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टीएमसी में नहीं थम रहे बगावत के सुर, बैशाली डालमिया ने सीनियर नेताओं पर साधा निशाना

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में अब लगभग चार महीने से भी कम समय बाकी है. भाजपा पूरी ताकत से तृणमूल को उखाड़ फेंकने के दावे कर रही है. लेकिन सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) में आंतरिक क्लेश जैसी स्थिति देखी जा रही है. एक के बाद एक कई बड़े नेता-विधायक टीएमसी से अलग हो रहे हैं. ईटीवी भारत ने इस विषय पर बातचीत की है तृणमूल विधायक बैशाली डालमिया से.

बैशाली डालमिया
बैशाली डालमिया
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Published : Jan 6, 2021, 9:33 PM IST

Updated : Jan 6, 2021, 11:02 PM IST

कोलकाता : तृणमूल कांग्रेस का आंतरिक विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. पार्टी की विधायक बैशाली डालमिया ने अपने वरिष्ठ नेताओं पर काम नहीं करने देने के आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि युवा नेताओं को कई सांसद और विधायक काम नहीं करने देते हैं. भ्रष्टाचार पार्टी को दीमक की तरह धीरे-धीरे कर समाप्त कर रहा है.

बैशाली डालमिया से खास बातचीत.

ईटीवी भारत ने बैशाली डालमिया से विशेष बात की. उन्होंने कहा कि टीएमसी के कई नेताओं को काम करने में दिक्कतें आ रहीं हैं.

बैशाली ने कहा कि जिन लोगों ने पार्टी के लिए खून-पसीना एक कर दिया, उन्हें दरकिनार किया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि पार्टी में विधायक-सांसद के अलावा युवा कार्यकर्ताओं को भी रोका जाता है. नए लोगों को मौका देने के बजाय वरिष्ठ नेता कई बार पार्टी में आंतरिक अराजकता जैसे हालात का कारण बनते हैं.

उन्होंने कहा कि सीनियर लीडर हमेशा सुर्खियों में रहते हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर उनका विशेष योगदान नहीं होता. नए लोग जो काम करना चाहते हैं, उन्हें रोका जाता है. इन सीनियर लीडर्स में वरिष्ठ कार्यकर्ता भी शामिल होते हैं.

गैरराजनीतिक पृष्ठभूमि के लक्ष्मी रतन शुक्ला का इस्तीफा और खुद को हो रही परेशानी से जुड़े एक सवाल पर बैशाली ने कहा कि अवरोध पैदा करने की कोशिशें जरूर की जाती हैं, लेकिन वे मुझे नहीं रोक सकते.

उन्होंने कहा कि लोग उनके बारे में अनर्गल बात कर सकते हैं, उनकी छवि खराब करने की कोशिश भी की जाती है. उन्होंने कहा कि जनता मुझे जानती है और समर्थन भी देती है. उन्होंने कहा कि वे जनता के लिए काम करना चाहती हैं, और इसलिए उन्होंने अपना बिजनेस भी छोड़ा.

बैशाली ने कहा कि उनके राजनीति में आने का कारण जनता के हित में काम करना है, इसलिए 26 वर्षों तक बिजनेस चलाने के बाद उन्होंने राजनीति में आने का फैसला लिया.

तृणमूल में हो रही परेशानी के कारण पार्टी से अलग होने और किसी अन्य दल के साथ जाने के सवाल पर बैशाली ने कहा कि वे अपने बारे में बात करेंगी. उन्होंने कहा कि वे वर्तमान में रहना पसंद करती हैं, इसलिए वे भविष्य पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगी. उन्होंने कहा कि फिलहाल वे टीएमसी के साथ हैं और अपने निर्वाचन क्षेत्र के आम लोगों के लिए काम करना जारी रखेंगी.

गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल के युवा मामलों एवं खेल राज्यमंत्री शुक्ला ने मंगलवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. क्रिकेटर से नेता बने शुक्ला ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को अपना इस्तीफा भेजा, जिन्होंने उसे स्वीकार कर राज्यपाल जगदीप धनखड़ को भेज दिया.

इस घटना के बाद डालमिया ने आरोप लगाया कि विशिष्ट वर्ग अब खुलकर सामने आ गया है और पार्टी के वफादार सदस्यों की बात नहीं सुनी जा रही है. उन्होंने कहा, 'कुछ दीमक हावड़ा में तृणमूल कांग्रेस को खत्म कर रहे हैं जबकि वफादार सदस्यों की बात नहीं सुनी जा रही है.'

