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कृषि कानूनों पर गतिरोध का 32वां दिन, किसानों के बीच पहुंचे केजरीवाल, खुली बहस की मांग - किसान आंदोलन का आज 31वां दिन

किसान आंदोलन का आज 31वां दिन
किसान आंदोलन का आज 31वां दिन
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Published : Dec 27, 2020, 8:22 AM IST

Updated : Dec 27, 2020, 9:03 PM IST

20:55 December 27

किसानों को मिला केजरीवाल का साथ, बोले- पूरे देश में हो खुली बहस

  • कृषि से जुड़े केंद्र के काले कानूनों को लेकर केंद्र सरकार के मंत्रियों और किसान नेताओं के बीच एक खुली बहस होनी चाहिए। पूरे देश को पता चल जाएगा कि ये कानून कितने ख़तरनाक हैं। pic.twitter.com/ihFILkuCxy

    — Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) December 27, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

इससे पहले दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कृषि से जुड़े केंद्र के काले कानूनों को लेकर केंद्र सरकार के मंत्रियों और किसान नेताओं के बीच एक खुली बहस होनी चाहिए. पूरे देश को पता चल जाएगा कि ये कानून कितने ख़तरनाक हैं.

15:08 December 27

गाजियाबाद पहुंचे संजय सिंह

संजय सिंह का बयान

किसान आंदोलन के 32वें दिन आम आदमी पार्टी के नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह गाजियाबाद और गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे. संजय सिंह ने किसानों को समर्थन दिया और केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि सरकार पूंजीपतियों के दबाव में काम कर रही है. संजय सिंह ने यहां किसानों के नेता वीएम सिंह से भी मुलाकात की.

15:00 December 27

किसानों को समर्थन देने पैदल रवाना हुआ परिवार

पैदल रवाना हुआ परिवार

पंजाब के आनंदपुर साहिब से एक पूरा परिवार दिल्ली किसानों को अपना समर्थन देने के लिए पैदल ही निकला पड़ा है. ये परिवार अपने बच्चों के साथ राष्ट्रीय राज मार्ग पर पैदल चलते हुए 7वें दिन करनाल पहुंचा. पूरा परिवार उत्साह के साथ कृषि कानूनों के विरोध में किसानों को समर्थन देने के लिए दिल्ली कूच कर रहा है.

12:46 December 27

कानून वापस नहीं तो घर वापसी नहीं : राकेश टिकैत

दिल्ली की सीमा पर तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन को एक महीना हो गया है. सरकार और किसानों के बीच कई दौर की बातचीत अब तक बेनतीजा रही है. भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत का कहना है कि सरकार अड़ियल रवैया छोड़े, क्योंकि सशर्त बातचीत का कोई मतलब नहीं है. उनका कहना है कि अगर कानून वापस नहीं लिए जाते हैं तो आंदोलनकारी किसान भी घर वापस नहीं जाएंगे. 

12:39 December 27

पीएम मोदी के 'मन की बात' का किसानों ने थाली बजा कर किया विरोध

किसानों ने थाली बजा कर किया विरोध

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी साल 2020 की आखिरी 'मन की बात' कर रहे थे, तो उसी समय दिल्ली की सीमाओं पर कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान थाली बजा रहे थे.गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों ने मन की बात शुरू होते ही हाथों में ड्रम और थालियां लेकर बजाना शुरू कर दिया. किसानों का कहना है कि, मोदी जी के मन की बात का हम विरोध करते हैं.सरकार जब तक कानून वापस नहीं लेती, हम इसी तरह प्रधानमंत्री का विरोध करते रहेंगे. भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रिय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने आईएएनएस से कहा कि, जैसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि कोरोना थाली बजाने से भागेगा, उसी तरह किसान भी थाली बजा रहें हैं ताकि कृषि कानूनों को भगाया जाए.

