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बुलेट ट्रेन परियोजना के 2023 में पूरा होने पर संशय

नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन परियोजना के लिए आवश्यक भूमि में से 63 प्रतिशत का अधिग्रहण कर चुकी है, लेकिन अभी भी मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना का समय पर पूरा होना मुश्किलों से भरा है.

bullet train project
बुलेट ट्रेन परियोजना
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Published : Sep 5, 2020, 9:23 PM IST

नई दिल्ली : मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के समय पर पूरा होने में विलंब हो सकता है, क्योंकि महामारी के चलते भूमि अधिग्रहण के काम में देरी हो रही है. इस परियोजना का काम दिसंबर 2023 में पूरा होना प्रस्तावित है.

नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन परियोजना के लिए आवश्यक भूमि में से 63 प्रतिशत का अधिग्रहण कर चुकी है. इसमें से 77 प्रतिशत जमीन गुजरात में, 80 प्रतिशत दादरा और नागर हवेली में, इसके साथ ही 22 प्रतिशत जमीन महाराष्ट्र में है.

भूमि अधिग्रहण में दिक्कतें
अधिकारियों ने बताया कि महाराष्ट्र के पालघर और गुजरात के नवसारी जैसे इलाकों में अभी भी भूमि अधिग्रहण में कुछ दिक्कतें आ रही हैं. अधिकारियों ने कहा कि पिछले साल कंपनी ने लोक निर्माण की नौ निविदाएं आमंत्रित की थीं, लेकिन इन्हें कोरोना वायरस महामारी के कारण खोला नहीं जा सका.

महामारी के प्रभाव का आकलन करना मुश्किल
कॉरपोरेशन के प्रबंध निदेशक अचल खरे ने कहा कोविड के कारण हमें कुछ निविदाओं को खोलना स्थगित करना पड़ा. अभी परियोजना पर महामारी के प्रभाव का आकलन करना मुश्किल है, क्योंकि यह (महामारी) अभी चल रही है. हम अभी यह नहीं कह सकते हैं कि महामारी परियोजना को कैसे प्रभावित करेगी, क्योंकि मुझे नहीं पता है कि यह कब तक चलेगी.

पढ़ें: 12 सितंबर से चलेंगी 80 नई स्पेशल ट्रेन, 10 सितंबर से रिजर्वेशन

निर्माण कि लिए दिए जा चुके हैं टेंडर
कॉरपोरेशन के प्रवक्ता ने आधिकारिक तौर पर कहा कि परियोजना की समय-सीमा भी 2023 ही है. सिविल निर्माण ठेकों में से एक स्टेशनों, पुलों, मरम्मत डिपो और पूरे बुलेट ट्रेन नेटवर्क पर सुरंगों के निर्माण आदि से जुड़ा है, जो 20,000 करोड़ रुपये का है. ट्रेन की 508 किलोमीटर लाइन में से 345 किलोमीटर के निर्माण (करीब 68 प्रतिशत) के लिए टेंडर दिए जा चुके हैं.

नई दिल्ली : मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के समय पर पूरा होने में विलंब हो सकता है, क्योंकि महामारी के चलते भूमि अधिग्रहण के काम में देरी हो रही है. इस परियोजना का काम दिसंबर 2023 में पूरा होना प्रस्तावित है.

नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन परियोजना के लिए आवश्यक भूमि में से 63 प्रतिशत का अधिग्रहण कर चुकी है. इसमें से 77 प्रतिशत जमीन गुजरात में, 80 प्रतिशत दादरा और नागर हवेली में, इसके साथ ही 22 प्रतिशत जमीन महाराष्ट्र में है.

भूमि अधिग्रहण में दिक्कतें
अधिकारियों ने बताया कि महाराष्ट्र के पालघर और गुजरात के नवसारी जैसे इलाकों में अभी भी भूमि अधिग्रहण में कुछ दिक्कतें आ रही हैं. अधिकारियों ने कहा कि पिछले साल कंपनी ने लोक निर्माण की नौ निविदाएं आमंत्रित की थीं, लेकिन इन्हें कोरोना वायरस महामारी के कारण खोला नहीं जा सका.

महामारी के प्रभाव का आकलन करना मुश्किल
कॉरपोरेशन के प्रबंध निदेशक अचल खरे ने कहा कोविड के कारण हमें कुछ निविदाओं को खोलना स्थगित करना पड़ा. अभी परियोजना पर महामारी के प्रभाव का आकलन करना मुश्किल है, क्योंकि यह (महामारी) अभी चल रही है. हम अभी यह नहीं कह सकते हैं कि महामारी परियोजना को कैसे प्रभावित करेगी, क्योंकि मुझे नहीं पता है कि यह कब तक चलेगी.

पढ़ें: 12 सितंबर से चलेंगी 80 नई स्पेशल ट्रेन, 10 सितंबर से रिजर्वेशन

निर्माण कि लिए दिए जा चुके हैं टेंडर
कॉरपोरेशन के प्रवक्ता ने आधिकारिक तौर पर कहा कि परियोजना की समय-सीमा भी 2023 ही है. सिविल निर्माण ठेकों में से एक स्टेशनों, पुलों, मरम्मत डिपो और पूरे बुलेट ट्रेन नेटवर्क पर सुरंगों के निर्माण आदि से जुड़ा है, जो 20,000 करोड़ रुपये का है. ट्रेन की 508 किलोमीटर लाइन में से 345 किलोमीटर के निर्माण (करीब 68 प्रतिशत) के लिए टेंडर दिए जा चुके हैं.

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