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चुशूल में बढ़ी समझ, भारत-चीन तनाव में कर सकती है कमी - पीएम नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग

चुशुल में सोमवार को भारतीय और चीनी सैन्य के साथ ही राजनयिक अधिकारियों के बीच बातचीत तनाव में कमी के संकेत दे रही है. दोनों पक्ष पीएम नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग की बनाई समझ को ईमानदारी से लागू करने पर सहमत हुए. पढ़ें ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता संजीब कुमार बरुआ की रिपोर्ट.

Modi and Xi
मोदी और शी
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Published : Oct 13, 2020, 8:58 PM IST

नई दिल्ली : पूर्वी लद्दाख के चुशुल में सोमवार को भारतीय और चीनी सैन्य के साथ ही राजनयिक अधिकारियों के बीच बातचीत 11 घंटे से अधिक हुई, मगर इससे हासिल बहुत कम हुआ. दोनों पक्षों में एक समझ बनी कि ठंड को देखते हुए गहराई वाले क्षेत्रों में सैनिकों की संख्या में कमी हो सकती है. ईटीवी भारत को एक अधिकारी ने बताया कि सैनिकों की संख्या में कमी को लेकर न तो कोई समय-सीमा तय है और न ही कोई इसे करने की जल्दबाजी में है. हां, इस बात का एहसास दोनों पक्षों को है कि उच्च स्तर पर एक स्थायी समझौता सीमा मुद्दे को हल कर सकता है.

संवाद और संपर्क बनाए रखने पर राजी

मंगलवार को जारी एक संयुक्त बयान में सोमवार की वार्ता के बारे में कहा गया है कि जल्द से जल्द सैनिकों के पीछे हटने के लिए दोनों पक्षों को स्वीकार्य समाधान निकालने के लिए संवाद बनाए रखना होगा. भारत और चीन सैन्य और राजनयिक माध्यम से संवाद और संपर्क बनाए रखने पर राजी हुए. दोनों पक्षों ने रचनात्मक चर्चा की और इस दौरान एक-दूसरे की स्थिति के प्रति आपसी समझ बढ़ी.

अनौपचारिक शिखर सम्मेलनों की चर्चा

बयान में यह भी कहा गया है कि दोनों पक्ष पीएम नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग की समझ को ईमानदारी से लागू करने पर सहमत हुए. मोदी और शी वुहान (27-28 अप्रैल, 2018) और ममल्लापुरम (12 अक्टूबर, 2019) में द्विपक्षीय अनौपचारिक शिखर सम्मेलनों में मिले थे. दोनों नेताओं के 12वें ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका) शिखर सम्मेलन के दौरान फिर से मिलने की उम्मीद है. ब्रिक्स की अध्यक्षता रूस द्वारा की जाएगी और 17 नवंबर को वर्चुअली आयोजित होगा.

जनरल सिंह की यह अंतिम भागीदारी

अप्रैल-मई के बाद से भारत और चीन ने सीमा रेखा के पास 1,00,000 से अधिक सैनिकों को तैनात किया है. दोनों पक्षों के बीच रक्षा मंत्री, विदेश मंत्री, विशेष प्रतिनिधि, विभिन्न नौकरशाही और सैन्य स्तरों पर हुईं कई बैठकों के बाद भी अब तक कोई समाधान नहीं निकला है. कमांडर स्तर पर यह सातवीं बैठक थी. इसमें भारतीय और चीनी विदेश मंत्रालयों के वरिष्ठ राजनयिकों का भी प्रतिनिधित्व था.

वार्ता में भारतीय प्रतिनिधिमंडल में 14 कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह और लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन के अलावा विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव नवीन श्रीवास्तव शामिल रहे. जनरल मेनन के साथ वार्ता में जनरल सिंह की यह अंतिम भागीदारी है. जनरल मेनन बुधवार को 14 कोर की कमान संभालने वाले हैं.

नई दिल्ली : पूर्वी लद्दाख के चुशुल में सोमवार को भारतीय और चीनी सैन्य के साथ ही राजनयिक अधिकारियों के बीच बातचीत 11 घंटे से अधिक हुई, मगर इससे हासिल बहुत कम हुआ. दोनों पक्षों में एक समझ बनी कि ठंड को देखते हुए गहराई वाले क्षेत्रों में सैनिकों की संख्या में कमी हो सकती है. ईटीवी भारत को एक अधिकारी ने बताया कि सैनिकों की संख्या में कमी को लेकर न तो कोई समय-सीमा तय है और न ही कोई इसे करने की जल्दबाजी में है. हां, इस बात का एहसास दोनों पक्षों को है कि उच्च स्तर पर एक स्थायी समझौता सीमा मुद्दे को हल कर सकता है.

संवाद और संपर्क बनाए रखने पर राजी

मंगलवार को जारी एक संयुक्त बयान में सोमवार की वार्ता के बारे में कहा गया है कि जल्द से जल्द सैनिकों के पीछे हटने के लिए दोनों पक्षों को स्वीकार्य समाधान निकालने के लिए संवाद बनाए रखना होगा. भारत और चीन सैन्य और राजनयिक माध्यम से संवाद और संपर्क बनाए रखने पर राजी हुए. दोनों पक्षों ने रचनात्मक चर्चा की और इस दौरान एक-दूसरे की स्थिति के प्रति आपसी समझ बढ़ी.

अनौपचारिक शिखर सम्मेलनों की चर्चा

बयान में यह भी कहा गया है कि दोनों पक्ष पीएम नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग की समझ को ईमानदारी से लागू करने पर सहमत हुए. मोदी और शी वुहान (27-28 अप्रैल, 2018) और ममल्लापुरम (12 अक्टूबर, 2019) में द्विपक्षीय अनौपचारिक शिखर सम्मेलनों में मिले थे. दोनों नेताओं के 12वें ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका) शिखर सम्मेलन के दौरान फिर से मिलने की उम्मीद है. ब्रिक्स की अध्यक्षता रूस द्वारा की जाएगी और 17 नवंबर को वर्चुअली आयोजित होगा.

जनरल सिंह की यह अंतिम भागीदारी

अप्रैल-मई के बाद से भारत और चीन ने सीमा रेखा के पास 1,00,000 से अधिक सैनिकों को तैनात किया है. दोनों पक्षों के बीच रक्षा मंत्री, विदेश मंत्री, विशेष प्रतिनिधि, विभिन्न नौकरशाही और सैन्य स्तरों पर हुईं कई बैठकों के बाद भी अब तक कोई समाधान नहीं निकला है. कमांडर स्तर पर यह सातवीं बैठक थी. इसमें भारतीय और चीनी विदेश मंत्रालयों के वरिष्ठ राजनयिकों का भी प्रतिनिधित्व था.

वार्ता में भारतीय प्रतिनिधिमंडल में 14 कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह और लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन के अलावा विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव नवीन श्रीवास्तव शामिल रहे. जनरल मेनन के साथ वार्ता में जनरल सिंह की यह अंतिम भागीदारी है. जनरल मेनन बुधवार को 14 कोर की कमान संभालने वाले हैं.

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