उन्होंने आगे कहा कि, ये बस सरकार के लिए सुधार संकेत है कि सरकार जल्द सुधर जाए. 29 दिसंबर को हम सरकार के साथ मुलाकात करेंगे. वहीं नया साल सबके लिए शुभ हो और मोदी जी भी कानून वापस ले लें तो हम किसान भाइयों के लिए भी शुभ हो. दरअसल किसानों ने 29 दिसंबर को सरकार के साथ बातचीत करने का प्रस्ताव रखा है, वहीं इस वार्ता में 4 मुद्दों का एजेंडा भी तय किया गया है.

10:48 December 27

भारतीय किसान यूनियन का ऐलान अब हरियाणा में कानून रद्द होने तक सभी टोल प्लाजा होंगे फ्री

सभी टोल प्लाजा होंगे फ्री

कृषि कानूनों को मांग को मनवाने के लिए किसानों ने पूरे देश में टोल प्लाजा को तीन दिनों के लिए फ्री कर दिया है. भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने बड़ा फैसला लिया है.भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष गुरनाम चढूनी ने कहा कि अब हरियाणा में तीन दिनों के लिए नहीं बल्कि स्थायी रूप से टोल प्लाजा फ्री रहेंगे. उन्होंने कहा कि जब तक सरकार कृषि कानूनों को रद्द नहीं करती तब तक पूरे हरियाणा में किसान सभी टोल प्लाजा को फ्री करेंगे.उन्होने कहा कि जींद सहित वो अन्य टोल प्लाजा पर गए थे. वहां पर उन्होंने लोगों राय ली थी. इतना ही नहीं गुरनाम चढूनी ने सोशल मीडिया के माध्यम से भी लोगों से सलाह ली थी. जिसमें यही बात सामने आई कि पूरे हरियाणा में टोल फ्री करवाए जाए. इसके बाद राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने फैसला लिया है कि हरियाणा के सभी टोल कानून रद्द होने तक टोल फ्री रहेंगे.

गुरनाम चढूनी ने कहा कि जब तक सरकार किसानों की बात नहीं मानती तब तक हरियाणा के टोल फ्री रखे जाएंगे. टोल फ्री करवाने के लिए किसानों की कमेटियां लगातार धरना देगी. गुरनाम ने कहा किसान नेताओं से आह्वान किया कि जहां पर कमेटी नहीं है वहां पर 5, 11 और 21 सदस्यों की कमेटी बना दी जाए. इसके बाद टोल प्लाजा पर अनिश्चितकालीन धरना दिया जाए.

10:36 December 27

किसानों ने लगाई प्याज की फसल

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प्याज की फसल उगाते किसान

दिल्ली: बुराड़ी के निरंकारी समागम ग्राउंड में कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों ने प्याज की फसल लगाई. एक किसान ने बताया, 'हमें यहां बैठे एक महीना हो गया है. खाली बैठे क्या करें, इसलिए खेती कर रहे हैं. ​अगर मोदी जी नहीं मानते तो पूरे बुराड़ी ग्राउंड में फसल उगा देंगे.'

09:19 December 27

गाज़ीपुर बॉर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन कर रहे किसानों ने अरदास की.

07:58 December 27

रोहतक जिले में किसानों का टोल फ्री आंदोलन दूसरे दिन भी जारी

टोल फ्री आंदोलन दूसरे दिन भी जारी

तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसान अपने आंदोलन को लेकर अडिग है और 25 से 27 दिसंबर तक पूरे प्रदेश में टोल फ्री करने का आह्वान किया हुआ है. टोल फ्री के दूसरा दिन रोहतक जिले में भी इसका पूरा असर देखने को मिला.रोहतक जिले के सभी टोल बिल्कुल फ्री है और किसान इन टोल प्लाजा के पास बैठकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने में जुटे है. किसानों का कहना है कि जब तक ये तीन कृषि कानून वापस नहीं होंगे तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा.

किसानों का कहना है कि जब किसान खेत में काम करता है तो थोड़ी बहुत चोट लगने के बावजूद भी वो अपने काम में जुटा रहता है, लेकिन फिलहाल इन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलनरत है और उसने अपना सारा कामकाज छोड़ दिया है, उससे ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि मुद्दा कितना गंभीर है.


