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प. बंगाल के पूर्व सीएम बुद्धदेब भट्टाचार्य की तबियत बिगड़ी, अस्पताल में भर्ती

पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य को सांस लेने में तकलीफ बढ़ने के बाद बुधवार को दोपहर में दक्षिण कोलकाता में एक अस्पताल में भर्ती कराया गया. उनकी तबीयत नाजुक बताई गई है. 76 वर्षीय भट्टाचार्य की कोरोना जांच निगेटिव पाई गई थी.

पूर्व सीएम बुद्धदेब भट्टाचार्य
पूर्व सीएम बुद्धदेब भट्टाचार्य
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Published : Dec 9, 2020, 2:53 PM IST

Updated : Dec 9, 2020, 7:55 PM IST

कोलकाता : पश्चिम बंगाल के पूर्व सीएम बुद्धदेब भट्टाचार्य की तबियत बिगड़ने की खबर है. उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है. बुद्धदेब भट्टाचार्य को सांस लेने में तकलीफ की शिकायत के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

भट्टाचार्य को कोलकाता स्थित एक निजी अस्पताल के 'फ्लू क्लिनिक' में भर्ती कराया गया है, जहां वे डॉक्टरों की निगरानी में हैं. डॉक्टरों ने कहा, 'हम उसका इलाज कर रहे हैं. आवश्यक परीक्षण भी किए जा रहे हैं.

भट्टाचार्य को निजी अस्पताल में गंभीर चिकित्सा कक्ष में वेंटिलेटर पर रखा गया है. अस्पताल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'भट्टाचार्य की आरटी-पीसीआर जांच में पता चला है कि वह कोरोना वायरस से संक्रमित नहीं हैं. यह अच्छी खबर है. उनके मस्तिष्क के सीटी स्कैन में पुराने जख्मों के बारे में पता चला है. गंभीर चिकित्सा कक्ष (सीसीयू) में उनका इलाज चल रहा है.'

उन्होंने कहा, 'फिलहाल उन्हें नॉन-इनवेसिव वेंटिलेशन पर रखा गया है. उनके ऑक्सीजन लेने की सीमा को 95 प्रतिशत पर रखा गया है. उनकी तबीयत नाजुक है, लेकिन मौजूदा इलाज का अच्छा असर हो रहा है.'

माकपा के वरिष्ठ नेता भट्टाचार्य के स्वास्थ्य पर नजर रखने के लिये वरिष्ठ डॉक्टरों की दो सदस्यीय टीम का गठन किया गया है.

10 साल रहे सीएम, 2018 में पोलित ब्यूरो से अलग

बता दें कि 76 वर्षीय भट्टाचार्य 2000 से 2011 तक पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री थे.उन्हें सांस लेने में तकलीफ होने के अलावा वृद्धावस्था से जुड़ी अन्य बीमारियां भी हैं. वे 2018 में राज्य सचिवालय और वाम दल की केंद्रीय समिति- सीपीआई (एम) पोलित ब्यूरो से अलग हो गए थे.

पहले भी हो चुके हैं बीमार

गौरतलब है कि सितंबर, 2019 में भी माकपा के वयोवृद्ध नेता बुद्धदेब भट्टाचार्य को श्वास संबंधित गंभीर समस्या के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था. भट्टाचार्य को कोलकाता के निजी वूडलैंड अस्पताल की गहन चिकित्सा इकाई में भर्ती कराया गया था.

निमोनिया और एनीमिया की भी समस्या

चिकित्सकों ने पाया था कि बुद्धदेब की क्रॉनिक ऑबस्ट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) गंभीर रूप से बढ़ गई थी. साथ में उन्हें दोनों फेफड़ों में निमोनिया और एनीमिया की भी समस्या थी.

उन्हें नॉन-इनवैसिव वेंटिलेशन, इंटरवेनस एंटीबायोटिक्स और नेबुलाइजेशन पर रखा गया था और उनके सीने की जकड़न साफ करने के लिए सीने की साइकोथेरेपी की गई थी. चिकित्सकों के मुताबिक उनका ब्लड ट्रांसफ्यूजन भी किया गया था.

कोलकाता : पश्चिम बंगाल के पूर्व सीएम बुद्धदेब भट्टाचार्य की तबियत बिगड़ने की खबर है. उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है. बुद्धदेब भट्टाचार्य को सांस लेने में तकलीफ की शिकायत के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

भट्टाचार्य को कोलकाता स्थित एक निजी अस्पताल के 'फ्लू क्लिनिक' में भर्ती कराया गया है, जहां वे डॉक्टरों की निगरानी में हैं. डॉक्टरों ने कहा, 'हम उसका इलाज कर रहे हैं. आवश्यक परीक्षण भी किए जा रहे हैं.

भट्टाचार्य को निजी अस्पताल में गंभीर चिकित्सा कक्ष में वेंटिलेटर पर रखा गया है. अस्पताल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'भट्टाचार्य की आरटी-पीसीआर जांच में पता चला है कि वह कोरोना वायरस से संक्रमित नहीं हैं. यह अच्छी खबर है. उनके मस्तिष्क के सीटी स्कैन में पुराने जख्मों के बारे में पता चला है. गंभीर चिकित्सा कक्ष (सीसीयू) में उनका इलाज चल रहा है.'

उन्होंने कहा, 'फिलहाल उन्हें नॉन-इनवेसिव वेंटिलेशन पर रखा गया है. उनके ऑक्सीजन लेने की सीमा को 95 प्रतिशत पर रखा गया है. उनकी तबीयत नाजुक है, लेकिन मौजूदा इलाज का अच्छा असर हो रहा है.'

माकपा के वरिष्ठ नेता भट्टाचार्य के स्वास्थ्य पर नजर रखने के लिये वरिष्ठ डॉक्टरों की दो सदस्यीय टीम का गठन किया गया है.

10 साल रहे सीएम, 2018 में पोलित ब्यूरो से अलग

बता दें कि 76 वर्षीय भट्टाचार्य 2000 से 2011 तक पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री थे.उन्हें सांस लेने में तकलीफ होने के अलावा वृद्धावस्था से जुड़ी अन्य बीमारियां भी हैं. वे 2018 में राज्य सचिवालय और वाम दल की केंद्रीय समिति- सीपीआई (एम) पोलित ब्यूरो से अलग हो गए थे.

पहले भी हो चुके हैं बीमार

गौरतलब है कि सितंबर, 2019 में भी माकपा के वयोवृद्ध नेता बुद्धदेब भट्टाचार्य को श्वास संबंधित गंभीर समस्या के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था. भट्टाचार्य को कोलकाता के निजी वूडलैंड अस्पताल की गहन चिकित्सा इकाई में भर्ती कराया गया था.

निमोनिया और एनीमिया की भी समस्या

चिकित्सकों ने पाया था कि बुद्धदेब की क्रॉनिक ऑबस्ट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) गंभीर रूप से बढ़ गई थी. साथ में उन्हें दोनों फेफड़ों में निमोनिया और एनीमिया की भी समस्या थी.

उन्हें नॉन-इनवैसिव वेंटिलेशन, इंटरवेनस एंटीबायोटिक्स और नेबुलाइजेशन पर रखा गया था और उनके सीने की जकड़न साफ करने के लिए सीने की साइकोथेरेपी की गई थी. चिकित्सकों के मुताबिक उनका ब्लड ट्रांसफ्यूजन भी किया गया था.

Last Updated : Dec 9, 2020, 7:55 PM IST

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