नई दिल्ली : जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला ने खुद को नजरबंद रखे जाने के प्रति असंतोष जाहिर किया है. उन्होंने कांग्रेस सांसद शशि थरुर को लिखे एक पत्र में कहा है कि वे अपराधी नहीं हैं.
अब्दुल्ला का पत्र थरूर के एक पोस्ट के जवाब में है. इस पोस्ट को थरूर ने सोशल मीडिया पर साझा किया है. बता दें कि थरुर केरल की तिरुवनंतपुरम सीट से कांग्रेस सांसद हैं.
इस पत्र में फारुक अब्दुल्ला ने थरूर को उन्हें पत्र लिखने के लिए धन्यवाद दिया है, जो उन्हें एक महीने बाद मिली थी. यह पत्र एक मजिस्ट्रेट द्वारा उन्हे पहुंचाया गया था.
पत्र में फारुक अब्दुला ने लिखा कि यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि अधिकारी ने समय पर पत्र उन तक पहुचानें में नाकाम रहे. उन्होंने आगे लिखा कि मुझे लगता है कि संसद के वरिष्ट सदस्य के साथ इस तरह का व्यवहार करना ठीक नहीं है.
शशि थरुर ने अपने ट्विटर अकांउट पर इस पत्र को साझा करते हुए लिखा कि संसद के सदस्यों को संसदीय मर्यादाओँ के तहत सत्र में भाल लेने की अनुमति मिलनी चाहिए. वरना गिरफ्तारी को विपक्ष की अवाज दबाने के लिए एक औजार की तरह इस्तेमाल किया जाने लगेगा. संसद में भागीदारी लोकतंत्र और एक संप्रभु देश के लिए बहुत ही जरूरी है.
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ज्ञातव्य है कि द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) के नेताओं ने 29 नवंबर को संसद परिसर में महात्मा गांधी की मुर्ति के सामने धरना दिया गया था, जहां नेताओं ने मांग की थी कि जम्मू कश्मीर के नेता फारुक अब्दुला को मुक्त किया जाए.
आपकों बता दें कि उमर अब्दुल्ला और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती सहित जम्मू कश्मीर के मुख्यधारा के नेताओं को पांच अगस्त को घाटी से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के एक दिन पहले ही सुरक्षा कारणों के मद्देनजर हिरासत में लिया गया था