उन्होंने कहा कि किसानों को फायदा देने की बात सरकार कर रही है लेकिन जब किसान चाहते ही नहीं की कृषि कानून लागू हो तो सरकार की बातों का कोई मतलब नहीं. किसानों ने कहा कि अब प्रधानमंत्री मोदी ये बताएं कि उन्होंने कौन से किसानों से बात की है, असली किसान तो तीन कृषि कानूनों के खिलाफ हैं.

उन्होंने कहा कि जिस तरह से किसान यूनियन ने 3 दिन का टोल फ्री करने का आह्वान किया है अभी तक पूरे प्रदेश में सफल रहा है और अगर किसान यूनियन परमानेंट टोल फ्री करने की बात भी कहती है तो वो उसे भी लागू करेंगे

07:57 December 27

अपने पद से इस्तीफा देकर किसानों का सर्मथन करें दुष्यंत चौटाला: चढूनी

किसानों का सर्मथन करें दुष्यंत चौटाला

जिले के मय्यड़ और सरसोद टोल प्लाजा पर भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष गुरनाम सिंह ने दौरा किया और किसानों से मुलाकात की. इस दौरान चढूनी ने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह किसानों की मांगें मानने के लिए तैयार नहीं है.उन्होंने बताया कि अमित शाह ने जो किसानों को पत्र भेजा है उसमें एमएसपी को लेकर कोई स्पष्ट बात नहीं कही गई है. उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार ने हमेशा निजीकरण के क्षेत्र को बढ़ावा दिया है और वो पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए कृषि कानून लेकर आई है

गुरनाम सिंह ने कहा कि बीजेपी प्राइवेट मंडियां खोलकर सरकारी मंडियों को खत्म करना चाहती है. उन्होंने कहा कि एमएसपी देना और एमएसपी पर खरीद करना दोनों अलग-अलग बातें हैं. चढूनी ने पीएम मोदी से सवाल करते हुए कहा कि किसान की फसल पर स्पष्ट होना चाहिए कि कितने रेट पर फसल खरीदी जाएगी.

चढूनी ने पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह और डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला पर निशाना साधते हुए कहा कि इन दोनों नेताओं को किसानों की फिक्र नहीं है और ये सिर्फ दिखाना करना जानते हैं.

उन्होंने कहा कि बीरेंद्र सिंह एक तरफ तो किसानों के समर्थन की बात करते हैं लेकिन दूसरी तरफ वो अपने बेटे विजेंद्र सिंह को इस्तीफे के लिए क्यों नहीं कहते. चढूनी ने कहा कि जो विधायक किसानों का समर्थन करना चाहते हैं, वो पार्टी छोड़कर आंदोलन में शामिल हो जाए.

07:54 December 27

किसानों को समर्थन देने आनंदपुर साहिब से दिल्ली के लिए पैदल रवाना हुआ पूरा परिवार

पैदल रवाना हुआ पूरा परिवार

कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का संघर्ष दिल्ली बॉर्डर पर पिछले एक महीने से जारी है. किसान आंदोलन को हर कोई अपना समर्थन दे रहा है. दिल्ली बॉर्डर पर किसानों की संख्या भी बढ़ती जा रही है. किसान तब तक पीछे नहीं हटेंगे, जब तक सरकार इन कानूनों के वापस नहीं लेगी.इस बीच पंजाब के आनंदपुर साहिब से एक पूरा परिवार दिल्ली किसानों को अपना समर्थन देने के लिए पैदल ही निकला पड़ा है. ये परिवार अपने बच्चों के साथ राष्ट्रीय राज मार्ग पर पैदल चलते हुए 7वें दिन करनाल पहुंचा. पूरा परिवार उत्साह के साथ कृषि कानूनों के विरोध में किसानों को समर्थन देने के लिए दिल्ली कूच कर रहा है.स परिवार में 12 साल की बच्ची भी है जो अपने कदम से लोगों का उत्साह बढ़ा रही है और 70 साल के बुजुर्ग भी हैं जो थक नहीं रहे. 7 दिन के बाद ये परिवार करीबन 175 किलोमीटर तय करके करनाल पहुंचा है और अब आगे दिल्ली की तरफ कूच करेगा. आनंदपुर साहिब से दिल्ली का सफर 300 किलोमीटर से भी ज़्यादा है और ये परिवार बिना थके वहां पहुंच रहा है.

