अलीगढ़ : अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग में प्रोफेसर इरफान हबीब ने कहा है कि राज्यपाल अगर गलत बात करेंगे तो वह भी रोके जाएंगे.
प्रो. हबीब ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बीते दिनों कुन्नूर विश्वविद्यालय में उनके और केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के बीच हुए विवाद के बारे में अपना पक्ष रखा.
उन्होंने बताया कि कुन्नूर विश्वविद्यालय के कुलपति ने चांसलर होने के नाते इतिहासकारों का वेलकम करने के लिए राज्यपाल को बुलाया था. राज्यपाल ने अपना अभिभाषण आखिरी में रखवाया था.
प्रो. हबीब ने आरोप लगाया कि हिस्ट्री कांग्रेस के आयोजकों को इस दौरान रोका गया, जो इंडियन हिस्ट्री कांग्रेस कायदे के खिलाफ था. उन्होंने कहा, 'हिस्ट्री कांग्रेस के आयोजक हम हैं, तो कार्यक्रम भी हमारे कायदों से ही होना था.'
उन्होंने कहा, टगवर्नर आरिफ मोहम्मद खान को इतिहासकारों का स्वागत करना था, लेकिन उन्होंने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) की चर्चा छेड़ दी. वह महात्मा गांधी, मौलाना आजाद और मुसलमानों के बारे में गलत बयानबाजी करने लगे. जब वह इस लेवल पर बात करने लगे, तब मैंने कोशिश की कि इन मुद्दों को छोड़कर इतिहासकारों का स्वागत करें.ट
उन्होंने बताया, 'पुलिस वालों ने हमें रोका, लेकिन मैं मंच पर गया. इस दौरान राज्यपाल के साथ मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने हिस्ट्री कांग्रेस के चार आयोजकों को भी हिरासत में ले लिया था.' हबीब ने सीधे-सपाट शब्दों में कहा कि अगर राज्यपाल गलत बात करेंगे, तो रोके जाएंगे.
अगर मैं बहुत ही बुरा हूं तो प्रोफेसर एमिरेट्स व पद्म भूषण भी वापस ले लें
इस वाकये के बाद से इतिहासकार इरफान हबीब को मिले एमेरिट्स प्रोफेसर का रुतबा वापस लेने की मांग उठी. अलीगढ़ में भाजपा सांसद सतीश गौतम और अन्य हिन्दूवादी संगठनों ने केंद्र सरकार को पत्र भी लिखा. इस पर प्रो. हबीब ने कहा कि प्रोफेसर एमिरेट्स ही नहीं पद्म भूषण का अवार्ड भी वापस ले सकते हैं. उन्होंने कहा, 'अगर मैं बहुत ही बुरा लग रहा हूं, तो प्रोफेसर एमेरिट्स और पद्मभूषण वापस ले लें.'
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ऋग्वेद पर भी सरकार जांच बैठाए
आईआईटी कानपुर में फैज अहमद फैज की कविता को लेकर उठे सवाल पर प्रो. इरफान हबीब ने कहा कि अब कविता भी नहीं लिख सकते. सरकार को चाहिए कि ऋग्वेद पर भी कमीशन बैठा दे. उन्होंने कहा कि ऋग्वेद में भी कहा गया है कि ईश्वर को नहीं मालूम कि ईश्वर से पहले क्या था.