पटना : ईटीवी भारत बिहार में लगातार बाढ़ की ग्राउंड रिपोर्ट दे रहा है. ऐसे में हमारे संवाददाता ने बिहार के बेतिया जिला मुख्यालय से 25 किलोमीटर दूर स्थित नौतन प्रखंड के मंगलपुर कला गांव का जायजा लिया. यहां पहुंचने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ा. जैसे-तैसे वो जब गांव पहुंचे, तो जो तस्वीरें सामने आईं. वो यह बताने के लिए काफी हैं कि बाढ़ किस तरह अपने चरम रूप में आ गई है और ग्रामीण कितने परेशान हैं.
बिहार के नौतन प्रखंड का मंगलपुर कला गांव जलमग्न है, यहां बने घर टापू जैसा नजारा पेश कर रहे हैं. चारों ओर सिर्फ पानी ही पानी दिखाई दे रहा है. ग्रामीण पलायन कर चुके हैं, जो यहां बचे हैं वो उस घर के मुखिया हैं. इनसे बात करने इन्होंने बताया कि घर के सामान की रखवाली करने के लिए यह लोग यहां रुके हुए हैं और मदद का इंतजार कर रहे हैं.
नहीं पहुंची प्रशासनिक सहायता
ग्रामीणों ने बताया कि वो इस इंतजार में बैठे हैं कि जिला प्रशासन की तरफ से कोई मदद आएगी, तो उनका कुछ गुजर-बसर चलेगा. यहां झोपड़ी की छत पर बैठे लोग अपने घर में रखें समान की देखभाल कर रहे हैं, जो इस पानी में डूब चुका है.
छत पर बैठे एक ग्रामीण ने कहा, 'वो कई दिन से भूखें हैं, खाना बनाने का सभी सामान पानी में भींग चुका है. परिवार के लोगों को बच्चों और मवेशियों समेत सड़क पर भेज दिया है. वो भी भूखे ही होंगे.'
ग्रामीणों का कहना है कि जिला प्रशासन की तरफ से अभी तक कोई भी इनकी बदहाली को देखने नहीं आया. कोई भी अधिकारी इनका हाल जानने नहीं आया. यहां के ग्रामीण परिवार समेत लगभग 6 दिनों से सड़क किनारे तंबू लगाकर गुजर बसर कर रहे हैं. घर की छत पर बैठे लोग, जो कुछ बचा उसकी रखवाली कर रहे हैं.
क्या करें ग्रामीण?
कुल मिलाकर कैमरे में कैद गांव की स्थिति को देखकर आप सहज अंदाजा लगा सकते हैं कि ग्रामीण किस स्थिति से गुजर रहे हैं. उनके पास खाने के लिए कुछ नहीं हैं, ना ही उनके पास कोई राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है. जिससे बाढ़ में वह अपना गुजर-बसर कर सके, अपने परिवार का पेट पाल सकें.
बेतिया में बाढ़
गंडक नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी और भारी बारिश से बेतिया के सैकड़ों गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है. इससे स्थानीय लोगों के साथ-साथ सीमावर्ती यूपी के लोगों में भी दहशत का माहौल है.
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