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EXCLUSIVE : राजस्थान के उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट की ईटीवी भारत से विशेष बातचीत

क्षेत्रफल के लिहाज से देश के सबसे बड़े राज्य राजस्थान में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए क्या उपाय किए जा रहे हैं? राज्य को इस दौरान किन समस्याओं से जूझना पड़ रहा है? वर्तमान में राज्य की आर्थिक स्थिति कैसी है? प्रदेश में चिकित्सा सुविधाएं कैसी है? इन सभी महत्वपूर्ण मुद्दों पर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट ने ईटीवी भारत से विशेष बातचीत की.

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राजस्थान के उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट की ईटीवी भारत से विशेष बातचीत
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Published : May 3, 2020, 8:54 PM IST

Updated : May 3, 2020, 9:03 PM IST

जयपुर. कोरोना संक्रमण के खिलाफ जंग में सबसे पहले प्रभावी कदम उठाने वाला राजस्थान लगातार इसके खिलाफ जंग छेड़े हुए है. प्रदेश में लगातार कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है. सुखद बात यह है कि प्रदेश में रिकवरी रेट ज्यादातर राज्यों के मुकाबले काफी बेहतर है.

क्षेत्रफल के लिहाज से देश के सबसे बड़े राज्य राजस्थान में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए क्या उपाय किए जा रहे हैं? राज्य को इस दौरान किन समस्याओं से जूझना पड़ रहा है? वर्तमान में राज्य की आर्थिक स्थिति कैसी है? प्रदेश में चिकित्सा सुविधाएं कैसी है? इन सभी महत्वपूर्ण मुद्दों पर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने ईटीवी भारत से विशेष बातचीत की.

उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट की ईटीवी भारत के साथ विशेष बातचीत (भाग-1)

रोजाना 10,000 तक हो रही है टेस्टिंग..

प्रदेश में चिकित्सा सुविधाओं की ताजा स्थिति के बारे में सचिन पायलट ने कहा कि हम ज्यादा से ज्यादा टेस्टिंग पर जोर दे रहे हैं. वर्तमान में हम प्रतिदिन 10,000 तक टेस्ट कर रहे हैं. इसे भविष्य में और बढ़ाने की तैयारी है. सरकार इस महामारी से लड़ने के लिए सरकार पूरी ताकत के साथ लड़ रही है.

बदलनी होगी मानसिकता..

सचिन पायलट ने कहा कि इस कठिन समय में हमें अपनी मानसिकता को बदलना होगा. पॉजिटिव लोगों की संख्या बढ़ रही है तो लोग आलोचना कर रहे हैं. लेकिन हमें यह समझना होगा कि पॉजिटिव लोगों की संख्या तभी बढ़ रही है क्यूंकि ज्यादा से ज्यादा टेस्ट किए जा रहे हैं. हमें नजरिया बदलने की जरूरत है. पायलट का कहना है कि लोगों को स्वतः ही टेस्ट करवाने के लिए आगे आना चाहिए.

उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट की ईटीवी भारत के साथ विशेष बातचीत (भाग-2)

गोल कर गए रामगंज का मुद्दा..

जब सचिन पायलट से राजधानी में कोरोना के हॉटस्पाट रामगंज और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गृह नगर जोधपुर में लगातार बिगड़ती स्थिति के बारे में पूछा गया तो वे बचते नजर आए. उन्होंने बात बदलते हुए कहा कि शहरों में आवागमन ज्यादा रहता है इस कारण वहां ज्यादा संक्रमित सामने आ रहे हैं. हालांकि हम लगातार स्थिति को काबू करने में लगे हुए हैं.

गांवों में पहुंचा कोरोना, तो बेकाबू हो सकती है स्थिति..

सचिन पायलट ने स्पष्ट तौर पर कहा कि कोरोना संक्रमण अभी तक गांवों में नहीं फैला है. अगर यह गांवों में फैल गया तो यह हम सभी के लिए काफी चुनौतीपूर्ण होगा. गांवों में चिकित्सा सुविधाएं सीमित हैं, ऐसे में अगर वहां संक्रमण फैलता है तो काफी मुश्किल होगी.

उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट की ईटीवी भारत के साथ विशेष बातचीत (भाग-3)

प्रतिस्पर्धा करने से बचें राज्य, केंद्र उपलब्ध करवाए संसाधन..

