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ट्रैक्टर परेड हिंसा : अब तक 22 FIR, योगेंद्र यादव - राकेश टिकैत पर भी मामला दर्ज

दिल्ली पुलिस ने गणतंत्र दिवस पर हिंसक प्रदर्शन करने वालों के खिलाफ मामला दर्ज करना शुरू कर दिया है. एफआईआर में किसान नेताओं के भी नाम शामिल हैं. इनमें योगेंद्र यादव, राकेश टिकैत, वीएम सिंह, तेजिंदर सिंह विर्क के भी नाम हैं. मेधा पाटकर पर भी मामला दर्ज किया गया है.

farmers tractor rally
दिल्ली पुलिस करेगी कड़ी कार्रवाई
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Published : Jan 27, 2021, 8:43 AM IST

Updated : Jan 27, 2021, 6:22 PM IST

नई दिल्ली : केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों के ट्रैक्टर परेड के दौरान जम कर उत्पात हुआ. दिल्ली पुलिस ने राष्ट्रीय राजधानी में किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के संबंध में अभी तक 22 प्राथमिकियां दर्ज की हैं. हिंसा में 300 से अधिक पुलिस कर्मी घायल हो गए थे. दिल्ली पुलिस ने किसान ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा के संबंध में 200 लोगों को हिरासत में भी लिया है. वहीं 93 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.

एफआईआर की कॉपी.
एफआईआर की कॉपी.

एफआईआर में योगेंद्र यादव के भी नाम
एक एफआईआर में मेधा पाटकर, बूटा सिंह, योगेंद्र यादव के भी नाम दर्ज किए गए हैं. पुलिस ने रविवार की घटना के लिए इन नेताओं को जिम्मेवार माना है. एफआईआर में कहा गया है कि इन नेताओं ने तय मार्ग और समय को लेकर उल्लंघन किया.

राकेश टिकैत पर प्राथमिकी

एफआईआर में शामिल नाम
एफआईआर में शामिल नाम
दिल्ली पुलिस की एफआईआर में ट्रैक्टर रैली के संबंध में जारी एनओसी के उल्लंघन के लिए किसान नेता दर्शन पाल, राजिंदर सिंह, बलबीर सिंह राजेवाल, बूटा सिंह बुर्जगिल और जोगिंदर सिंह उग्राहां के नाम शामिल हैं.

किसान संगठनों ने साजिश का आरोप लगाया
इसी बीच संबंधित संगठनों ने कहा कि केंद्र सरकार इस किसान आंदोलन से बुरी तरह हिल गई है, इसलिए किसान मजदूर संघर्ष समिति और अन्य लोगों के लिए यह साजिश रची गई.

सीसीटीवी फुटेज की जांच
अधिकारी ने बताया कि मंगलवार को हुई हिंसा में शामिल किसानों की पहचान करने के लिए कई सीसीटीवी फुटेज और तमाम वीडियो को खंगाला जा रहा है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

आंदोलन की आड़ में उग्रता
दिल्ली पुलिस ने कहा कि हिंसक प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी, जिन्होंने न केवल पुलिस के साथ पारस्परिक रूप से सहमत दिशा-निर्देशों का उल्लंघन किया, बल्कि किसान आंदोलन की आड़ में दिल्ली की सड़कों पर उग्रता दिखाई और संपत्तियों को क्षतिग्रस्त किया. आंदोलनकारी किसानों के इस व्यवहार से ड्यूटी पर गए पुलिसकर्मियों का जीवन भी खतरे में पड़ गया.

दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ट्रैक्टर रैली में हिंसा को लेकर पांडव नगर, गाजीपुर, सीमापुरी, कोतवाली, उत्तम नगर, नजफगढ़ और बाबा हरीदास नगर थाने में उपद्रवी आंदोलनकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है.

