नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने मनी लॉन्ड्रिंग केस में कर्नाटक कांग्रेस के नेता डीके शिवकुमार की हिरासत की अवधि 17 सितंबर तक बढ़ा दिया है. अदालत ने शिवकुमार की हिरासत अवधि बढ़ाने के ईडी के अनुरोध पर आज अपना फैसला सुनाया है.
बता दें कि दिल्ली की एक अदालत ने शुक्रवार को कर्नाटक कांग्रेस के नेता डी के शिवकुमार की हिरासत अवधि पांच दिन बढ़ाने के प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अनुरोध पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.
विशेष न्यायाधीश अजय कुमार कुहाड़ इस मामले में आदेश सुनाया.
ईडी ने एक धनशोधन मामले में शिवकुमार को तीन सितंबर को गिरफ्तार किया था. उनकी नौ दिनों की हिरासत अवधि पूरी हो जाने के बाद उन्हें अदालत में पेश किया गया.
गिरफ्तारी के खिलाफ प्रदर्शन
बता दें कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डी के शिवकुमार की गिरफ्तारी के खिलाफ वोक्कालिगा समुदाय के हजारों लोगों ने बुधवार को प्रदर्शन किया था और उनके प्रति एकजुटता प्रकट की. हालांकि, यह मुद्दा अब जातिगत रंग लेता दिखाई दे रहा है.
समुदाय के विभिन्न संगठनों की तरफ से 'राजभवन चलो' के आह्वान के बाद राज्य के विभिन्न हिस्से से प्रदर्शनकारी शहर में आए. इनमें ज्यादातर लोग वोक्कालिगा के मजबूत गढ़ पुराने मैसूरु क्षेत्र से आए.
कर्नाटक में वोक्कालिगा और लिंगायत दो प्रभावशाली समुदाय हैं .
प्रदेश के प्रभावशाली कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री शिवकुमार को प्रवर्तन निदेशालय ने कथित धनशोधन के मामले में तीन सितंबर को गिरफ्तार किया था और वह तब से वह एजेंसी की हिरासत में हैं.
नेशनल कॉलेज मैदान से फ्रीडम पार्क तक मार्च निकाला गया और फिर प्रदर्शनकारी राजभवन की ओर बढ़े. प्रदर्शन को विपक्षी कांग्रेस और जद (एस) का समर्थन था.
हालांकि, पूर्व मुख्यमंत्री और जद (एस) नेता एच डी कुमारस्वामी इस प्रदर्शन में शामिल नहीं हुए क्योंकि उनका कहना था कि उन्हें इसके लिए बुलाया नहीं गया है .
हाथों में तख्तियां, बैनर और शिवकुमार के पोस्टर लिए हुए लोगों ने भाजपा विरोधी नारेबाजी की .
कानून-व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए मार्ग में हजारों पुलिसकर्मियों की तैनाती की गयी थी. हजारों लोगों के आने की संभावना को देखते हुए पुलिस ने कई जगह यातायात को दूसरी ओर मोड़ दिया था लेकिन इससे यातायात पर असर पड़ा .
कांग्रेस और जद (एस) के कई नेताओं ने फ्रीडम पार्क में लोगों को संबोधित किया और आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी ने बदले की राजनीति का सहारा लिया है .
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दिनेश गुंडू राव ने भाजपा बर बरसते हुए आरोप लगाया कि पार्टी अब बदले की राजनीति का सहारा ले रही है .
राव ने कहा, 'शिवकुमार आपके संघर्ष में हम सब आपके साथ हैं . केंद्र ने जिस बदले की राजनीति का सहारा लिया है, उसकी हम निंदा करते हैं. भाजपा को यह नहीं भूलना चाहिए कि सत्ता स्थायी नहीं होती है.'
वोक्कालिगा समुदाय के नंजअवधुता स्वामीजी ने शिवकुमार के खिलाफ मामला दर्ज किये जाने की आलोचना की .
स्वामीजी ने कहा, 'हमने अपने समुदाय के वी जी सिद्धार्थ (कैफे काफी डे) को खो दिया है. हम नहीं चाहते कि शिवकुमार एक अन्य सिद्धार्थ बनें. कानून को अपना काम करने दीजिए.'
कर्नाटक रक्षणा वेदिके (केआरवी) के नेता नारायण गौड़ा ने केंद्र को चेताया कि निरर्थक शिवकुमार को वह परेशान नहीं करे. गौड़ा इसी समुदाय के नेता हैं .
नारायण गौड़ा ने कहा, 'कानून के मुताबिक कार्रवाई करें, लेकिन बदले की राजनीति नहीं करें. यह ठीक नहीं है. आज शिवकुमार हैं, लेकिन कल आपको भी इसी तरह के परिणाम का सामना करना पड़ सकता है.'
हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि वह विरोध प्रदर्शन में केआरवी अध्यक्ष के तौर पर उपस्थित नहीं हैं .
पूर्व सांसद एवं जद(एस) के नेता एल आर शिवराम गौड़ा ने कहा कि वह हमेशा शिवकुमार के साथ खड़े हैं .
शिवराम ने कहा, 'डी के शिवकुमार कोई आर्थिक अपराधी नहीं हैं. ऐसे कई और अपराधी हैं. भाजपा उन विरोधियों को निशाना बना रही है, जो मजबूत हैं.'
पूर्व मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने इस प्रदर्शन में शामिल नहीं हुए. उन्होंने रामनगर में संवाददाताओं को बताया कि उनकी पार्टी ने इस विरोध प्रदर्शन को समर्थन दिया लेकिन आयोजकों ने उन्हें इसके लिए न्योता नहीं दिया था .
उन्होंने कहा, 'मेरे पास इसका आमंत्रण नहीं था. मैं पहले ही कह चुका हूं कि यह कार्यक्रम (चन्नापटना में) पहले से निर्धारित था . उन्होंने यह (विरोध) जल्दबाजी में और बिना मेरी जानकारी में लाए किया है. अगर मुझे इसकी सूचना होती तो मैं निश्चित तौर पर इस प्रदर्शन में शामिल होता.'
बाद में कांग्रेस और जद (एस) का एक प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल वजुभाई वाला से मिला और उन्हें एक ज्ञापन सौंपा .
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प्रवर्तन निदेशालय ने पूर्व मंत्री के खिलाफ अपनी जांच के मामले में उनकी बेटी ऐश्वर्या को भी समन किया है. उन्हें 12 सितंबर को मामले के जांच अधिकारी के सामने गवाही देने के लिए कहा गया है.