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चुनाव आयोग ने जब्त की अवैध तरीके से वितरित होने वाली 3400 करोड़ रुपये की सामग्री

मतदाताओं को अवैध तरीके से वितरित की जाने वाली सामग्री की धरपकड़ के लिये चुनाव आयोग ने देशव्यापी अभियान चलाकर करीब 3400 करोड़ रुपये की सामग्री जब्त की है. पिछले लोकसभा चुनाव में यह आंकड़ा 1200 करोड़ रुपये था.

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Published : May 12, 2019, 2:07 PM IST

चुनाव आयोग ( फाइल फोटो)

नई दिल्ली: मतदाताओं को अवैध तरीके से वितरित की जाने वाली सामग्री की धरपकड़ के लिये चुनाव आयोग ने देशव्यापी अभियान चलाया है.अभियान के तहत जब्त की जा रही सामग्री के विश्लेषण में यह बात सामने आई है कि उम्मीदवार चुनाव में मतदाताओं को लुभाने के लिए अलग-अलग तरह की वस्तुएं वितरित कर रहे हैं.

जहां बड़े शहरों में युवाओं को लुभाने के लिए मोबाइल फोन और घड़ी (स्मार्ट वॉच) जैसे गैजेट्स पर जोर दे रहे हैं तो वहीं, ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को लुभाने के लिए चांदी की पायल एवं अन्य प्रचलित जेवरात दिए जा रहे हैं.

आयोग की इस मुहिम से कुछ चौंकाने वाले तथ्य भी सामने आए हैं. चुनाव के लिए अब तक हो चुके मतदान के पांच चरण में, अवैध तरीके से वितरित होने वाली सामग्री, पिछले चुनाव की तुलना में करीब तीन गुना अधिक हैं.

साथ ही जब्त की गयी नकदी, शराब और नशीले पदार्थेां की मात्रा में भी 2014 की तुलना में तीन गुना तक इजाफा हुआ है.

आयोग द्वारा अब तक पकड़ी गई सामग्री की कीमत करीब 3400 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है. पिछले लोकसभा चुनाव में यह आंकड़ा 1200 करोड़ रुपये था.

जब्ती अभियान से जुड़े, आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दिल्ली सहित देश के अन्य महानगरों में इलेक्ट्रॉनिक उपकरण खासकर स्मार्टफोन, भारी संख्या में जब्त हुए हैं.

वहीं छोटे शहरों और कस्बों में घड़ी, वाईफाई इंटरनेट डिवाइस, हैंड ग्रांइंडर, मिक्सर और जूसर जैसे उपकरण भी शामिल हैं.

पढ़ें- ODF मिशन : क्या है सरकारी दावों की हकीकत, जानें विशेषज्ञ की राय

ताजा आंकड़ों के अनुसार, कुल इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों सहित अन्य सामग्री की कीमत 56 करोड़ रुपये आंकी गई है.

इसमें आंध्र प्रदेश में सर्वाधिक 22 करोड़ रुपये, मध्य प्रदेश में 10 करोड़ रुपये और तमिलनाडु एवं राजस्थान में लगभग आठ-आठ करोड़ रुपये की सामग्री जब्त हो चुकी है.

इसके अलावा ग्रामीण तथा झुग्गी झोपड़ी इलाकों से जब्त की गई सामग्री में चांदी की पायल, बिछिया, गोल्ड पॉलिश वाली चांदी की चूड़ियां एवं अंगूठी शामिल हैं.

आंकड़ों के मुताबिक, अब तक पूरे देश में 6,164 किग्रा, सोना चांदी पकड़ा जा चुका है. इसकी कीमत इसकी बाजार में कीमत 982 करोड़ रुपये आंकी गई है.

पढ़ें- 'मेरे पापा ने 6 करोड़ में केजरीवाल से लिया टिकट', जाखड़ बोले- निराधार

जेवरात के मामले में 731 किग्रा आभूषणों के साथ उत्तर प्रदेश तीसरे और 467 किग्रा जब्ती के साथ पंजाब चौथे पायदान पर है. जबकि दिल्ली में लगभग दस करोड़ रुपये के आभूषण पकड़े जा चुके हैं.

मतदाताओं को लुभाने के लिये अजब गजब तरीके ईजाद करने में भी महानगरों के उम्मीदवार सबसे आगे हैं. आयोग को पहली बार उम्मीदवारों द्वारा अपने खर्च से नाली, खड़ंजा आदि का काम कराने की भी शिकायतें मिली हैं.