30 पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल
इनमें सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाना, सरकारी काम में बाधा डालना और पुलिसकर्मियों पर जानलेवा हमले जैसी धाराएं शामिल हैं. किसानों द्वारा मंगलवार को दिल्ली के विभिन्न इलाकों में 88 बैरिकेड, चार क्रेन, 8 डीटीसी बस और 17 निजी वाहन तोड़े गए हैं. द्वारका जिले में ही 30 पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हुए हैं.

समय से पहले निकली ट्रैक्टर रैली
दिल्ली पुलिस ने एक बयान में कहा कि पुलिस ने पेशेवर तरीके से कार्रवाई की और दिशा-निर्देशों का पालन किया, लेकिन प्रदर्शनकारी किसानों ने निर्धारित समय से पहले ट्रैक्टर रैली निकाली, जिससे राजधानी में कानून और व्यवस्था की गंभीर स्थिति पैदा हो गई.

पुलिसकर्मियों पर ट्रैक्टर चढ़ाने की कोशिश
दिल्ली पुलिस के ज्वाइंट सीपी आलोक कुमार ने कहा कि कानून के अनुसार, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों और दिल्ली पुलिसकर्मियों को घायल करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. कुछ ने पुलिसकर्मियों पर अपने ट्रैक्टर चढ़ाने की भी कोशिश की. दिल्ली पुलिस ने प्रदर्शनकारियों से भी हिंसा को रोकने और निर्धारित मार्गो पर जल्द से जल्द लौटने की अपील की थी.

पढ़े: 'दीप सिद्धू सरकार का एजेंट, किसानों को बहकाकर लाल किले पर ले गया'

इस बीच, दिल्ली पुलिस ने कुछ प्रदर्शनकारियों के दावे का खंडन करने के लिए एक वीडियो फुटेज भी जारी किया है, जिसके तहत किसानों ने कहा कि आईटीओ में पुलिस द्वारा कथित तौर पर एक व्यक्ति को गोली मार दी गई थी. वीडियो के माध्यम से पुलिस ने दावा किया कि तेज रफ्तार ट्रैक्टर आईटीओ के पास डीडीयू मार्ग पर पलट गया, जिससे उसकी मौत हो गई.

आईटीओ में पुलिस और प्रदर्शनकारी किसानों के बीच झड़पें देखी गईं, क्योंकि किसानों के एक वर्ग ने शहर के दिल में दिल्ली पुलिस द्वारा की गई सुरक्षा व्यवस्था को तोड़ने की कोशिश की. बाद में अतिरिक्त अर्धसैनिक बलों को राजधानी में तैनात किया गया.

नई दिल्ली : केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों के ट्रैक्टर परेड के दौरान जम कर उत्पात हुआ. दिल्ली पुलिस ने राष्ट्रीय राजधानी में किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के संबंध में अभी तक 22 प्राथमिकियां दर्ज की हैं. हिंसा में 300 से अधिक पुलिस कर्मी घायल हो गए थे. दिल्ली पुलिस ने किसान ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा के संबंध में 200 लोगों को हिरासत में भी लिया है. वहीं 93 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.

एफआईआर की कॉपी.
एफआईआर की कॉपी.

एफआईआर में योगेंद्र यादव के भी नाम
एक एफआईआर में मेधा पाटकर, बूटा सिंह, योगेंद्र यादव के भी नाम दर्ज किए गए हैं. पुलिस ने रविवार की घटना के लिए इन नेताओं को जिम्मेवार माना है. एफआईआर में कहा गया है कि इन नेताओं ने तय मार्ग और समय को लेकर उल्लंघन किया.

राकेश टिकैत पर प्राथमिकी

एफआईआर में शामिल नाम
एफआईआर में शामिल नाम
दिल्ली पुलिस की एफआईआर में ट्रैक्टर रैली के संबंध में जारी एनओसी के उल्लंघन के लिए किसान नेता दर्शन पाल, राजिंदर सिंह, बलबीर सिंह राजेवाल, बूटा सिंह बुर्जगिल और जोगिंदर सिंह उग्राहां के नाम शामिल हैं.

