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लॉकडाउन के कारण हरियाणा का ऑटोमोबाइल उद्योग ठप

हरियाणा ने कृषि आधारित अर्थव्यवस्था के अलावा देश के सबसे बड़े ऑटोमोबाइल हब के रूप में पहचान बनाई है. हरियाणा में पूरे देश के मुकाबले दो तिहाई कार, 50 प्रतिशत ट्रैक्टर और 60 प्रतिशत मोटरसाइकिलों का निर्माण होता है.

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ऑटोमोबाइल उद्योग
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Published : Apr 23, 2020, 12:17 AM IST

चंडीगढ़: लॉकडाउन की वजह से पूरे देश में पिछले तीन हफ्तों से सब बंद है. दुकान, बाजार, दफ्तर फैक्टरी सब ठप है, ना कर्मचारी काम पर हैं ना कहीं उत्पादन हो रहा है.

अर्थव्यवस्था के लिहाज से हरियाणा देश का दिल

अर्थव्यवस्था के लिहाज से हरियाणा को देश का दिल माना जा सकता है. पूरा हरियाणा देश के दो मेन इंडस्टरियल कोरिडोर के बीच आता है. यानी दिल्ली और मुंबई औद्योगिक गलियारा (DMIC) और अमृतसर कोलकाता औद्योगिक गलियारा (AKIC). हरियाणा के 13 जिले राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में हैं, जो एक मेन बिजनेस और कंजप्शन सेंटर है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट...

हरियाणा ने कृषि आधारित अर्थव्यवस्था के अलावा देश के सबसे बड़े ऑटोमोबाइल हब के रूप में पहचान बनाई है. हरियाणा में पूरे देश के मुकाबले दो तिहाई कार, 50 प्रतिशत ट्रैक्टर और 60 प्रतिशत मोटरसाइकिलों का निर्माण होता है.

लॉकडाउन के चलते सब ठप

पूरे भारत में प्रोडक्शन के लिहाज से देखा जाए तो हरियाणा 80% माइनिंग मशीनरी, 52% क्रेन, 50% कारें और 33% दो पहिया वाहन बनाती है. हरियाणा में पहले से ही गाड़ियों के इतने बड़े प्रोडक्शन उद्योग होने की वजह से ही पूरे देश के कुल 250 कलपुर्जे निर्माण उद्योगों में से हरियाणा में ही 50 उद्योग मौजूद हैं. लेकिन लॉकडाउन के चलते फिलहाल सब ठप है.

ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए ऑटोमोबाइल एक्सपर्ट जेएन मंगला ने बताया कि ऑटो सेक्टर पहले से ही मंदी की दौर से गुजर रहा था और अब हालात में सुधार होने की संभावना जताई जा रही थी. लेकिन अब कोरोना के चलते हुए लॉकडाउन ने उद्योग की हालत और भी खराब कर दी है.

ये भी पढ़ें- लॉकडाउन से टेक्सटाइल इंडस्ट्री की टूटी कमर, सिर्फ पानीपत में 2000 करोड़ के ऑर्डर कैंसिल

ऑटोमोबाइल सेक्टर को भारी नुकसान

हरियाणा में दुनिया की कई बड़ी कंपनियां जैसे ह्यूडाई, मारुति सुजूकी, होंडा कारों का उत्पादन होता है. जबकि फोर्ड जैसे कंपनियों की कारों को असेंबल भी किया जाता है. साल 2018-2019 में हरियाणा में ऑटोमोबाइल और ऑटो स्पेयर पार्ट सेक्टर ने 945 मिलियन यूएस डॉलर का बिजनेस किया था. जो साल 2019 में अप्रैल से सितंबर तक घटकर 600.92 मिलियन अमेरिकी डॉलर तक रह गया.

ये आंकड़े किसी भी देश की अर्थव्यवस्था के लिए काफी मायने रखते हैं. इन आंकड़ों का ऊपर या नीचे होना भारत की जीडीपी पर सीधा प्रभाव डालता है. प्रदेश में पिछले तीन हफ्तों के लॉक डाउन ने आर्थिक लिहाज से देश की अर्थव्यवस्था को कमजोर किया है.

