नई दिल्ली: बीजेपी के जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 खत्म करने के निर्णय को लेकर कांग्रेसी खेमें हलचल पैदा हो गई है. कांग्रेसी नेता दो पक्षों में बट गए हैं. इसी सिलसिले में कांग्रेस से राज्यसभा सांसद भुवनेश्वर कलिता ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. इसी के साथ-साथ उन्होंने पार्टी की सदस्यता भी छोड़ दी है.
इसी बीच ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि मैंने अपना इस्तीफा सौंप दिया है क्योंकि पार्टी का सदस्य रहते हुए मैं अनुच्छेद 370 पर पार्टी के पक्ष का मैं विरोध नहीं कर सकता था. इसलिए मैंने राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. इसके बाद जब मुझे इस पर पार्टी की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली तो मैंने पार्टी से भी इस्तीफा दे दिया.
इस बातचीत के दौरान कलिता ने अधीर रंजन चौधरी की भी आलोचना की. बता दें, कश्मीर जो कि भारत का आंतरिक मामला है इस पर चौधरी ने लोकसभा में कार्यवाही के दौरान संयुक्त राष्ट्र से परामर्श की बात कही थी.
इसी मामले पर कलिता कहते हैं कि जब ट्रंप ने मध्यस्ता की बात की तो हमने इसका विरोध किया...कश्मीर हमेशा भारत का आंतरिक मसला रहा है.
पढ़ें: जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल के बाद अगल नंबर राम मंदिर : संजय राउत
कलिता आगे बताते है कि पार्टी की स्थिती बहुत खराब है. हर कोई खुद को पार्टी का अध्यक्ष समझता है क्योंकि असल में पार्टी का कोई अध्यक्ष नहीं है. यही हालात रहे तो कांग्रेस का कोई भविष्य नहीं होगा.
कलिता पार्टी में 1984 से थे. उनके कांग्रेस छोड़ने से पार्टी पर बुरा प्रभाव पड़ेगा. कलिता दोनों ही सदनों में सांसद रह चुके हैं. दो बार वे राज्यसभा सांसद रहे और एक बार चुन कर लोकसभा भी पहुंचे. यही नहीं कांग्रेस सरकार के वक्त कलिता एक बार केंद्रीय राज्य मंत्री भी रहे हैं.