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पैतृक आवास पर शोक की लहर, चाचा बोले- मेरा सुशांत जिंदादिल था - sushant singh suicide

सुशांत सिंह राजपूत के पैतृक गांव पूर्णिया में शोक की लहर दौड़ गई है. चाचा राकेश सिंह ने कहा कि मेरा भतीजा जिंदादिल इंसान था. वो इतना बड़ा एक्टर हो बन गया था, लेकिन कभी भेदभाव नहीं करता था.

shushant singh rajput
सुशांत सिंह राजपूत का पैतृक आवास
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Published : Jun 14, 2020, 9:59 PM IST

पटना : बॉलीवुड के जाने-माने अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत अब इस दुनिया में नहीं रहे. मुंबई स्थित फ्लैट में उन्होंने सुसाइड कर लिया है. हालांकि, सुशांत ने यह कदम क्यों उठाया इसकी वजह साफ नहीं हो सकी है. वहीं इस घटना के बाद सुशांत के पैतृक गांव बी. कोठी के मलडीहा में मातम पसर हुआ है. सुशांत के रिश्तेदारों और गांव वालों को यकीन नहीं हो रहा कि सुशांत का निधन हो गया है.

बिहार के पूर्णिया जिला में सुशांत के पैतृक आवास है. उनके चाचा राकेश सिंह, बड़े भाई और छातापुर विधायक नीरज कुमार बबलू, भाभी नूतन सिंह समेत पूरा परिवार शोक में डूबा हुआ है. वहीं, बचपन के दोस्त भी मर्माहत हैं.

सुशांत की राजपूत के पैतृक आवास से ईटीवी भारत की रिपोर्ट

जिंदादिल था मेरा भतीजा- राकेश सिंह
ईटीवी भारत से बात करते हुए सुशांत के चाचा राकेश सिंह ने कहा कि उन्हें यकीन नहीं हो रहा कि उनका भतीजा सुशांत अब इस दुनिया में नहीं रहा. इस दुखद समाचार के बाद रिश्तेदारों का लगातार फोन आ रहा है. घर वाले सदमे में हैं. किसी को यह समझ नहीं आ रहा कि ये सब कैसे हुआ. सुशांत के चाचा राकेश सिंह ने बताया कि वह बहुत मिलनसार और जिंदादिल था. इतने बड़े एक्टर बनने के बाद भी वह किसी में फर्क नहीं समझता था और अपनी जिंदगी को एक आम इंसान की तरह जीता था.

पढ़ें : नहीं रहे अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत, मां को लिखी थी आखिरी पोस्ट

17 साल बाद आए थे पूर्णिया
12 मई 2019 को सुशांत सिंह 17 साल बाद अपने पैतृक गांव मलडीहा मुंडन की रश्मों की अदायगी के लिए पहुंचे थे. तब सुशांत सिंह राजपूत ने बी कोठी स्थित बरुनेश्वर धाम मंदिर में भगवान शिव की पूजा अर्चना और जलाभिषेक भी किया था. इस दौरान वे बचपन की सारी यादें ताजा करने अपने दोस्तों से मिलने पहुंचे थे. इस दौरान सुशांत को देखने के लिए लोगों की भीड़ गांव में उमड़ पड़ी थी. सुशांत सिंह राजपूत बोरणय के स्व० महेश्वर प्रसाद सिंह के नाती हैं.

पटना : बॉलीवुड के जाने-माने अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत अब इस दुनिया में नहीं रहे. मुंबई स्थित फ्लैट में उन्होंने सुसाइड कर लिया है. हालांकि, सुशांत ने यह कदम क्यों उठाया इसकी वजह साफ नहीं हो सकी है. वहीं इस घटना के बाद सुशांत के पैतृक गांव बी. कोठी के मलडीहा में मातम पसर हुआ है. सुशांत के रिश्तेदारों और गांव वालों को यकीन नहीं हो रहा कि सुशांत का निधन हो गया है.

बिहार के पूर्णिया जिला में सुशांत के पैतृक आवास है. उनके चाचा राकेश सिंह, बड़े भाई और छातापुर विधायक नीरज कुमार बबलू, भाभी नूतन सिंह समेत पूरा परिवार शोक में डूबा हुआ है. वहीं, बचपन के दोस्त भी मर्माहत हैं.

सुशांत की राजपूत के पैतृक आवास से ईटीवी भारत की रिपोर्ट

जिंदादिल था मेरा भतीजा- राकेश सिंह
ईटीवी भारत से बात करते हुए सुशांत के चाचा राकेश सिंह ने कहा कि उन्हें यकीन नहीं हो रहा कि उनका भतीजा सुशांत अब इस दुनिया में नहीं रहा. इस दुखद समाचार के बाद रिश्तेदारों का लगातार फोन आ रहा है. घर वाले सदमे में हैं. किसी को यह समझ नहीं आ रहा कि ये सब कैसे हुआ. सुशांत के चाचा राकेश सिंह ने बताया कि वह बहुत मिलनसार और जिंदादिल था. इतने बड़े एक्टर बनने के बाद भी वह किसी में फर्क नहीं समझता था और अपनी जिंदगी को एक आम इंसान की तरह जीता था.

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17 साल बाद आए थे पूर्णिया
12 मई 2019 को सुशांत सिंह 17 साल बाद अपने पैतृक गांव मलडीहा मुंडन की रश्मों की अदायगी के लिए पहुंचे थे. तब सुशांत सिंह राजपूत ने बी कोठी स्थित बरुनेश्वर धाम मंदिर में भगवान शिव की पूजा अर्चना और जलाभिषेक भी किया था. इस दौरान वे बचपन की सारी यादें ताजा करने अपने दोस्तों से मिलने पहुंचे थे. इस दौरान सुशांत को देखने के लिए लोगों की भीड़ गांव में उमड़ पड़ी थी. सुशांत सिंह राजपूत बोरणय के स्व० महेश्वर प्रसाद सिंह के नाती हैं.

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