07:51 December 27

बदरपुर बॉर्डर पर सुरक्षा इंतजामों के बीच ट्रैफिक सामान्य

सुरक्षा इंतजामों के बीच ट्रैफिक सामान्य
सुरक्षा इंतजामों के बीच ट्रैफिक सामान्य

नए कृषि कानूनों के विरोध में किसान बीते 1 महीने से आंदोलन कर रहे हैं और नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं. जिसके मद्देनजर दिल्ली के अन्य राज्यों से लगने वाली सीमाओं पर लगातार सुरक्षा इंतजाम किया जा रहा है. इसी कड़ी में दिल्ली के हरियाणा के फरीदाबाद से लगने वाली सीमा बदरपुर बॉर्डर पर भी सुरक्षा इंतजाम लगातार किया जा रहा है. हालांकि यहां पर ट्राफिक सामान्य रूप से चल रहा है.

बदरपुर बॉर्डर पर बीते 1 महीने से लगातार सुरक्षा इंतजाम किया जा रहा है. यहां पर दिल्ली पुलिस के जवानों के साथ ही अर्धसैनिक बलों के जवानों की तैनाती की जा रही है. यहां पर पुलिस बैरिकेड के साथ ही सिमेंटेंड बैरिकेट्स भी रखी गई है इसके अलावा यहां पर कंटेनर भी रखे गए हैं इसके अलावा क्रेन की भी व्यवस्था की गई है हालांकि यहां पर सुरक्षा इंतजामों के बीच ट्राफिक सामान्य रूप से चल रहा है लगातार दिल्ली के ट्राफिक हरियाणा के फरीदाबाद में प्रवेश कर रहा है और हरियाणा के फरीदाबाद की ट्राफिक दिल्ली में भी लगातार प्रवेश कर रहा है. बता दें बदरपुर बॉर्डर पर दिल्ली की सीमा हरियाणा के फरीदाबाद से लगती है इसी वजह से किसान आंदोलन के मद्देनजर यहां पर सुरक्षा इंतजाम किया जा रहा है.

07:50 December 27

किसान संगठन सरकार से बातचीत के लिए तैयार

केंद्र सरकार और किसानों के बीच मंगलवार को होगी अगले दौर की वार्ता, सरकार ने किसान संगठनों द्वारा भेजे गए बातचीत के प्रस्ताव को किया स्वीकार

06:39 December 27

किसान आंदोलन लाइव अपडेट

जान से मारने की धमकी

भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत को अज्ञात नंबर से जान से मारने की धमकी मिली है. जिसके बाद कौशांबी थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है. पुलिस मामले की जांच की बात कह रही है.

कितने हथियार चाहिए'

राकेश टिकैत ने बताया कि फोन करने वाले ने पहले कहा कि कितने हथियार चाहिए उसके बाद जब उन्होंने सवाल पूछा तो आरोपी ने कहा कि आप को मारने के लिए कितने हथियार लेकर आने हैं. हाल ही में राकेश टिकैत का एक मंदिर को लेकर वीडियो वायरल हुआ था जिसके चलते यह धमकी देने की बात सामने आ रही है. बता दें कि पिछले 32 दिन से राकेश टिकैत के नेतृत्व में दिल्ली और उत्तर प्रदेश की सीमा पर किसानों का धरना चल रहा है. इस मामले पर राकेश टिकैत की तरफ से भी जानकारी दी गयी है.