किसान संगठनों ने साजिश का आरोप लगाया
इसी बीच संबंधित संगठनों ने कहा कि केंद्र सरकार इस किसान आंदोलन से बुरी तरह हिल गई है, इसलिए किसान मजदूर संघर्ष समिति और अन्य लोगों के लिए यह साजिश रची गई.

सीसीटीवी फुटेज की जांच
अधिकारी ने बताया कि मंगलवार को हुई हिंसा में शामिल किसानों की पहचान करने के लिए कई सीसीटीवी फुटेज और तमाम वीडियो को खंगाला जा रहा है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

आंदोलन की आड़ में उग्रता
दिल्ली पुलिस ने कहा कि हिंसक प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी, जिन्होंने न केवल पुलिस के साथ पारस्परिक रूप से सहमत दिशा-निर्देशों का उल्लंघन किया, बल्कि किसान आंदोलन की आड़ में दिल्ली की सड़कों पर उग्रता दिखाई और संपत्तियों को क्षतिग्रस्त किया. आंदोलनकारी किसानों के इस व्यवहार से ड्यूटी पर गए पुलिसकर्मियों का जीवन भी खतरे में पड़ गया.

दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ट्रैक्टर रैली में हिंसा को लेकर पांडव नगर, गाजीपुर, सीमापुरी, कोतवाली, उत्तम नगर, नजफगढ़ और बाबा हरीदास नगर थाने में उपद्रवी आंदोलनकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है.

30 पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल
इनमें सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाना, सरकारी काम में बाधा डालना और पुलिसकर्मियों पर जानलेवा हमले जैसी धाराएं शामिल हैं. किसानों द्वारा मंगलवार को दिल्ली के विभिन्न इलाकों में 88 बैरिकेड, चार क्रेन, 8 डीटीसी बस और 17 निजी वाहन तोड़े गए हैं. द्वारका जिले में ही 30 पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हुए हैं.

समय से पहले निकली ट्रैक्टर रैली
दिल्ली पुलिस ने एक बयान में कहा कि पुलिस ने पेशेवर तरीके से कार्रवाई की और दिशा-निर्देशों का पालन किया, लेकिन प्रदर्शनकारी किसानों ने निर्धारित समय से पहले ट्रैक्टर रैली निकाली, जिससे राजधानी में कानून और व्यवस्था की गंभीर स्थिति पैदा हो गई.

पुलिसकर्मियों पर ट्रैक्टर चढ़ाने की कोशिश
दिल्ली पुलिस के ज्वाइंट सीपी आलोक कुमार ने कहा कि कानून के अनुसार, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों और दिल्ली पुलिसकर्मियों को घायल करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. कुछ ने पुलिसकर्मियों पर अपने ट्रैक्टर चढ़ाने की भी कोशिश की. दिल्ली पुलिस ने प्रदर्शनकारियों से भी हिंसा को रोकने और निर्धारित मार्गो पर जल्द से जल्द लौटने की अपील की थी.

पढ़े: 'दीप सिद्धू सरकार का एजेंट, किसानों को बहकाकर लाल किले पर ले गया'

इस बीच, दिल्ली पुलिस ने कुछ प्रदर्शनकारियों के दावे का खंडन करने के लिए एक वीडियो फुटेज भी जारी किया है, जिसके तहत किसानों ने कहा कि आईटीओ में पुलिस द्वारा कथित तौर पर एक व्यक्ति को गोली मार दी गई थी. वीडियो के माध्यम से पुलिस ने दावा किया कि तेज रफ्तार ट्रैक्टर आईटीओ के पास डीडीयू मार्ग पर पलट गया, जिससे उसकी मौत हो गई.

आईटीओ में पुलिस और प्रदर्शनकारी किसानों के बीच झड़पें देखी गईं, क्योंकि किसानों के एक वर्ग ने शहर के दिल में दिल्ली पुलिस द्वारा की गई सुरक्षा व्यवस्था को तोड़ने की कोशिश की. बाद में अतिरिक्त अर्धसैनिक बलों को राजधानी में तैनात किया गया.

Last Updated : Jan 27, 2021, 6:22 PM IST
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