नई दिल्ली : कश्मीर में मानवाधिकारों की स्थिति का जायजा लेने के लिए यूरोपीय यूनियन (ईयू) का संसदीय प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को श्रीनगर का दौरा करेगा, जहां यह दल जम्मू-कश्मीर प्रशासन के अधिकारियों और श्रीनगर के स्थानीय निवासियों से मुलाकात करेगा.
फ्रांस के राजनेता और यूरोपीय संसद के सदस्य थियरी मारियानी ने इस मामले पर ईटीवी भारत से बातचीत में कहा, 'हम यहां कश्मीर के बारे में अधिक जानकारी हासिल करने आए हैं.'
उन्होंने कहा कि जैसा कि आप जानते हैं कि यूरोप में कश्मीर के बारे में विपरीत जानकारी है. लेकिन यह दौरा हकीकत को देखने का एक अच्छा तरीका है.
हालांकि, ईयू के संसद सदस्य ने पूरे प्रतिनिधिमंडल की यात्रा के बारे में बहुत कुछ नहीं बताया, लेकिन उन्होंने जोर देकर कहा, 'जैसा कि आप जानते हैं कि भारत की तरह ही यूरोप भी आतंकवादियों द्वारा मारा गया है. मुझे लगता है कि कश्मीर में जो हुआ है, वह दुनिया के इस हिस्से में सुरक्षा के लिए उठाया गया पहला कदम है.'
मारियानी के अलावा बी.एन. डन्न ने कहा, 'हां, हम जम्मू कश्मीर जा रहे हैं. पीएम मोदी ने अनुच्छेद 370 को लेकर हमें पूरी जानकारी दे दी है. लेकिन मैं वहां के हालात देखना चाहता हूं. साथ ही मैं कुछ स्थानीय लोगों से बात भी करूंगा.'
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गौरतलब है कि इस प्रतिनिधिमंडल में इटली के फुल्वियो मार्टुसिएलो, फ्रांस के थियरी मारियानी, इटली के गुइसेपे फेरैंडीनो और यूके के नेथन गिल भी शामिल हैं,
इससे पहले यूरोपीय यूनियन के करीब 25 सांसदों ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल से मुलाकात की.
इस मौके पर पीएम मोदी ने उम्मीद जताई कि यूरोपीय यूनियन के संसदीय प्रतिनिधिमंडल का दौरा जम्मू-कश्मीर सहित देश के विभिन्न हिस्सों में लाभदायक होगा.