जल्द पकड़ेंगे आरोपी'

पुलिस का कहना है कि मामले में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और फोन नंबर को ट्रेस करके जल्द आरोपी की गिरफ्तारी कर ली जाएगी. मामले की जांच क्षेत्राधिकारी इंदिरापुरम को सौंपी गई है.

20:55 December 27

किसानों को मिला केजरीवाल का साथ, बोले- पूरे देश में हो खुली बहस

  • कृषि से जुड़े केंद्र के काले कानूनों को लेकर केंद्र सरकार के मंत्रियों और किसान नेताओं के बीच एक खुली बहस होनी चाहिए। पूरे देश को पता चल जाएगा कि ये कानून कितने ख़तरनाक हैं। pic.twitter.com/ihFILkuCxy

    — Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) December 27, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

इससे पहले दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कृषि से जुड़े केंद्र के काले कानूनों को लेकर केंद्र सरकार के मंत्रियों और किसान नेताओं के बीच एक खुली बहस होनी चाहिए. पूरे देश को पता चल जाएगा कि ये कानून कितने ख़तरनाक हैं.

15:08 December 27

गाजियाबाद पहुंचे संजय सिंह

संजय सिंह का बयान

किसान आंदोलन के 32वें दिन आम आदमी पार्टी के नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह गाजियाबाद और गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे. संजय सिंह ने किसानों को समर्थन दिया और केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि सरकार पूंजीपतियों के दबाव में काम कर रही है. संजय सिंह ने यहां किसानों के नेता वीएम सिंह से भी मुलाकात की.

15:00 December 27

किसानों को समर्थन देने पैदल रवाना हुआ परिवार

पैदल रवाना हुआ परिवार

पंजाब के आनंदपुर साहिब से एक पूरा परिवार दिल्ली किसानों को अपना समर्थन देने के लिए पैदल ही निकला पड़ा है. ये परिवार अपने बच्चों के साथ राष्ट्रीय राज मार्ग पर पैदल चलते हुए 7वें दिन करनाल पहुंचा. पूरा परिवार उत्साह के साथ कृषि कानूनों के विरोध में किसानों को समर्थन देने के लिए दिल्ली कूच कर रहा है.

12:46 December 27

कानून वापस नहीं तो घर वापसी नहीं : राकेश टिकैत

दिल्ली की सीमा पर तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन को एक महीना हो गया है. सरकार और किसानों के बीच कई दौर की बातचीत अब तक बेनतीजा रही है. भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत का कहना है कि सरकार अड़ियल रवैया छोड़े, क्योंकि सशर्त बातचीत का कोई मतलब नहीं है. उनका कहना है कि अगर कानून वापस नहीं लिए जाते हैं तो आंदोलनकारी किसान भी घर वापस नहीं जाएंगे. 

12:39 December 27

पीएम मोदी के 'मन की बात' का किसानों ने थाली बजा कर किया विरोध

किसानों ने थाली बजा कर किया विरोध

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी साल 2020 की आखिरी 'मन की बात' कर रहे थे, तो उसी समय दिल्ली की सीमाओं पर कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान थाली बजा रहे थे.गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों ने मन की बात शुरू होते ही हाथों में ड्रम और थालियां लेकर बजाना शुरू कर दिया. किसानों का कहना है कि, मोदी जी के मन की बात का हम विरोध करते हैं.सरकार जब तक कानून वापस नहीं लेती, हम इसी तरह प्रधानमंत्री का विरोध करते रहेंगे. भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रिय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने आईएएनएस से कहा कि, जैसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि कोरोना थाली बजाने से भागेगा, उसी तरह किसान भी थाली बजा रहें हैं ताकि कृषि कानूनों को भगाया जाए.

उन्होंने आगे कहा कि, ये बस सरकार के लिए सुधार संकेत है कि सरकार जल्द सुधर जाए. 29 दिसंबर को हम सरकार के साथ मुलाकात करेंगे. वहीं नया साल सबके लिए शुभ हो और मोदी जी भी कानून वापस ले लें तो हम किसान भाइयों के लिए भी शुभ हो. दरअसल किसानों ने 29 दिसंबर को सरकार के साथ बातचीत करने का प्रस्ताव रखा है, वहीं इस वार्ता में 4 मुद्दों का एजेंडा भी तय किया गया है.

