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निर्भया के दोषियों की फांसी टली, डेथ वारंट पर अगले आदेश तक रोक

निर्भया के दोषियों को फिर से राहत मिल गई है. दिल्ली की एक कोर्ट ने दोषियों के डेथ वारंट पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है. कोर्ट ने कहा है कि दोषियों को अपने कानूनी विकल्पों को अपनाने का अधिकार है. कोर्ट के आदेश के मुताबिक अब सभी चार दोषियों को शनिवार को फांसी नहीं दी जाएगी. निर्भया की मां ने कहा कि वह इस फैसले से दुखी हैं.

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Published : Jan 31, 2020, 4:15 PM IST

Updated : Feb 28, 2020, 4:17 PM IST

नई दिल्ली : दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने निर्भया मामले के दोषियों की एक फरवरी को होने वाली फांसी पर रोक के अनुरोध वाली याचिका पर फैसला सुनाया. कोर्ट ने दोषियों की फांसी पर रोक लगा दी है. अदालत ने दोषियों के डेथ वारंट पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है. दोषियों की फांसी अगले आदेश तक टल गई है.

बता दें, तीन दोषियों ने फांसी पर रोक लगाने के लिए याचिका दायर की है.

कोर्ट के फैसले के बाद पीड़िता की मां ने कहा कि दोषियों के वकील एपी सिंह ने उन्हें चुनौती देते हुए कहा कि दोषियों को कभी भी फांसी नहीं दी जाएगी. उन्होंने कहा कि वह अपनी लड़ाई जारी रखेंगी. सरकार को दोषियों को फांसी देनी होगी.

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने तिहाड़ जेल अधिकारियों और दोषियों के वकील की दलीलें सुनने के बाद फैसला दिया.

इससे पहले तिहाड़ जेल अधिकारियों ने मामले में अपनी फांसी पर रोक के अनुरोध वाली तीनों दोषियों की याचिका को चुनौती देते हुए कहा कि सिर्फ एक दोषी की याचिका लंबित है और अन्य को फांसी दी जा सकती है.

दोषियों के वकील ने जेल अधिकारियों से असहमति जताते हुए कहा कि नियमों के अनुसार जब एक दोषी की याचिका लंबित है तो अन्य को भी फांसी नहीं दी जा सकती.

दोषी पवन सिंह, विनय कुमार शर्मा और अक्षय कुमार की ओर से पेश हुए वकील ए पी सिंह ने अदालत से अनिश्चित काल के लिए फांसी स्थगित करने का अनुरोध किया और कहा कि विनय की दया याचिका राष्ट्रपति के पास लंबित है.

मामले में मृत्युदंड की सजा पाए चौथे दोषी मुकेश कुमार की दया याचिका राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 17 जनवरी को खारिज कर दी थी, इस फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में उसने याचिका दायर की थी जिसे बुधवार को न्यायालय ने खारिज कर दिया था.

निचली अदालत ने 17 जनवरी को मामले के चारों दोषियों मुकेश (32), पवन (25), विनय (26) और अक्षय (31) को एक फरवरी को तिहाड़ जेल में सुबह छह बजे फांसी देने के लिए दूसरी बार 'ब्लैक वारंट' जारी किया था. इससे पहले सात जनवरी को अदालत ने फांसी के लिए 22 जनवरी की तारीख तय की थी.

शीर्ष अदालत ने मामले में दोषी विनय और अक्षय की सुधारात्मक याचिकाओं को खारिज कर दिया था. पवन एकमात्र दोषी है जिसने अब तक सुधारात्मक याचिका दायर नहीं की है.

शीर्ष अदालत द्वारा सुधारात्मक याचिका खारिज किए जाने के बाद दोषियों के पास राष्ट्रपति को दया याचिका देने का सिर्फ विकल्प होगा.

निर्भया कांड: कोर्ट में बोला तिहाड़ प्रशासन, विनय को छोड़ बाकी तीन को दी जा सकती है फांसी

पैरा मेडिकल की 23 वर्षीय छात्रा से 16-17 दिसंबर 2012 की मध्यरात्रि को छह लोगों ने दक्षिण दिल्ली में एक चलती बस में सामूहिक दुष्कर्म किया था और जघन्य हमला किया था, जिसे 'निर्भया' के नाम से जाना जाता है. बाद में सिंगापुर के अस्पताल में उसने दम तोड़ दिया था.

नई दिल्ली : दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने निर्भया मामले के दोषियों की एक फरवरी को होने वाली फांसी पर रोक के अनुरोध वाली याचिका पर फैसला सुनाया. कोर्ट ने दोषियों की फांसी पर रोक लगा दी है. अदालत ने दोषियों के डेथ वारंट पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है. दोषियों की फांसी अगले आदेश तक टल गई है.

बता दें, तीन दोषियों ने फांसी पर रोक लगाने के लिए याचिका दायर की है.

