नई दिल्ली: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सेना मुख्यालय से 206 अधिकारियों को फील्ड में भेजने, एक अलग सतर्कता प्रकोष्ठ बनाने और मानवाधिकार मुद्दों पर अनुभाग बनाने समेत सेना में पहले चरण के सुधारों को मंजूरी दे दी है.
बता दें, पिछले साल सेना ने 12 स्वतंत्र अध्ययनों के आधार पर 13 लाख सैन्य बल में कटौती करने और इसकी युद्ध क्षमता को बढ़ाने के लिए सुधार के खाके को अंतिम रूप दिया था.
रक्षा मंत्रालय ने कहा, 'रक्षा मंत्री ने सेना मुख्यालय के पुनर्गठन संबंधी कई फैसलों को मंजूरी दी है.'
दरअसल मंत्रालय ने कहा कि 206 सैन्य अधिकारियों को सेना मुख्यालय से दूसरी जगहों पर भेजा जा रहा है. विभिन्न सैन्य संरचना तथा सैन्य टुकड़ी के लिए उपलब्ध होंगे. अधिकारियों को स्थानांतरित किया जाएगा, उनमें तीन मेजर जनरल, आठ ब्रिगेडियर, नौ कर्नल और 186 लेफ्टिनेंट कर्नल/मेजर हैं.
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सेना के तीनों अंगों के प्रतिनिधित्व के साथ सेना प्रमुख के तहत अलग सतर्कता प्रकोष्ठ गठित किए जाने की भी सिंह ने मंजूरी प्रदान कर दी.
मंत्रालय ने कहा, 'सेना प्रमुख (सीओएएस) के तहत एक स्वतंत्र सतर्कता प्रकोष्ठ काम करेगा. इसके तहत अतिरिक्त महानिदेशक (सतर्कता) को सीधे सीओएएस के अंतर्गत रखा जाएगा.'
सतर्कता प्रकोष्ठ में कर्नल स्तर के तीन अधिकारी होंगे, जिसमें थल सेना, वायु सेना और नौसेना से एक-एक अधिकारी होंगे.
अधिकारियों के अनुसार, 'मानवाधिकार के लिए विशेष अनुभाग उप-थलसेना प्रमुख (वीसीओएएस) के तहत काम करेगा.'
उन्होंने कहा कि मानवाधिकार समझौतों एवं इससे जुड़े मूल्यों को शीर्ष प्राथमिकता देने के लिए इसकी स्थापना की जा रही.
ज्ञात हो की सैन्य बल में बदलाव को आगे बढ़ाने के लिए पिछले साल अक्टूबर में सेना के शीर्ष कमांडरों ने सुधार प्रक्रिया को मंजूरी दी थी.