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लॉकडाउन : बिजली-पानी के बिलों के ऑनलाइन भुगतान में 163% की बढ़त

एक रिपोर्ट के मुताबिक देशभर में लागू लॉकडाउन के दौरान लोगों का रूझान ऑनलाइन की तरफ बढ़ा है. चाहे वह बिजली-पानी के बिल का भुगतान हो या डॉक्टरों से परामर्श की. इसके साथ छात्र भी ऑनलाइन पढ़ाई की तरफ आकर्षित हुए हैं.

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Published : Jul 7, 2020, 5:53 AM IST

kuwait  approves quota bill
प्रतीकात्मक तस्वीर

नई दिल्ली : देशभर में 25 मार्च से हुए लॉकडाउन के बाद लोगों के डिजिटल लेनदेन की आदत में बदलाव देखा गया है. यहां तक कि लॉकडाउन की 101 दिन की अवधि (दो जुलाई तक) में बिजली-पानी के बिलों के ऑनलाइन भुगतान में 163 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई है.

ऑनलाइन भुगतान मंच रेजरपे ने उसके मंच पर 24 मार्च से दो जुलाई के बीच विभिन्न क्षेत्रों के लिए किए गए डिजिटल लेनदेन का विश्लेषण कर यह रिपोर्ट तैयार की है. इस रिपोर्ट में शिक्षा क्षेत्र, चिकित्सा क्षेत्र इत्यादि में भी हुए डिजिटल लेनदेने का आकलन किया गया है.

रिपोर्ट के मुताबिक समीक्षावधि में बिजली-पानी के बिलों के ऑनलाइन भुगतान में 163 फीसदी का उछाल देखा गया है. इसी दौरान ऑनलाइन पढ़ाई की मांग बढ़ी है. ऑनलाइन शिक्षा के लिए डिजिटल भुगतान में 23 फीसदी बढ़त दर्ज की गई. वहीं चिकित्सकों से ऑनलाइन परामर्श लेने के मामले में भी भुगतान में 20 प्रतिशत बढ़ोत्तरी हुई.

रिपोर्ट के मुताबिक डिजिटल भुगतान के मामलों में राज्यों के हिसाब से कर्नाटक का योगदान 23 प्रतिशत के साथ सबसे अधिक रहा. इसके बाद महाराष्ट्र का 17 प्रतिशत और तेलंगाना का 11 प्रतिशत योगदान रहा. इस दौरान गुजरात, मध्यप्रदेश और तमिलनाडु में डिजिटल लेनदेन में क्रमश: 35, 32 और 2 फीसदी की गिरावट रही.

डिजिटल लेनदेन के विभिन्न तरीकों में से उपयोक्ताओं की सबसे अधिक पसंद यूपीआई रहा. समीक्षावधि में यूपीआई से लेनदेन में 43 प्रतिशत, कार्ड से भुगतान में 40 प्रतिशत और नेटबैंकिंग से भुगतान में 10 प्रतिशत बढ़त दर्ज की गई.

रेजरपे के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और सह-संस्थापक हर्षिल माथुर ने कहा, 'डिजिटल लेनदेन में उतार-चढ़ाव के बाद लॉकडाउन के 101 दिनों में से अंत के 30 दिनों में 23 प्रतिशत की बढ़त देखी गई हैं. मेरा मानना है कि छोटे शहरों में डिजिटल भुगतान सुविधा के विकास ने लोगों के बीच कोरोना वायरस संकट के दौरान ऑनलाइन लेनदेन की आदत को बढ़ावा दिया है.'

नई दिल्ली : देशभर में 25 मार्च से हुए लॉकडाउन के बाद लोगों के डिजिटल लेनदेन की आदत में बदलाव देखा गया है. यहां तक कि लॉकडाउन की 101 दिन की अवधि (दो जुलाई तक) में बिजली-पानी के बिलों के ऑनलाइन भुगतान में 163 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई है.

ऑनलाइन भुगतान मंच रेजरपे ने उसके मंच पर 24 मार्च से दो जुलाई के बीच विभिन्न क्षेत्रों के लिए किए गए डिजिटल लेनदेन का विश्लेषण कर यह रिपोर्ट तैयार की है. इस रिपोर्ट में शिक्षा क्षेत्र, चिकित्सा क्षेत्र इत्यादि में भी हुए डिजिटल लेनदेने का आकलन किया गया है.

रिपोर्ट के मुताबिक समीक्षावधि में बिजली-पानी के बिलों के ऑनलाइन भुगतान में 163 फीसदी का उछाल देखा गया है. इसी दौरान ऑनलाइन पढ़ाई की मांग बढ़ी है. ऑनलाइन शिक्षा के लिए डिजिटल भुगतान में 23 फीसदी बढ़त दर्ज की गई. वहीं चिकित्सकों से ऑनलाइन परामर्श लेने के मामले में भी भुगतान में 20 प्रतिशत बढ़ोत्तरी हुई.

रिपोर्ट के मुताबिक डिजिटल भुगतान के मामलों में राज्यों के हिसाब से कर्नाटक का योगदान 23 प्रतिशत के साथ सबसे अधिक रहा. इसके बाद महाराष्ट्र का 17 प्रतिशत और तेलंगाना का 11 प्रतिशत योगदान रहा. इस दौरान गुजरात, मध्यप्रदेश और तमिलनाडु में डिजिटल लेनदेन में क्रमश: 35, 32 और 2 फीसदी की गिरावट रही.

डिजिटल लेनदेन के विभिन्न तरीकों में से उपयोक्ताओं की सबसे अधिक पसंद यूपीआई रहा. समीक्षावधि में यूपीआई से लेनदेन में 43 प्रतिशत, कार्ड से भुगतान में 40 प्रतिशत और नेटबैंकिंग से भुगतान में 10 प्रतिशत बढ़त दर्ज की गई.

रेजरपे के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और सह-संस्थापक हर्षिल माथुर ने कहा, 'डिजिटल लेनदेन में उतार-चढ़ाव के बाद लॉकडाउन के 101 दिनों में से अंत के 30 दिनों में 23 प्रतिशत की बढ़त देखी गई हैं. मेरा मानना है कि छोटे शहरों में डिजिटल भुगतान सुविधा के विकास ने लोगों के बीच कोरोना वायरस संकट के दौरान ऑनलाइन लेनदेन की आदत को बढ़ावा दिया है.'

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