सचिन पायलट ने कहा कि इस मुश्किल वक्त में केंद्र सरकार द्वारा सभी राज्यों को संसाधन उपलब्ध करवाए जाने चाहिए. अगर राज्य अपनी-अपनी जरूरत के लिए हिसाब से होड़ करने लगे तो इससे कीमतों में अनावश्यक वृद्धि होगी. ऐसे में गुणवत्ता पर भी ध्यान नहीं दिया जा सकेगा.

पायलट ने कहा कि हमारे देश में चिकित्सा सेवाओं पर जीडीपी (GDP) का डेढ़ से दो प्रतिशत ही खर्च किया जाता है. वहीं कई देश इस पर 18 से 20 प्रतिशत तक खर्च करते हैं. ऐसे में हमें यह समझना होगा कि हमें कैसे इस महामारी से लड़ना है और इस पर विजय हासिल करनी है.

मनरेगा श्रमिकों की संख्या पहुंचाई 14 लाख तक..

सचिन पायलट ने कहा कि लॉकडाउन के कारण लोगों की आर्थिक स्थिति बुरी तरह से बिगड़ गई है. खासकर दैनिक मजदूरी कर अपना पेट पालने वाले लोगों की स्थिति तो काफी खराब है. ऐसे में मनरेगा के जरिए लोगों को संबल दिया जा रहा है. कुछ दिनों के भीतर ही राजस्थान में मनरेगा के तहत काम करने वाले मजदूरों की संख्या 60,000 से बढ़कर 14 लाख तक पहुंच चुकी है.

उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट की ईटीवी भारत के साथ विशेष बातचीत (भाग-4)

केंद्र ने नहीं की मदद तो ज्यादा दिनों तक खड़े नहीं रह पाएंगे राज्य..
सचिन पायलट ने कहा कि इस मुश्किल दौर में राज्यों के पास आमदनी के कोई साधन नहीं बचे हैं. ऐसे में केंद्र को मदद के लिए आगे आना होगा. अभी तक राज्य को जीएसटी (GST) का पैसा भी नहीं मिला है, ऐसे में जल्द मदद नहीं मिली तो राज्य ज्यादा दिनों तक खड़े नहीं रह सकेंगे.

गांवों के लिए बनाया गया अगले 30 साल का मास्टर प्लान..
राजस्थान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष पायलट ने कहा कि अरबन डवलपमेंट की बात तो सभी करते हैं. आज हमें रुककर सोचना होगा हमारी ज्यादातर जनसंख्या कहां रहती है, उनके लिए हम क्या कर सकतेहैं. हमारी सरकार का प्रयास है कि गांवों का भी उचित विकास हो. सरकार ने अगले 30 सालों के लिए मास्टर प्लान बनाया है, जिस पर काम जारी है. सीमित जगह का कैसे ज्यादा से ज्यादा सदुपयोग किया जा सके. ऐसी व्यवस्थान की जाए जिससे गांव के लोग गांव में ही रहकर अपना जीवनयापन कर सके.

उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट की ईटीवी भारत के साथ विशेष बातचीत (भाग-5)

सब्सिडी को लेकर नकारात्मक सोच गलत..
सचिन पायलट ने कहा कि गरीबों या किसानों की दी जाने वाली सब्सिडी की कई लोग आलोचना करते हैं, ये सोच गलत है. हमें यह समझना होगा कि ये लोग वाकई में मदद के हकदार होते हैं. उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि जब हम सामान खरीदने जाते हैं, तो हमें वह एमआरपी (Maximum Retail Price) पर खरीदना होता है. इसमें व्यापारी अपनी लागत निकाल लेता है.

लेकिन वहीं जब किसान अपना फसल बेचने बाजार में जाता है तो उसे एमएसपी (Minimum Support Price) ही मिलता है. किसान खेती के दौरान बिजली-पानी, संसाधन और अपनी पूरी मेहनत लगाता है, लेकिन फिर भी उसे उसकी फसल की कम से कम लागत मिलती है. ऐसे में इन्हें हमारी सपोर्ट की जरूरत होती है. तमाम परेशानियों से जूझने के बाद भी किसान हमारी लिए अनाज की पूर्ति करता है.

