नई दिल्ली : भारत में पदस्थ लगभग 15-20 राजनयिक जल्द ही जम्मू कश्मीर का दौरा करेंगे. इन राजनयिकों को जम्मू कश्मीर में पदस्थापित अधिकारी केंद्रशासित प्रदेश की सुरक्षा स्थिति पर जानकारी देंगे.
जानकारी के मुताबिक खाड़ी समेत 15 से 20 देशों के राजदूतों का शिष्टमंडल जल्द जम्मू कश्मीर जाकर वहां सुरक्षा स्थिति की जानकारी ले सकता है. अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी.
अधिकारियों ने यह भी कहा कि अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और रूस जैसे पी5 देशों के कुछ राजदूतों को भी इसमें शामिल करने का प्रयास है लेकिन उनकी पुष्टि का इंतजार है.
अधिकारियों के अनुसार, भारत में पदस्थ करीब 15 से 20 राजदूतों को इस सप्ताह के आखिर में कश्मीर घाटी ले जाया जाएगा जहां उन्हें राज्य में फैले उग्रवाद में पाकिस्तान की संलिप्तता के बारे में सुरक्षा एजेंसियां जानकारी देंगी.
उन्होंने कहा कि उसी दिन उन्हें जम्मू ले जाया जाएगा जहां वे उपराज्यपाल जी सी मुर्मू तथा अन्य अधिकारियों से मुलाकात करेंगे और अगले दिन दिल्ली लौट आएंगे.
सूत्रों ने बताया कि कई देशों के राजदूतों ने सरकार से अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को समाप्त करने के बाद घाटी में बनी स्थिति का मुआयना करने के लिए कश्मीर जाने का अनुरोध किया है.
जिन राजदूतों को कश्मीर ले जाया जाएगा उनमें यूरोप, अफ्रीका, मध्य एशिया, लातिन अमेरिका और पश्चिम एशिया समेत कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों के प्रतिनिधि हो सकते हैं.
यह कदम कश्मीर मुद्दे पर भारत के खिलाफ पाकिस्तान के दुष्प्रचारों को धता बताने के देश के कूटनीतिक प्रयासों का हिस्सा होगा.
गत पांच अगस्त को जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने से जुड़े अनुच्छेद 370 को समाप्त करने और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटने के बाद किसी विदेशी शिष्टमंडल की यह दूसरी कश्मीर यात्रा होगी.
इससे पहले यूरोपीय संघ के 23 सांसदों के शिष्टमंडल को दिल्ली स्थित संस्था इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर नॉन अलाइन्ड स्टडीज द्वारा केंद्रशासित प्रदेश की स्थिति का जायजा लेने के लिए दो दिन के दौरे पर ले जाया गया था.
हालांकि सरकार ने शिष्टमंडल के दौरे से दूरी बना ली थी. गृह राज्यमंत्री जी किशन रेड्डी ने संसद में कहा था कि यूरोपीय सांसद निजी दौरे पर गये थे.