नई दिल्ली : राजधानी के जंगपुरा विधानसभा के अन्ना नगर में सैकड़ों झुग्गियां हैं. इन झुग्गियों के बीच से ही नाला गुजरता है. बीती रात से लेकर सुबह तक हुई भारी बारिश ने अन्ना नगर के इस नाले में पानी का बहाव तेज कर दिया. नतीजा यह हुआ कि डब्ल्यूएचओ के निर्माणाधीन स्थल के बगल की अस्थायी दीवार दरकने लगी और उसके ठीक किनारे पर स्थित करीब दर्जनभर झुग्गियों के लिए खतरा उत्पन्न हो गया. इनमें रह रहे लोग कुछ समझ पाते, उससे पहले झुग्गियां नीचे गिरने लगीं.
झुग्गियां में रह रहे लोग जल्दी में बाहर निकले और किसी तरह जान बचाई. यहां से बचकर निकलीं नीतू ने ईटीवी भारत से अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि किसी तरह जान बच गई, बच्चों को निकालकर भागे और बाकी सभी सामान घर के साथ ही बह गए. मनोज की भी झुग्गी बह गई है और वह अब अपनी तरफ से नुकसान का आंकलन कर पीड़ितों की सूची बना रहे हैं
इस नाले के पास डब्ल्यूएचओ का कार्यालय, जिसमें अभी निर्माण कार्य जारी है. झुग्गियों के पास ही निर्माणाधीन इस डब्ल्यूएचओ कार्यालय का बेसमेंट बनाया जा रहा है, जिसके लिए यहां गहरी खोदाई हुई है.
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मुआवजे की उम्मीद
मनोज ने बताया कि करीब दर्जनभर झुग्गियां देखते-देखते डब्ल्यूएचओ के बेसमेंट में समा गईं. किसी ने भी अपना कोई सामान नहीं निकाल पाया. मनोज ने बताया कि जो कपड़े पहने हैं, बस वही बचे हैं, बाकी सब बर्बाद हो गए. यहां हमें नाले में चादर तकिए से लेकर कुकर तक तैरते दिखे, वहीं मिट्टी के कटाव के बाद अन्य झुग्गियों के नीचे की जमीन भी दरकने लगी है. अब इन्हें सरकार से आसरे के साथ-साथ मुआवजे की भी उम्मीद है.