी बना होगा. उनके निधन से बिहार की राजनीति को बड़ी क्षति हुई है.

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Last Updated : Sep 27, 2019, 12:10 PM IST
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