लोकसभा चुनाव के लिये देश में 10 मार्च को आचार संहिता लागू होने के बाद से अब तक 282 करोड़ रुपये कीमत की 173 लाख लीटर शराब, 1,258 करोड़ रुपये कीमत के 69,194 किग्रा नशीले पदार्थ के अलावा 822 करोड़ रुपये नकद जब्त किए जा चुके हैं.

नई दिल्ली: मतदाताओं को अवैध तरीके से वितरित की जाने वाली सामग्री की धरपकड़ के लिये चुनाव आयोग ने देशव्यापी अभियान चलाया है.अभियान के तहत जब्त की जा रही सामग्री के विश्लेषण में यह बात सामने आई है कि उम्मीदवार चुनाव में मतदाताओं को लुभाने के लिए अलग-अलग तरह की वस्तुएं वितरित कर रहे हैं.

जहां बड़े शहरों में युवाओं को लुभाने के लिए मोबाइल फोन और घड़ी (स्मार्ट वॉच) जैसे गैजेट्स पर जोर दे रहे हैं तो वहीं, ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को लुभाने के लिए चांदी की पायल एवं अन्य प्रचलित जेवरात दिए जा रहे हैं.

आयोग की इस मुहिम से कुछ चौंकाने वाले तथ्य भी सामने आए हैं. चुनाव के लिए अब तक हो चुके मतदान के पांच चरण में, अवैध तरीके से वितरित होने वाली सामग्री, पिछले चुनाव की तुलना में करीब तीन गुना अधिक हैं.

साथ ही जब्त की गयी नकदी, शराब और नशीले पदार्थेां की मात्रा में भी 2014 की तुलना में तीन गुना तक इजाफा हुआ है.

आयोग द्वारा अब तक पकड़ी गई सामग्री की कीमत करीब 3400 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है. पिछले लोकसभा चुनाव में यह आंकड़ा 1200 करोड़ रुपये था.

जब्ती अभियान से जुड़े, आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दिल्ली सहित देश के अन्य महानगरों में इलेक्ट्रॉनिक उपकरण खासकर स्मार्टफोन, भारी संख्या में जब्त हुए हैं.

वहीं छोटे शहरों और कस्बों में घड़ी, वाईफाई इंटरनेट डिवाइस, हैंड ग्रांइंडर, मिक्सर और जूसर जैसे उपकरण भी शामिल हैं.

पढ़ें- ODF मिशन : क्या है सरकारी दावों की हकीकत, जानें विशेषज्ञ की राय

ताजा आंकड़ों के अनुसार, कुल इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों सहित अन्य सामग्री की कीमत 56 करोड़ रुपये आंकी गई है.

इसमें आंध्र प्रदेश में सर्वाधिक 22 करोड़ रुपये, मध्य प्रदेश में 10 करोड़ रुपये और तमिलनाडु एवं राजस्थान में लगभग आठ-आठ करोड़ रुपये की सामग्री जब्त हो चुकी है.

इसके अलावा ग्रामीण तथा झुग्गी झोपड़ी इलाकों से जब्त की गई सामग्री में चांदी की पायल, बिछिया, गोल्ड पॉलिश वाली चांदी की चूड़ियां एवं अंगूठी शामिल हैं.

आंकड़ों के मुताबिक, अब तक पूरे देश में 6,164 किग्रा, सोना चांदी पकड़ा जा चुका है. इसकी कीमत इसकी बाजार में कीमत 982 करोड़ रुपये आंकी गई है.

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जेवरात के मामले में 731 किग्रा आभूषणों के साथ उत्तर प्रदेश तीसरे और 467 किग्रा जब्ती के साथ पंजाब चौथे पायदान पर है. जबकि दिल्ली में लगभग दस करोड़ रुपये के आभूषण पकड़े जा चुके हैं.

मतदाताओं को लुभाने के लिये अजब गजब तरीके ईजाद करने में भी महानगरों के उम्मीदवार सबसे आगे हैं. आयोग को पहली बार उम्मीदवारों द्वारा अपने खर्च से नाली, खड़ंजा आदि का काम कराने की भी शिकायतें मिली हैं.

लोकसभा चुनाव के लिये देश में 10 मार्च को आचार संहिता लागू होने के बाद से अब तक 282 करोड़ रुपये कीमत की 173 लाख लीटर शराब, 1,258 करोड़ रुपये कीमत के 69,194 किग्रा नशीले पदार्थ के अलावा 822 करोड़ रुपये नकद जब्त किए जा चुके हैं.

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