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मिसाल हैं ओडिशा की बिनोदिनी समल, बच्चों को पढ़ाने का जुनून ऐसा कि खुद के जान की परवाह नहीं

कहते हैं जहां चाह, वहां राह, इसी कहावत को पूरा कर रही है ओडिशा की एक टीचर. हर रोज जान जोखिम में डाल, गले तक पानी आने के बावजूद की नदी पार कर ये टीचर बच्चों को पढ़ाने जाती हैं. जानें पूरी कहानी...

बच्चों को पढ़ाने के लिए रोज जान जोखिम में डालती है टीचर
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Published : Sep 12, 2019, 11:28 PM IST

Updated : Sep 30, 2019, 9:51 AM IST

भुवनेश्वर: ओडिशा की बिनोदिनी समल हिम्मत का दूसरा नाम लगती हैं. बिनोदिनी एक प्राइमरी स्कूल की टीचर हैं. और रोज स्कूल जाती है. लेकिन वह हर दिन स्कूल तक पहुंचने के लिए गले तक पानी भरने के बावजूद बिनोदिनी समल हर दिन नदी पार करती हैं.

बिनोदिनी समल 49 साल की हैं. ओडिशा के ढेनकेनाल जिले के राथियापला प्राइमरी स्कूल में पढ़ाती हैं. बता दें कि बिनोदिनी सामल प्राथमिक स्कूल में संविदा पर काम कर रहीं है.

बच्चों को पढ़ाने के लिए रोज जान जोखिम में डालती है टीचर

उनका कहना है कि मेरे लिए काम ही सबकुछ है और में बच्चों को अधिक से अधिक शिक्षा प्रदान करना चाहती हैं ताकि बच्चों का भविष्य अच्छा बन सके. उन्होने कहा कि वह सरकारी छुट्टी के अलावा कभी भी कोई छुट्टी नहीं लेती हैं.

पढ़ें: हैदराबाद में मोहन भागवत ने किया बप्पा को विसर्जित

उनके इस काम के लिए पूरे गांव के लोग उनकी सराहना करतें हैं साथ ही बच्चो का कहना है कि वह बहुत अच्छा पढ़ाती है.

भुवनेश्वर: ओडिशा की बिनोदिनी समल हिम्मत का दूसरा नाम लगती हैं. बिनोदिनी एक प्राइमरी स्कूल की टीचर हैं. और रोज स्कूल जाती है. लेकिन वह हर दिन स्कूल तक पहुंचने के लिए गले तक पानी भरने के बावजूद बिनोदिनी समल हर दिन नदी पार करती हैं.

बिनोदिनी समल 49 साल की हैं. ओडिशा के ढेनकेनाल जिले के राथियापला प्राइमरी स्कूल में पढ़ाती हैं. बता दें कि बिनोदिनी सामल प्राथमिक स्कूल में संविदा पर काम कर रहीं है.

बच्चों को पढ़ाने के लिए रोज जान जोखिम में डालती है टीचर

उनका कहना है कि मेरे लिए काम ही सबकुछ है और में बच्चों को अधिक से अधिक शिक्षा प्रदान करना चाहती हैं ताकि बच्चों का भविष्य अच्छा बन सके. उन्होने कहा कि वह सरकारी छुट्टी के अलावा कभी भी कोई छुट्टी नहीं लेती हैं.

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उनके इस काम के लिए पूरे गांव के लोग उनकी सराहना करतें हैं साथ ही बच्चो का कहना है कि वह बहुत अच्छा पढ़ाती है.

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Dhenkanal(Odisha): A decicated school teacher Binodini Samal reaching  school through neck deep swollen river  in Dhenkanal district of Odisha. Samal, a primary teacher in her fifites is working as a Ganasikshyak(one of the thousands of contractual teachers appointed by Odisha govt) since last ten years.



She is working in Odapada block's  Rathiapala primary school in Dhenkanal district. Her every day routine involves wading through the swollen Sapua river in order to get to her school. For her work and childrens future is more important than anything else. What would I do sitting at home says samal.

 


Conclusion:
Last Updated : Sep 30, 2019, 9:51 AM IST
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