लोगों से न लिया जाए किराया..
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार को इस वक्त बाहरी राज्यों में फंसे लोगों को उनके राज्यों तक रेल से पहुंचाने की व्यवस्था करनी चाहिए. लोगों से किराया नहीं लिया जाना चाहिए. वहीं पायलट ने केंद्र से अपील करते हुए कहा कि इस समय गरीब वर्ग काफी मुश्किल में है, ऐसे में हमें उनके हाथ मजबूत करने होंगे. मनरेगा के तहत होने वाले कार्य दिवसों को 100 से बढ़ाकर 200 दिन किया जाना चाहिए. इस मुश्किल समय में केंद्र और राज्य दोनों को मिलकर काम करना चाहिए, तभी सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे.

जयपुर. कोरोना संक्रमण के खिलाफ जंग में सबसे पहले प्रभावी कदम उठाने वाला राजस्थान लगातार इसके खिलाफ जंग छेड़े हुए है. प्रदेश में लगातार कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है. सुखद बात यह है कि प्रदेश में रिकवरी रेट ज्यादातर राज्यों के मुकाबले काफी बेहतर है.

क्षेत्रफल के लिहाज से देश के सबसे बड़े राज्य राजस्थान में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए क्या उपाय किए जा रहे हैं? राज्य को इस दौरान किन समस्याओं से जूझना पड़ रहा है? वर्तमान में राज्य की आर्थिक स्थिति कैसी है? प्रदेश में चिकित्सा सुविधाएं कैसी है? इन सभी महत्वपूर्ण मुद्दों पर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने ईटीवी भारत से विशेष बातचीत की.

उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट की ईटीवी भारत के साथ विशेष बातचीत (भाग-1)

रोजाना 10,000 तक हो रही है टेस्टिंग..

प्रदेश में चिकित्सा सुविधाओं की ताजा स्थिति के बारे में सचिन पायलट ने कहा कि हम ज्यादा से ज्यादा टेस्टिंग पर जोर दे रहे हैं. वर्तमान में हम प्रतिदिन 10,000 तक टेस्ट कर रहे हैं. इसे भविष्य में और बढ़ाने की तैयारी है. सरकार इस महामारी से लड़ने के लिए सरकार पूरी ताकत के साथ लड़ रही है.

बदलनी होगी मानसिकता..

सचिन पायलट ने कहा कि इस कठिन समय में हमें अपनी मानसिकता को बदलना होगा. पॉजिटिव लोगों की संख्या बढ़ रही है तो लोग आलोचना कर रहे हैं. लेकिन हमें यह समझना होगा कि पॉजिटिव लोगों की संख्या तभी बढ़ रही है क्यूंकि ज्यादा से ज्यादा टेस्ट किए जा रहे हैं. हमें नजरिया बदलने की जरूरत है. पायलट का कहना है कि लोगों को स्वतः ही टेस्ट करवाने के लिए आगे आना चाहिए.

उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट की ईटीवी भारत के साथ विशेष बातचीत (भाग-2)

गोल कर गए रामगंज का मुद्दा..

जब सचिन पायलट से राजधानी में कोरोना के हॉटस्पाट रामगंज और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गृह नगर जोधपुर में लगातार बिगड़ती स्थिति के बारे में पूछा गया तो वे बचते नजर आए. उन्होंने बात बदलते हुए कहा कि शहरों में आवागमन ज्यादा रहता है इस कारण वहां ज्यादा संक्रमित सामने आ रहे हैं. हालांकि हम लगातार स्थिति को काबू करने में लगे हुए हैं.

गांवों में पहुंचा कोरोना, तो बेकाबू हो सकती है स्थिति..

सचिन पायलट ने स्पष्ट तौर पर कहा कि कोरोना संक्रमण अभी तक गांवों में नहीं फैला है. अगर यह गांवों में फैल गया तो यह हम सभी के लिए काफी चुनौतीपूर्ण होगा. गांवों में चिकित्सा सुविधाएं सीमित हैं, ऐसे में अगर वहां संक्रमण फैलता है तो काफी मुश्किल होगी.

उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट की ईटीवी भारत के साथ विशेष बातचीत (भाग-3)

प्रतिस्पर्धा करने से बचें राज्य, केंद्र उपलब्ध करवाए संसाधन..

सचिन पायलट ने कहा कि इस मुश्किल वक्त में केंद्र सरकार द्वारा सभी राज्यों को संसाधन उपलब्ध करवाए जाने चाहिए. अगर राज्य अपनी-अपनी जरूरत के लिए हिसाब से होड़ करने लगे तो इससे कीमतों में अनावश्यक वृद्धि होगी. ऐसे में गुणवत्ता पर भी ध्यान नहीं दिया जा सकेगा.

