हैदराबाद : तेलंगाना में कोविड-19 की जांच तो खूब हो रही है और सैंपल लेने के बाद रिजल्ट भी तुरंत बताया जा रहा है. लेकिन परिणाम आने में देरी होती है तो लोग घबराकर इधर-उधर जांच के लिए भटकते हैं और इस वजह से यहां वायरस तेजी से फैल रहा है.
ग्रेटर हैदराबाद में रैपिड एंटीजन टेस्ट सभी टाउन हेल्थ सेंटरों में किए जा रहे हैं. परिणाम 30 मिनट में आ जाता है, लेकिन मरीजों तक जानकारी पहुंचने में 24 घंटे से अधिक समय लग जाता है. कुछ मामलों में यह 48 घंटे के बाद भी नहीं पहुंच रहा है. प्रत्येक स्वास्थ्य केंद्र में कन्फर्मेशन टेस्ट पूर्वाह्न आठ बजे शुरू होते हैं.
कुछ स्थानों पर 100-150 नमूने एकत्रित किए जा रहे हैं. हालांकि मरीज लाइन में खड़े होकर अपना टेस्ट करवा रहे हैं, लेकिन प्राथमिकता उनको दी जा रही है, जो टेस्ट कराने के लिए पहले आ जाते हैं. टेस्ट कर लेने के बाद उसकी जानकारी मेडिकल एंड हेल्थ डिपार्टमेंट के विशेष एप में डाल दी जाती है.
पीड़ितों के पते के आधार पर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से जानकारी जीएचएमसी सर्कल को दी जाती है. वहां से उन्हें पीड़ितों को तुरंत संपर्क करना होता है. वहां पीड़ितों को सभी सावधानियों के बारे में बताया जाना चाहिए और और होम क्वारंटाइन किट सौंप दिया जाना चाहिए.
कुछ मामलों में जानकारी दो या तीन दिनों के बाद भी नहीं पहुंच रही है. ऐसे में जो लोग सच में कोरोना से पीड़ित हैं, वे सड़कों पर भटक रहे हैं और दूसरों को भी संक्रमित कर रहे हैं. विशेषज्ञ कहते हैं कि रिपोर्ट अगर पांच घंटे में उपलब्ध करा दी जाए तो वायरस को फैलने से रोका जा सकता है.
गलत जानकारी से भी बढ़ रही समस्या
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के नियमों के अनुसार, पीड़ित व्यक्ति का पता, फोन नंबर, आधार नंबर दर्ज करना चाहिए. यदि टेस्ट पॉजिटिव आता है तो उन विवरणों को आईसीएमआर को भेजा जाना चाहिए. कई संदिग्ध, जानबूझकर गलत पता और फोन नंबर दे रहे हैं और परिणामस्वरूप आवश्यक जानकारी संबंधित अधिकारियों तक नहीं पहुंच रही है.
16.7% टेस्ट पॉजिटिव
ग्रेटर हैदराबाद में 80 स्थानीय स्वास्थ्य केंद्रों में 20,935 लोगों का एंटीजन परीक्षण किया गया, जिसमें 3500 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए. शुक्रवार को 806 लोगों के कोरोना पॉजिटिव होने की पुष्टि हुई. रंगा रेड्डी जिले में 90 व्यक्ति, मेडचल जिले में 82 व्यक्ति बीमारी की चपेट में आए हैं. सात लोगों की मौत हो चुकी है.