हरियाणा प्रदेश पूरे देश मे आर्थिक दृष्टि से काफी अहम हैं. यहां मौजूद फैक्टरियां, विश्व स्तिरीय कंपनियां और लघु उद्योग पूरी दुनिया में काफी अहम है जो इस लॉक डाउन में रोजाना अरबों रुपये का घाटा सह रही हैं. देखना होगा कि कोरोना के कहर से ये उद्योग कब उबर पाते हैं.

चंडीगढ़: लॉकडाउन की वजह से पूरे देश में पिछले तीन हफ्तों से सब बंद है. दुकान, बाजार, दफ्तर फैक्टरी सब ठप है, ना कर्मचारी काम पर हैं ना कहीं उत्पादन हो रहा है.

अर्थव्यवस्था के लिहाज से हरियाणा देश का दिल

अर्थव्यवस्था के लिहाज से हरियाणा को देश का दिल माना जा सकता है. पूरा हरियाणा देश के दो मेन इंडस्टरियल कोरिडोर के बीच आता है. यानी दिल्ली और मुंबई औद्योगिक गलियारा (DMIC) और अमृतसर कोलकाता औद्योगिक गलियारा (AKIC). हरियाणा के 13 जिले राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में हैं, जो एक मेन बिजनेस और कंजप्शन सेंटर है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट...

हरियाणा ने कृषि आधारित अर्थव्यवस्था के अलावा देश के सबसे बड़े ऑटोमोबाइल हब के रूप में पहचान बनाई है. हरियाणा में पूरे देश के मुकाबले दो तिहाई कार, 50 प्रतिशत ट्रैक्टर और 60 प्रतिशत मोटरसाइकिलों का निर्माण होता है.

लॉकडाउन के चलते सब ठप

पूरे भारत में प्रोडक्शन के लिहाज से देखा जाए तो हरियाणा 80% माइनिंग मशीनरी, 52% क्रेन, 50% कारें और 33% दो पहिया वाहन बनाती है. हरियाणा में पहले से ही गाड़ियों के इतने बड़े प्रोडक्शन उद्योग होने की वजह से ही पूरे देश के कुल 250 कलपुर्जे निर्माण उद्योगों में से हरियाणा में ही 50 उद्योग मौजूद हैं. लेकिन लॉकडाउन के चलते फिलहाल सब ठप है.

ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए ऑटोमोबाइल एक्सपर्ट जेएन मंगला ने बताया कि ऑटो सेक्टर पहले से ही मंदी की दौर से गुजर रहा था और अब हालात में सुधार होने की संभावना जताई जा रही थी. लेकिन अब कोरोना के चलते हुए लॉकडाउन ने उद्योग की हालत और भी खराब कर दी है.

ये भी पढ़ें- लॉकडाउन से टेक्सटाइल इंडस्ट्री की टूटी कमर, सिर्फ पानीपत में 2000 करोड़ के ऑर्डर कैंसिल

ऑटोमोबाइल सेक्टर को भारी नुकसान

हरियाणा में दुनिया की कई बड़ी कंपनियां जैसे ह्यूडाई, मारुति सुजूकी, होंडा कारों का उत्पादन होता है. जबकि फोर्ड जैसे कंपनियों की कारों को असेंबल भी किया जाता है. साल 2018-2019 में हरियाणा में ऑटोमोबाइल और ऑटो स्पेयर पार्ट सेक्टर ने 945 मिलियन यूएस डॉलर का बिजनेस किया था. जो साल 2019 में अप्रैल से सितंबर तक घटकर 600.92 मिलियन अमेरिकी डॉलर तक रह गया.

ये आंकड़े किसी भी देश की अर्थव्यवस्था के लिए काफी मायने रखते हैं. इन आंकड़ों का ऊपर या नीचे होना भारत की जीडीपी पर सीधा प्रभाव डालता है. प्रदेश में पिछले तीन हफ्तों के लॉक डाउन ने आर्थिक लिहाज से देश की अर्थव्यवस्था को कमजोर किया है.

हरियाणा प्रदेश पूरे देश मे आर्थिक दृष्टि से काफी अहम हैं. यहां मौजूद फैक्टरियां, विश्व स्तिरीय कंपनियां और लघु उद्योग पूरी दुनिया में काफी अहम है जो इस लॉक डाउन में रोजाना अरबों रुपये का घाटा सह रही हैं. देखना होगा कि कोरोना के कहर से ये उद्योग कब उबर पाते हैं.

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