10:48 December 27

भारतीय किसान यूनियन का ऐलान अब हरियाणा में कानून रद्द होने तक सभी टोल प्लाजा होंगे फ्री

सभी टोल प्लाजा होंगे फ्री

कृषि कानूनों को मांग को मनवाने के लिए किसानों ने पूरे देश में टोल प्लाजा को तीन दिनों के लिए फ्री कर दिया है. भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने बड़ा फैसला लिया है.भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष गुरनाम चढूनी ने कहा कि अब हरियाणा में तीन दिनों के लिए नहीं बल्कि स्थायी रूप से टोल प्लाजा फ्री रहेंगे. उन्होंने कहा कि जब तक सरकार कृषि कानूनों को रद्द नहीं करती तब तक पूरे हरियाणा में किसान सभी टोल प्लाजा को फ्री करेंगे.उन्होने कहा कि जींद सहित वो अन्य टोल प्लाजा पर गए थे. वहां पर उन्होंने लोगों राय ली थी. इतना ही नहीं गुरनाम चढूनी ने सोशल मीडिया के माध्यम से भी लोगों से सलाह ली थी. जिसमें यही बात सामने आई कि पूरे हरियाणा में टोल फ्री करवाए जाए. इसके बाद राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने फैसला लिया है कि हरियाणा के सभी टोल कानून रद्द होने तक टोल फ्री रहेंगे.

गुरनाम चढूनी ने कहा कि जब तक सरकार किसानों की बात नहीं मानती तब तक हरियाणा के टोल फ्री रखे जाएंगे. टोल फ्री करवाने के लिए किसानों की कमेटियां लगातार धरना देगी. गुरनाम ने कहा किसान नेताओं से आह्वान किया कि जहां पर कमेटी नहीं है वहां पर 5, 11 और 21 सदस्यों की कमेटी बना दी जाए. इसके बाद टोल प्लाजा पर अनिश्चितकालीन धरना दिया जाए.

10:36 December 27

किसानों ने लगाई प्याज की फसल

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प्याज की फसल उगाते किसान

दिल्ली: बुराड़ी के निरंकारी समागम ग्राउंड में कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों ने प्याज की फसल लगाई. एक किसान ने बताया, 'हमें यहां बैठे एक महीना हो गया है. खाली बैठे क्या करें, इसलिए खेती कर रहे हैं. ​अगर मोदी जी नहीं मानते तो पूरे बुराड़ी ग्राउंड में फसल उगा देंगे.'

09:19 December 27

गाज़ीपुर बॉर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन कर रहे किसानों ने अरदास की.

07:58 December 27

रोहतक जिले में किसानों का टोल फ्री आंदोलन दूसरे दिन भी जारी

टोल फ्री आंदोलन दूसरे दिन भी जारी

तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसान अपने आंदोलन को लेकर अडिग है और 25 से 27 दिसंबर तक पूरे प्रदेश में टोल फ्री करने का आह्वान किया हुआ है. टोल फ्री के दूसरा दिन रोहतक जिले में भी इसका पूरा असर देखने को मिला.रोहतक जिले के सभी टोल बिल्कुल फ्री है और किसान इन टोल प्लाजा के पास बैठकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने में जुटे है. किसानों का कहना है कि जब तक ये तीन कृषि कानून वापस नहीं होंगे तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा.

किसानों का कहना है कि जब किसान खेत में काम करता है तो थोड़ी बहुत चोट लगने के बावजूद भी वो अपने काम में जुटा रहता है, लेकिन फिलहाल इन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलनरत है और उसने अपना सारा कामकाज छोड़ दिया है, उससे ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि मुद्दा कितना गंभीर है.


