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HIV पीड़ितों के साथ भेदभाव बंद किया जाए : डॉ हर्षवर्धन

राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन द्वारा विश्व एड्स दिवस के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम का उद्घाटन करने के बाद स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने नागरिकों से अपील की है कि वह विचारों, कार्यों या व्यवहार के जरिए एचआईवी या एड्स पीड़ितों के प्रति किसी प्रकार का भेदभाव नहीं करें.

डॉ हर्षवर्धन ( फाइल फोटो)
डॉ हर्षवर्धन ( फाइल फोटो)
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Published : Dec 2, 2019, 12:00 AM IST

नई दिल्ली : स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने देश के नागरिकों से अपील की है कि वह विचारों, कार्यों या व्यवहार के जरिए एचआईवी या एड्स पीड़ितों के प्रति किसी प्रकार का भेदभाव नहीं करें.

उन्होंने राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन द्वारा विश्व एड्स दिवस के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम का उद्घाटन करने के बाद कहा, 'आइये एड्स या एचआईवी पीड़ित लोगों के साथ अपने व्यवहार, उनके प्रति अपने विचारों एवं कार्यों में हर प्रकार के भेदभाव को दूर करें. आइये ‘एड्स/एचआईवी समुदायों जैसी शब्दावली से बचें.

हर्षवर्धन ने कहा कि देश को 2030 तक एड्स/एचआईवी मुक्त देश बनाने की दिशा में हुई प्रगति के बावजूद इस दिशा में कुछ अहम पड़ावों को हासिल किया जाना जरूरी है.

इस साल विश्व एड्स दिवस का वैश्विक विषय ‘कम्युनिटीज मेक ए डिफरेंस है.

उन्होंने इस बीमारी के बारे में जागरुकता फैलाने, गलत सूचनाओं, डर एवं आशंकाओं को दूर करने और राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन की जांच एवं उपचार सेवाओं तक लोगों की पहुंच बनाने में मदद के लिए साझीदार समुदायों के योगदान की प्रशंसा की.

पढ़ें- विश्व में लगभग साढ़े तीन करोड़ से ज्यादा लोग HIV से प्रभावित

उन्होंने कहा कि 2018-19 में एचआईवी पीड़ित करीब 79 प्रतिशत लोग अपनी एचआईवी स्थिति के बारे में जानते हैं, एचआईवी संक्रमण से पीड़ित पाए गए 82 प्रतिशत लोगों का मुफ्त एंटीरेट्रोवाइरल उपचार किया जा रहा है और 79 प्रतिशत का विषाणु दबा दिया गया है.

उन्होंने कहा, 'इसका अर्थ यह है कि हम सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं.'

नई दिल्ली : स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने देश के नागरिकों से अपील की है कि वह विचारों, कार्यों या व्यवहार के जरिए एचआईवी या एड्स पीड़ितों के प्रति किसी प्रकार का भेदभाव नहीं करें.

उन्होंने राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन द्वारा विश्व एड्स दिवस के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम का उद्घाटन करने के बाद कहा, 'आइये एड्स या एचआईवी पीड़ित लोगों के साथ अपने व्यवहार, उनके प्रति अपने विचारों एवं कार्यों में हर प्रकार के भेदभाव को दूर करें. आइये ‘एड्स/एचआईवी समुदायों जैसी शब्दावली से बचें.

हर्षवर्धन ने कहा कि देश को 2030 तक एड्स/एचआईवी मुक्त देश बनाने की दिशा में हुई प्रगति के बावजूद इस दिशा में कुछ अहम पड़ावों को हासिल किया जाना जरूरी है.

इस साल विश्व एड्स दिवस का वैश्विक विषय ‘कम्युनिटीज मेक ए डिफरेंस है.

उन्होंने इस बीमारी के बारे में जागरुकता फैलाने, गलत सूचनाओं, डर एवं आशंकाओं को दूर करने और राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन की जांच एवं उपचार सेवाओं तक लोगों की पहुंच बनाने में मदद के लिए साझीदार समुदायों के योगदान की प्रशंसा की.

पढ़ें- विश्व में लगभग साढ़े तीन करोड़ से ज्यादा लोग HIV से प्रभावित

उन्होंने कहा कि 2018-19 में एचआईवी पीड़ित करीब 79 प्रतिशत लोग अपनी एचआईवी स्थिति के बारे में जानते हैं, एचआईवी संक्रमण से पीड़ित पाए गए 82 प्रतिशत लोगों का मुफ्त एंटीरेट्रोवाइरल उपचार किया जा रहा है और 79 प्रतिशत का विषाणु दबा दिया गया है.

उन्होंने कहा, 'इसका अर्थ यह है कि हम सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं.'

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HEALTH-VARDHAN-AIDS
Shun discrimination in thoughts and behaviour against HIV+ people: Vardhan
          New Delhi, Dec 1 (PTI) Health Minister Harsh Vardhan on Sunday called upon citizens to shun any kind of discrimination in thoughts, actions and behaviour towards the people suffering from HIV and AIDS.
          He was speaking after inaugurating an event celebrating the World AIDS Day, organised by the National AIDS Control Organization.
          "Let us shun any kind of discrimination in our thoughts, actions and behaviour in our interaction with those who have HIV and AIDS. Let us do away with nomenclatures such as 'AIDS/HIV communities'. Let us not bracket people who suffer from and have survived various diseases," Vardhan said.
          Despite making progress, there are still some significant milestones that need to be achieved for making the country free of HIV/AIDS by 2030, he said.
          Vardhan commended the contribution of the partner communities who have played a significant role in spreading information about the disease, to dispel misinformation, fear and apprehensions and helped people to access testing and treating services of NACO.
         "You are our pillars of strength who have built bridges with the underserved, un-served and marginalised communities," he said.
          The global theme of this year's World AIDS Day is 'Communities Make A Difference'. At the event, he awarded the various Red Ribbon Clubs which have mobilised the youth and communities across the country.
          More than 1,200 Red Ribbon Clubs have contributed to this collective effort, he said.
         Vardhan said that during 2018-19, around 79 per cent of people living with HIV knew their HIV status, 82 per cent diagnosed with HIV infection were receiving free antiretroviral therapy and and 79 per cent were virally suppressed.
          "This means we are on the right track and our continued efforts coupled with calibrated momentum shall make this target achievable. NACO has revived and revamped its conventional prevention strategies to achieve the new targets. NACO is focusing on the combination of prevention tools and methods that are needed to end the AIDS epidemic," he said.
          The minister added the programme has also given focused attention to elimination of mother to child transmission of HIV. PTI PLB
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