पायलट ने कहा कि हमारे देश में चिकित्सा सेवाओं पर जीडीपी (GDP) का डेढ़ से दो प्रतिशत ही खर्च किया जाता है. वहीं कई देश इस पर 18 से 20 प्रतिशत तक खर्च करते हैं. ऐसे में हमें यह समझना होगा कि हमें कैसे इस महामारी से लड़ना है और इस पर विजय हासिल करनी है.

मनरेगा श्रमिकों की संख्या पहुंचाई 14 लाख तक..

सचिन पायलट ने कहा कि लॉकडाउन के कारण लोगों की आर्थिक स्थिति बुरी तरह से बिगड़ गई है. खासकर दैनिक मजदूरी कर अपना पेट पालने वाले लोगों की स्थिति तो काफी खराब है. ऐसे में मनरेगा के जरिए लोगों को संबल दिया जा रहा है. कुछ दिनों के भीतर ही राजस्थान में मनरेगा के तहत काम करने वाले मजदूरों की संख्या 60,000 से बढ़कर 14 लाख तक पहुंच चुकी है.

उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट की ईटीवी भारत के साथ विशेष बातचीत (भाग-4)

केंद्र ने नहीं की मदद तो ज्यादा दिनों तक खड़े नहीं रह पाएंगे राज्य..
सचिन पायलट ने कहा कि इस मुश्किल दौर में राज्यों के पास आमदनी के कोई साधन नहीं बचे हैं. ऐसे में केंद्र को मदद के लिए आगे आना होगा. अभी तक राज्य को जीएसटी (GST) का पैसा भी नहीं मिला है, ऐसे में जल्द मदद नहीं मिली तो राज्य ज्यादा दिनों तक खड़े नहीं रह सकेंगे.

गांवों के लिए बनाया गया अगले 30 साल का मास्टर प्लान..
राजस्थान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष पायलट ने कहा कि अरबन डवलपमेंट की बात तो सभी करते हैं. आज हमें रुककर सोचना होगा हमारी ज्यादातर जनसंख्या कहां रहती है, उनके लिए हम क्या कर सकतेहैं. हमारी सरकार का प्रयास है कि गांवों का भी उचित विकास हो. सरकार ने अगले 30 सालों के लिए मास्टर प्लान बनाया है, जिस पर काम जारी है. सीमित जगह का कैसे ज्यादा से ज्यादा सदुपयोग किया जा सके. ऐसी व्यवस्थान की जाए जिससे गांव के लोग गांव में ही रहकर अपना जीवनयापन कर सके.

उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट की ईटीवी भारत के साथ विशेष बातचीत (भाग-5)

सब्सिडी को लेकर नकारात्मक सोच गलत..
सचिन पायलट ने कहा कि गरीबों या किसानों की दी जाने वाली सब्सिडी की कई लोग आलोचना करते हैं, ये सोच गलत है. हमें यह समझना होगा कि ये लोग वाकई में मदद के हकदार होते हैं. उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि जब हम सामान खरीदने जाते हैं, तो हमें वह एमआरपी (Maximum Retail Price) पर खरीदना होता है. इसमें व्यापारी अपनी लागत निकाल लेता है.

लेकिन वहीं जब किसान अपना फसल बेचने बाजार में जाता है तो उसे एमएसपी (Minimum Support Price) ही मिलता है. किसान खेती के दौरान बिजली-पानी, संसाधन और अपनी पूरी मेहनत लगाता है, लेकिन फिर भी उसे उसकी फसल की कम से कम लागत मिलती है. ऐसे में इन्हें हमारी सपोर्ट की जरूरत होती है. तमाम परेशानियों से जूझने के बाद भी किसान हमारी लिए अनाज की पूर्ति करता है.

लोगों से न लिया जाए किराया..
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार को इस वक्त बाहरी राज्यों में फंसे लोगों को उनके राज्यों तक रेल से पहुंचाने की व्यवस्था करनी चाहिए. लोगों से किराया नहीं लिया जाना चाहिए. वहीं पायलट ने केंद्र से अपील करते हुए कहा कि इस समय गरीब वर्ग काफी मुश्किल में है, ऐसे में हमें उनके हाथ मजबूत करने होंगे. मनरेगा के तहत होने वाले कार्य दिवसों को 100 से बढ़ाकर 200 दिन किया जाना चाहिए. इस मुश्किल समय में केंद्र और राज्य दोनों को मिलकर काम करना चाहिए, तभी सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे.

Last Updated : May 3, 2020, 9:03 PM IST
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