उन्होंने कहा कि किसानों को फायदा देने की बात सरकार कर रही है लेकिन जब किसान चाहते ही नहीं की कृषि कानून लागू हो तो सरकार की बातों का कोई मतलब नहीं. किसानों ने कहा कि अब प्रधानमंत्री मोदी ये बताएं कि उन्होंने कौन से किसानों से बात की है, असली किसान तो तीन कृषि कानूनों के खिलाफ हैं.

उन्होंने कहा कि जिस तरह से किसान यूनियन ने 3 दिन का टोल फ्री करने का आह्वान किया है अभी तक पूरे प्रदेश में सफल रहा है और अगर किसान यूनियन परमानेंट टोल फ्री करने की बात भी कहती है तो वो उसे भी लागू करेंगे

07:57 December 27

अपने पद से इस्तीफा देकर किसानों का सर्मथन करें दुष्यंत चौटाला: चढूनी

किसानों का सर्मथन करें दुष्यंत चौटाला

जिले के मय्यड़ और सरसोद टोल प्लाजा पर भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष गुरनाम सिंह ने दौरा किया और किसानों से मुलाकात की. इस दौरान चढूनी ने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह किसानों की मांगें मानने के लिए तैयार नहीं है.उन्होंने बताया कि अमित शाह ने जो किसानों को पत्र भेजा है उसमें एमएसपी को लेकर कोई स्पष्ट बात नहीं कही गई है. उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार ने हमेशा निजीकरण के क्षेत्र को बढ़ावा दिया है और वो पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए कृषि कानून लेकर आई है

गुरनाम सिंह ने कहा कि बीजेपी प्राइवेट मंडियां खोलकर सरकारी मंडियों को खत्म करना चाहती है. उन्होंने कहा कि एमएसपी देना और एमएसपी पर खरीद करना दोनों अलग-अलग बातें हैं. चढूनी ने पीएम मोदी से सवाल करते हुए कहा कि किसान की फसल पर स्पष्ट होना चाहिए कि कितने रेट पर फसल खरीदी जाएगी.

चढूनी ने पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह और डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला पर निशाना साधते हुए कहा कि इन दोनों नेताओं को किसानों की फिक्र नहीं है और ये सिर्फ दिखाना करना जानते हैं.

उन्होंने कहा कि बीरेंद्र सिंह एक तरफ तो किसानों के समर्थन की बात करते हैं लेकिन दूसरी तरफ वो अपने बेटे विजेंद्र सिंह को इस्तीफे के लिए क्यों नहीं कहते. चढूनी ने कहा कि जो विधायक किसानों का समर्थन करना चाहते हैं, वो पार्टी छोड़कर आंदोलन में शामिल हो जाए.

07:54 December 27

किसानों को समर्थन देने आनंदपुर साहिब से दिल्ली के लिए पैदल रवाना हुआ पूरा परिवार

पैदल रवाना हुआ पूरा परिवार

कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का संघर्ष दिल्ली बॉर्डर पर पिछले एक महीने से जारी है. किसान आंदोलन को हर कोई अपना समर्थन दे रहा है. दिल्ली बॉर्डर पर किसानों की संख्या भी बढ़ती जा रही है. किसान तब तक पीछे नहीं हटेंगे, जब तक सरकार इन कानूनों के वापस नहीं लेगी.इस बीच पंजाब के आनंदपुर साहिब से एक पूरा परिवार दिल्ली किसानों को अपना समर्थन देने के लिए पैदल ही निकला पड़ा है. ये परिवार अपने बच्चों के साथ राष्ट्रीय राज मार्ग पर पैदल चलते हुए 7वें दिन करनाल पहुंचा. पूरा परिवार उत्साह के साथ कृषि कानूनों के विरोध में किसानों को समर्थन देने के लिए दिल्ली कूच कर रहा है.स परिवार में 12 साल की बच्ची भी है जो अपने कदम से लोगों का उत्साह बढ़ा रही है और 70 साल के बुजुर्ग भी हैं जो थक नहीं रहे. 7 दिन के बाद ये परिवार करीबन 175 किलोमीटर तय करके करनाल पहुंचा है और अब आगे दिल्ली की तरफ कूच करेगा. आनंदपुर साहिब से दिल्ली का सफर 300 किलोमीटर से भी ज़्यादा है और ये परिवार बिना थके वहां पहुंच रहा है.

