वाराणसी : धर्म और अध्यात्म की नगरी काशी शुरू से ही पूरे विश्व को मार्गदर्शन दे रही है. ऐसे में काशी में देश का पहला वेद आधारित प्ले स्कूल खोला गया, जिसमें भारतीय संस्कृति एवं संपूर्ण वैश्विक विचारों का संगम होगा. भारतीय सभ्यता के साथ बच्चों को वेदों का ज्ञान दिया जाएगा.
जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती ने एसआरए किड्स का विमोचन किया, जो बच्चों में वेद की शिक्षा को जगाएगा. जिले के रामनगर क्षेत्र में देश का पहला वेद आधारित स्कूल खोला गया है. वहीं, उत्तर प्रदेश समेत पूरे देश में इसे खोलने का लक्ष्य रखा गया है.
सुमेरू पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि श्री राम एकेडमी की शुरुआत विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक सिंघल ने किया था. आज पूरी दुनिया वेद को मान रही है. वेद के अनुसार अगर चलेंगे, तो प्रेम स्नेह विश्व बंधुत्व बना रहेगा. आज के दौर में वेद की शिक्षा बहुत ही जरूरी है. यह एक अच्छा प्रयास है इसे पूरे देश में लागू करना चाहिए.
उन्होंने बताया कि एक प्ले स्कूल सिर्फ एक प्ले स्कूल नहीं होता, बल्कि एक ऐसी जगह होती है जहां पर समाज के भविष्य की नींव रखी जाती है. ऐसा माना जाता है कि हमारी संस्कृति, हमारा समाज और हमारा जीवन हमारे सर्वोत्तम शिक्षक होते हैं. हम अपने बच्चों को प्रकृति की गोद में शिक्षित करें.
'देश में लागू करना चाहिए शिक्षा'
वैदिक प्ले स्कूल के डायरेक्टर सत्येंद्र कुमार ने बताया कि वर्तमान समय में हम पाश्चात्य शिक्षा तो दे रहे हैं, लेकिन वेदों को उसमें संग्रहित नहीं कर रहे हैं. वेद ने यह सब को समझा दिया कि वेद और आयुर्वेद हमारे लिए कितना महत्वपूर्ण हैं. वेद आयुर्वेद संस्कार का एक सम्मिश्रण तैयार किया है. इसमें 6 वर्ष तक के बच्चे आते हैं. इस उम्र के बच्चों का दिमाग सबसे ज्यादा ग्रहण करता है. इस उम्र में जो चीजें हम उन्हें बताते हैं, वह जीवन भर उन्हें याद रहता है और उन्हें काम आता है. देश में इसे लॉन्च करने की योजना बनाई जा रही है.
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