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हैदराबाद एनकाउंटर मामला : तीन सदस्यीय जांच समिति ने की पहली बैठक

हैदराबाद एनकाउंटर मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर एक जांच समिति का गठन किया गया है. इस समिति ने एनकाउंटर मामले की परिस्थितियों को जानने के लिए पहली बैठक की. पढ़ें पूरी खबर.

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जांच करती समिति
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Published : Feb 4, 2020, 3:57 PM IST

Updated : Feb 29, 2020, 3:52 AM IST

हैदराबाद : वेटरनरी डॉक्टर गैंगरेप व मर्डर के चारों आरोपियों का पुलिस ने एनकाउंटर कर दिया था. इस मामले तीन सदस्यों की एक जांच समिति का गठन किया गया. समिति ने मामले की परिस्थितियों को जानने के लिए पहली बैठक की.

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश वी.एस सिरपुरकर की अगुआई में विशेष जांच आयोग को इस मामले की जांच की जरूरत है. हालांकि, उन्होंने इस बात को विस्तार से नहीं बताया कि बैठक में क्या हुआ.

गौरतलब है कि पिछले वर्ष हैदराबाद में वेटरनरी डॉक्टर के गैंगरेप व मर्डर के बाद पुलिस ने छह दिसंबर को चारों आरोपियों का का एनकाउंटर कर दिया था, जिसमें पुलिस को खूब सराहना मिली थी, हालांकि पुलिस ने कानून को भी अपने हाथों में लिया था. इसी परिस्थिति की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने विशेष जांच समिति का गठन किया था.

समिति को, जिसमें मुंबई हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश रेखा सोनदुर और पूर्व सीबीआई निदेशक डी.आर. कार्तिकेयन भी शामिल हैं, शीर्ष अदालत ने सुनवाई के पहले दिन से छह महीने में अपनी रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है.

मुख्य न्यायाधीश एस.ए. बोबड़े की अध्यक्षता वाली पीठ ने 12 दिसंबर को तेलंगाना उच्च न्यायालय और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) में मुठभेड़ को लेकर लंबित कार्यवाही पर रोक लगा दी थी और इसमें एसआईटी रिपोर्ट मांगी थी.

पढ़ें : हैदराबाद एनकाउंटर पर क्या बोल गए हरियाणा के गृह मंत्री? होने लगी रिएक्शन्स की बौछार

बता दें कि जिस याचिका पर आदेश पारित किया गया था. उसमें आरोप लगाया गया था कि तड़के में हुई मुठभेड़ फर्जी थी और इसमें शामिल पुलिस अधिकारियों के खिलाफ एक स्वतंत्र जांच की मांग की गई थी.

हैदराबाद : वेटरनरी डॉक्टर गैंगरेप व मर्डर के चारों आरोपियों का पुलिस ने एनकाउंटर कर दिया था. इस मामले तीन सदस्यों की एक जांच समिति का गठन किया गया. समिति ने मामले की परिस्थितियों को जानने के लिए पहली बैठक की.

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश वी.एस सिरपुरकर की अगुआई में विशेष जांच आयोग को इस मामले की जांच की जरूरत है. हालांकि, उन्होंने इस बात को विस्तार से नहीं बताया कि बैठक में क्या हुआ.

गौरतलब है कि पिछले वर्ष हैदराबाद में वेटरनरी डॉक्टर के गैंगरेप व मर्डर के बाद पुलिस ने छह दिसंबर को चारों आरोपियों का का एनकाउंटर कर दिया था, जिसमें पुलिस को खूब सराहना मिली थी, हालांकि पुलिस ने कानून को भी अपने हाथों में लिया था. इसी परिस्थिति की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने विशेष जांच समिति का गठन किया था.

समिति को, जिसमें मुंबई हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश रेखा सोनदुर और पूर्व सीबीआई निदेशक डी.आर. कार्तिकेयन भी शामिल हैं, शीर्ष अदालत ने सुनवाई के पहले दिन से छह महीने में अपनी रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है.

मुख्य न्यायाधीश एस.ए. बोबड़े की अध्यक्षता वाली पीठ ने 12 दिसंबर को तेलंगाना उच्च न्यायालय और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) में मुठभेड़ को लेकर लंबित कार्यवाही पर रोक लगा दी थी और इसमें एसआईटी रिपोर्ट मांगी थी.

पढ़ें : हैदराबाद एनकाउंटर पर क्या बोल गए हरियाणा के गृह मंत्री? होने लगी रिएक्शन्स की बौछार

बता दें कि जिस याचिका पर आदेश पारित किया गया था. उसमें आरोप लगाया गया था कि तड़के में हुई मुठभेड़ फर्जी थी और इसमें शामिल पुलिस अधिकारियों के खिलाफ एक स्वतंत्र जांच की मांग की गई थी.

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 The three-member inquiry commission, set up to go into the circumstances leading to the encounter killing of the four accused in the gang-rape and murder of a veterinarian in Telangana, held its first sitting here on Monday.

     The Special Investigation Team probing the case called on the commission headed by former Supreme Court judge V S Sirpurkar, official sources told. They, however, did not elaborate on what transpired in the sitting.

     The commission was appointed by the Supreme Court in December last year to go into the circumstances that led to the December 6 encounter deaths which evoked praise but also sparked concerns over extra-judicial killings.

    The panel, which included former Bombay High Court judge Rekha Sondur Baldota and former CBI director D R Karthikeyan, has been directed by the apex court to submit its report in six months from the first day of hearing.

     A bench headed by Chief Justice S A Bobde had on December 12 stayed the proceedings pending in the Telangana High Court and the National Human Rights Commission (NHRC) over the encounter and sought a SIT report into it.

     It had passed orders on petitions alleging that the pre-dawn encounter was a fake and seeking an independent investigation against the police officers involved.

    The four accused were arrested on November 29 two days after they allegedly kidnapped the veterinarian, killed her after raping and then burning the body at Chattanpalli near here.

     They were killed in police firing on December 6 at Chattanpalli when they were taken to the scene of crime as part of investigation.

     The Cyberabad police had said its personnel resorted to retaliatory firing after two of the accused opened fire at them after snatching their weapons.

    Also, the accused attacked the personnel with sticks and stones, resulting in injuries to two policemen, they had said.

 

Conclusion:
Last Updated : Feb 29, 2020, 3:52 AM IST
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