07:51 December 27

बदरपुर बॉर्डर पर सुरक्षा इंतजामों के बीच ट्रैफिक सामान्य

सुरक्षा इंतजामों के बीच ट्रैफिक सामान्य
सुरक्षा इंतजामों के बीच ट्रैफिक सामान्य

नए कृषि कानूनों के विरोध में किसान बीते 1 महीने से आंदोलन कर रहे हैं और नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं. जिसके मद्देनजर दिल्ली के अन्य राज्यों से लगने वाली सीमाओं पर लगातार सुरक्षा इंतजाम किया जा रहा है. इसी कड़ी में दिल्ली के हरियाणा के फरीदाबाद से लगने वाली सीमा बदरपुर बॉर्डर पर भी सुरक्षा इंतजाम लगातार किया जा रहा है. हालांकि यहां पर ट्राफिक सामान्य रूप से चल रहा है.

बदरपुर बॉर्डर पर बीते 1 महीने से लगातार सुरक्षा इंतजाम किया जा रहा है. यहां पर दिल्ली पुलिस के जवानों के साथ ही अर्धसैनिक बलों के जवानों की तैनाती की जा रही है. यहां पर पुलिस बैरिकेड के साथ ही सिमेंटेंड बैरिकेट्स भी रखी गई है इसके अलावा यहां पर कंटेनर भी रखे गए हैं इसके अलावा क्रेन की भी व्यवस्था की गई है हालांकि यहां पर सुरक्षा इंतजामों के बीच ट्राफिक सामान्य रूप से चल रहा है लगातार दिल्ली के ट्राफिक हरियाणा के फरीदाबाद में प्रवेश कर रहा है और हरियाणा के फरीदाबाद की ट्राफिक दिल्ली में भी लगातार प्रवेश कर रहा है. बता दें बदरपुर बॉर्डर पर दिल्ली की सीमा हरियाणा के फरीदाबाद से लगती है इसी वजह से किसान आंदोलन के मद्देनजर यहां पर सुरक्षा इंतजाम किया जा रहा है.

07:50 December 27

किसान संगठन सरकार से बातचीत के लिए तैयार

केंद्र सरकार और किसानों के बीच मंगलवार को होगी अगले दौर की वार्ता, सरकार ने किसान संगठनों द्वारा भेजे गए बातचीत के प्रस्ताव को किया स्वीकार

06:39 December 27

किसान आंदोलन लाइव अपडेट

जान से मारने की धमकी

भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत को अज्ञात नंबर से जान से मारने की धमकी मिली है. जिसके बाद कौशांबी थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है. पुलिस मामले की जांच की बात कह रही है.

कितने हथियार चाहिए'

राकेश टिकैत ने बताया कि फोन करने वाले ने पहले कहा कि कितने हथियार चाहिए उसके बाद जब उन्होंने सवाल पूछा तो आरोपी ने कहा कि आप को मारने के लिए कितने हथियार लेकर आने हैं. हाल ही में राकेश टिकैत का एक मंदिर को लेकर वीडियो वायरल हुआ था जिसके चलते यह धमकी देने की बात सामने आ रही है. बता दें कि पिछले 32 दिन से राकेश टिकैत के नेतृत्व में दिल्ली और उत्तर प्रदेश की सीमा पर किसानों का धरना चल रहा है. इस मामले पर राकेश टिकैत की तरफ से भी जानकारी दी गयी है.

जल्द पकड़ेंगे आरोपी'

पुलिस का कहना है कि मामले में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और फोन नंबर को ट्रेस करके जल्द आरोपी की गिरफ्तारी कर ली जाएगी. मामले की जांच क्षेत्राधिकारी इंदिरापुरम को सौंपी गई है.

Last Updated : Dec 27, 2020, 9:03 PM IST
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