तिरूवनंतपुरम : कोरोना महामारी में संयुक्त अरब अमीरात में फंसे हुए नागरिकों को एयर इंडिया एक्सप्रेस (एआईइ) का विमान अबुधाबी से 177 भारतीय और चार शिशुओं को लेकर भारत के लिए रवाना हुआ. यह विमान आज यूएई में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए पहला विमान आज दोपहर में रवाना हुआ था. एयर इंडिया एक्सप्रेस (एआईइ) का यह विमान केरल के कोच्चि में स्थित पर कोचीन अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा लिमिटेड (सीआईएल) से अबू धाबी के लिए उड़ान भरी थी.
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि भारतीय नागरिकों (ज्यादातर यात्री केरल से हैं) को अबू धाबी से लाने के लिए पहला विमान कोचीन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से रवाना हुआ. विमान दोपहर तीन बजे तक अबू धाबी हवाईअड्डे पहुंच जाएगा. इसके बाद चार बजकर 15 मिनट पर वहां से यात्रियों को लेकर उड़ान भरेगा.
सूत्रों ने बताया कि विमान कोचीन हवाईअड्डे पर रात नौ बजकर 40 मिनट पर 177 व्यस्क और चार नवजात बच्चों को लेकर पहुंचेगा.
वहीं एयर इंडिया एक्सप्रेस का एक अन्य विमान कोझिकोड़ हवाई अड्डे से दोपहर एक बजकर 20 मिनट पर रवाना किया जाएगा. इसके बाद विमान शाम पांच बजे 177 व्यस्कों और पांच नवजात को लेकर दुबई हवाईअड्डे से रवाना होगा और आज रात 10 बजकर 30 मिनट तक कोझिकोड़ हवाईअड्डे पहुंच जाएगा.
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक 13 विमानों से पांच दिन के भीतर 2,000 लोग राज्य पहुंचेंगे. इस दौरान हवाईअड्डे पर थर्मल जांच से लेकर बाद में उनके पृथकवास तक की व्यवस्था की गई है.
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इसके अतिरिक्त नौसेना के दो जहाज फंसे नागरिकों को लाने के लिए मंगलवार को मालदीव के लिए रवाना हो चुके हैं.
केंद्र सरकार सात मई से 13 मई तक खाड़ी देशों, सिंगापुर, अमेरिका और ब्रिटेन में फंसे नागरिकों के लिए 64 विमानों का संचालन करेगी.
कोच्चि के एक सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों और नर्सों ने चार पायलट समेत एयरलाइन के 12 कर्मचारियों को पीपीई, संक्रमण नियंत्रण नियमों का पालन करने का प्रशिक्षण दिया है. विमानों के परिचालन से पहले और गंतव्य स्थल पर पहुंचने के बाद उसे संक्रमण मुक्त करने के लिए एआईइ ने केंद्रीय भंडारण निगम से करार किया है.
बता दें कि यूएई में 150,000 से अधिक भारतीयों ने कोरोना महामारी के चलते घर आने के लिए ई-पंजीकरण किया है.
भारत सरकार विदेश में फंसे अपने नागरिकों को निकालने के लिए 'वंदे भारत मिशन' चला रहा है. इसके माध्यम विदेश में फंसे लोगों को वापस लाया जाएगा, जिसके लिए ऑनलाइन पंजीकरण कराना होगा.
दुबई में स्थित भारतीय दूतावास के मुताबिक पंजीकरण करने वाले लोगों में से 40 फीसद मजदूर और 20 फीसद श्रमिक हैं. वहीं 25 फीसद लोग नौकरी खोने की वजह से भारत वापस आना चाहते हैं.
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गृह मंत्रालय के आदेश के अनुसार, विमान, नेवी के जहाजों से विदेशों में फंसे भारतीयों को लाया जाएगा. इसके लिए भारतीय उच्चायोग और दूतावास लॉकडाउन में फंसे नागरिकों की सूची तैयार कर रहे हैं.