मेरठ: जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में शहीद हुए मेजर केतन शर्मा का शव आज दोपहर तक मेरठ लाया गया, जहां रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. इस दौरान सेना प्रमुख बिपिन रावत भी मौजूद रहे. वहीं बेटे की मौत की खबर सुनकर उनकी मां सिर्फ इतना ही पूछ रही हैं कि उनका शेर बेटा कहां गया.
गौरतलब है कि सुरक्षा बलों को सोमवार सुबह-सुबह आतंकियों के छिपे होने की सूचना मिली थी. इसके बाद इलाके में तलाशी अभियान चलाया गया. आतंकियों की इसकी भनक लगी और उन्होंने सुरक्षाबलों पर हमला करना शुरू कर दिया. इस हमले में मेजर केतन शर्मा शहीद हो गए वहीं एक अन्य अधिकारी और 2 जवान घायल हो गए. एनकाउंटर वाली जगह से बड़े पैमाने पर हथियार और गोला-बारूद मिले हैं.
जब बेटे की मौत की खबर मिली तो केतन के पिता बदहवास होकर जमीन पर गिर पड़े और रोने लगे. जबकि माता ने रोते-रोते बस एक ही बात कही, 'मुझे बता दो मेरा शेर बेटा कहां गया?'
शहीद मेजर शर्मा को जानने वाले बताते हैं कि वह बेहद जिंदादिल और हंसमुख इंसान थे. आतंकवाद प्रभावित जम्मू-कश्मीर में ड्यूटी होने के बावजूद खुद भी हमेशा हंसते रहते थे और दूसरों को भी हंसाते रहते थे. उनके चेहरे पर कभी तनाव नहीं रहता था.
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मेजर केतन शर्मा वर्ष 2012 में सेना में शामिल हुए थे. मेजर शर्मा के परिवार में चार साल की बेटी कैरा और पत्नी इरा शर्मा हैं. अभी 27 मई को वह छुट्टी से वापस कश्मीर गए थे. शहीद हुए मेजर केतन शर्मा का परिवार गम में डूबा हुआ है. उनके परिवार ने कहा, 'सरकार पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दे.'
मेजर के ताऊ अशोक शर्मा ने कहा, 'सरकार शहादत का बदला ले और बार-बार की लड़ाई बंद करे.