डालमिया ने कहा, 'ऐसा प्रतीत होता है कि हमारी शिकायतों की कोई सुनवाई नहीं है. एक विशिष्ट वर्ग हावड़ा में केन्द्र में आ गया है और हमें काम नहीं करने दे रहा है. लक्ष्मी ने इन लोगों से तंग आकर यह फैसला लिया

कोलकाता : तृणमूल कांग्रेस का आंतरिक विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. पार्टी की विधायक बैशाली डालमिया ने अपने वरिष्ठ नेताओं पर काम नहीं करने देने के आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि युवा नेताओं को कई सांसद और विधायक काम नहीं करने देते हैं. भ्रष्टाचार पार्टी को दीमक की तरह धीरे-धीरे कर समाप्त कर रहा है.

बैशाली डालमिया से खास बातचीत.

ईटीवी भारत ने बैशाली डालमिया से विशेष बात की. उन्होंने कहा कि टीएमसी के कई नेताओं को काम करने में दिक्कतें आ रहीं हैं.

बैशाली ने कहा कि जिन लोगों ने पार्टी के लिए खून-पसीना एक कर दिया, उन्हें दरकिनार किया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि पार्टी में विधायक-सांसद के अलावा युवा कार्यकर्ताओं को भी रोका जाता है. नए लोगों को मौका देने के बजाय वरिष्ठ नेता कई बार पार्टी में आंतरिक अराजकता जैसे हालात का कारण बनते हैं.

उन्होंने कहा कि सीनियर लीडर हमेशा सुर्खियों में रहते हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर उनका विशेष योगदान नहीं होता. नए लोग जो काम करना चाहते हैं, उन्हें रोका जाता है. इन सीनियर लीडर्स में वरिष्ठ कार्यकर्ता भी शामिल होते हैं.

गैरराजनीतिक पृष्ठभूमि के लक्ष्मी रतन शुक्ला का इस्तीफा और खुद को हो रही परेशानी से जुड़े एक सवाल पर बैशाली ने कहा कि अवरोध पैदा करने की कोशिशें जरूर की जाती हैं, लेकिन वे मुझे नहीं रोक सकते.

उन्होंने कहा कि लोग उनके बारे में अनर्गल बात कर सकते हैं, उनकी छवि खराब करने की कोशिश भी की जाती है. उन्होंने कहा कि जनता मुझे जानती है और समर्थन भी देती है. उन्होंने कहा कि वे जनता के लिए काम करना चाहती हैं, और इसलिए उन्होंने अपना बिजनेस भी छोड़ा.

बैशाली ने कहा कि उनके राजनीति में आने का कारण जनता के हित में काम करना है, इसलिए 26 वर्षों तक बिजनेस चलाने के बाद उन्होंने राजनीति में आने का फैसला लिया.

तृणमूल में हो रही परेशानी के कारण पार्टी से अलग होने और किसी अन्य दल के साथ जाने के सवाल पर बैशाली ने कहा कि वे अपने बारे में बात करेंगी. उन्होंने कहा कि वे वर्तमान में रहना पसंद करती हैं, इसलिए वे भविष्य पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगी. उन्होंने कहा कि फिलहाल वे टीएमसी के साथ हैं और अपने निर्वाचन क्षेत्र के आम लोगों के लिए काम करना जारी रखेंगी.

गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल के युवा मामलों एवं खेल राज्यमंत्री शुक्ला ने मंगलवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. क्रिकेटर से नेता बने शुक्ला ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को अपना इस्तीफा भेजा, जिन्होंने उसे स्वीकार कर राज्यपाल जगदीप धनखड़ को भेज दिया.

इस घटना के बाद डालमिया ने आरोप लगाया कि विशिष्ट वर्ग अब खुलकर सामने आ गया है और पार्टी के वफादार सदस्यों की बात नहीं सुनी जा रही है. उन्होंने कहा, 'कुछ दीमक हावड़ा में तृणमूल कांग्रेस को खत्म कर रहे हैं जबकि वफादार सदस्यों की बात नहीं सुनी जा रही है.'

डालमिया ने कहा, 'ऐसा प्रतीत होता है कि हमारी शिकायतों की कोई सुनवाई नहीं है. एक विशिष्ट वर्ग हावड़ा में केन्द्र में आ गया है और हमें काम नहीं करने दे रहा है. लक्ष्मी ने इन लोगों से तंग आकर यह फैसला लिया

Last Updated : Jan 6, 2021, 11:02 PM IST
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