कोर्ट के फैसले के बाद पीड़िता की मां ने कहा कि दोषियों के वकील एपी सिंह ने उन्हें चुनौती देते हुए कहा कि दोषियों को कभी भी फांसी नहीं दी जाएगी. उन्होंने कहा कि वह अपनी लड़ाई जारी रखेंगी. सरकार को दोषियों को फांसी देनी होगी.

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने तिहाड़ जेल अधिकारियों और दोषियों के वकील की दलीलें सुनने के बाद फैसला दिया.

इससे पहले तिहाड़ जेल अधिकारियों ने मामले में अपनी फांसी पर रोक के अनुरोध वाली तीनों दोषियों की याचिका को चुनौती देते हुए कहा कि सिर्फ एक दोषी की याचिका लंबित है और अन्य को फांसी दी जा सकती है.

दोषियों के वकील ने जेल अधिकारियों से असहमति जताते हुए कहा कि नियमों के अनुसार जब एक दोषी की याचिका लंबित है तो अन्य को भी फांसी नहीं दी जा सकती.

दोषी पवन सिंह, विनय कुमार शर्मा और अक्षय कुमार की ओर से पेश हुए वकील ए पी सिंह ने अदालत से अनिश्चित काल के लिए फांसी स्थगित करने का अनुरोध किया और कहा कि विनय की दया याचिका राष्ट्रपति के पास लंबित है.

मामले में मृत्युदंड की सजा पाए चौथे दोषी मुकेश कुमार की दया याचिका राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 17 जनवरी को खारिज कर दी थी, इस फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में उसने याचिका दायर की थी जिसे बुधवार को न्यायालय ने खारिज कर दिया था.

निचली अदालत ने 17 जनवरी को मामले के चारों दोषियों मुकेश (32), पवन (25), विनय (26) और अक्षय (31) को एक फरवरी को तिहाड़ जेल में सुबह छह बजे फांसी देने के लिए दूसरी बार 'ब्लैक वारंट' जारी किया था. इससे पहले सात जनवरी को अदालत ने फांसी के लिए 22 जनवरी की तारीख तय की थी.

शीर्ष अदालत ने मामले में दोषी विनय और अक्षय की सुधारात्मक याचिकाओं को खारिज कर दिया था. पवन एकमात्र दोषी है जिसने अब तक सुधारात्मक याचिका दायर नहीं की है.

शीर्ष अदालत द्वारा सुधारात्मक याचिका खारिज किए जाने के बाद दोषियों के पास राष्ट्रपति को दया याचिका देने का सिर्फ विकल्प होगा.

निर्भया कांड: कोर्ट में बोला तिहाड़ प्रशासन, विनय को छोड़ बाकी तीन को दी जा सकती है फांसी

पैरा मेडिकल की 23 वर्षीय छात्रा से 16-17 दिसंबर 2012 की मध्यरात्रि को छह लोगों ने दक्षिण दिल्ली में एक चलती बस में सामूहिक दुष्कर्म किया था और जघन्य हमला किया था, जिसे 'निर्भया' के नाम से जाना जाता है. बाद में सिंगापुर के अस्पताल में उसने दम तोड़ दिया था.

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PRI GEN LGL NAT
.NEWDELHI LGD17
DL-COURT-2NDLD NIRBHAYA
Nirbhaya case: Delhi court reserves order on plea for stay of execution
(Eds: Adding details)
         New Delhi, Jan 31 (PTI) A Delhi court on Friday reserved its order on an application of three death row convicts in the Nirbhaya gangrape and murder case seeking a stay on their execution on February 1.
          Additional Sessions Judge Dharmender Rana reserved the order after completion of hearing of arguments of the Tihar jail authorities and the convicts' lawyer.
          Saying only one convict's plea is pending and the others can be hanged, Tihar Jail authorities challenged the application of three condemned prisoners in the case seeking a stay on their execution.
          The convicts' lawyer disagreed with the jail authorities and said rules dictate that when one convict's plea is pending the others cannot be hanged.
         Advocate A P Singh, representing the convicts -- Pawan Gupta, Vinay Kumar Sharma and Akshay Kumar -- urged the court to adjourn the executions "sine die" (with no appointed date for resumption). Vinay's mercy plea before the president is pending.
          The fourth person sentenced to death in the case is Mukesh Kumar, whose mercy plea was dismissed by President Ram Nath Kovind on January 17. The appeal against the rejection was thrown out by the Supreme Court on Wednesday.
          The trial court on January 17 issued black warrants for the second time for the execution of all the four convicts in the case in Tihar jail at 6 am on February 1. Earlier, on January 7, the court had fixed January 22 as the hanging date.
          The curative petitions of Vinay and Akshay have been rejected by the apex court. Pawan is the only one yet not to file a curative plea.
          Convicts have the option of moving a mercy petition before the president only after the apex court dismisses their curative plea.
          A 23-year-old physiotherapy intern who came to be known as "Nirbhaya" (the fearless one) was gangraped and savagely assaulted on the night of December 16, 2012, in a moving bus in South Delhi. She died of her injuries a fortnight later in a Singapore hospital. PTI UK URD
AAR
01311355
NNNN
Last Updated : Feb 28, 2020, 4:17 PM IST
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