नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा संचालित और दिल्ली यूनिवर्सिटी से संबद्ध तीन अल्पसंख्यक कॉलेजों के छात्रों को दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ का चुनाव लड़ने की अंतरिम अनुमति दे दी. जस्टिस पुरुषेंद्र कौरव की बेंच ने दिल्ली यूनिवर्सिटी और तीनों कॉलेजों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. मामले की अगली सुनवाई 23 सितंबर को होगी.
याचिका रचित राय और अन्य छात्रों ने दायर की है. इसमें कहा गया है कि दिल्ली यूनिवर्सिटी ने 2 सितंबर को नोटिफिकेशन जारी कर 2024-25 के सत्र के लिए छात्र संघ के चुनाव की घोषणा की, लेकिन श्री गुरु नानकदेव खालसा कॉलेज, श्री गुरु तेगबहादुर खालसा कॉलेज और श्री गुरु गोविंद सिंह कॉलेज ऑफ कॉमर्स की प्रबंध समिति ने चुनाव से अपने आपको अलग करने का फैसला किया. तीनों कॉलेजों के फैसले के बाद इनमें पढ़नेवाले छात्र इन चुनावों में भाग नहीं ले सकते थे.
सुनवाई के दौरान तीनों कॉलेजों की ओर से पेश वकील ने कहा कि लिंगदोह कमेटी की रिपोर्ट के मुताबिक कॉलेजों को ये विशेषाधिकार है कि वे चाहे तो छात्र संघ चुनाव में भाग ले सकते हैं या नामिनेशन का विकल्प अपना सकते हैं. उन्होंने कहा कि तीनों कॉलेजों ने इस साल के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव में नामिनेशन का विकल्प चुना है.
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता छात्रों की ओर से पेश वकील ने कहा कि पिछले साल तीनों कॉलेज दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ का हिस्सा थे, ऐसे में इस साल उन्हें छात्र संघ के चुनाव से अलग होने की इजाजत नहीं मिलनी चाहिए. याचिकाकर्ताओं के मुताबिक, दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ 2024-25 के लिए नामांकन भरने की अंतिम तिथि 19 सितंबर थी. 20 सितंबर को नाम वापस लेने की अंतिम तारीख है. ऐसे में छात्र संघ का चुनाव लड़ने के इच्छुक छात्रों को नामांकन भरने की अनुमति मिलनी चाहिए.
यह भी पढ़ेंः डूसू चुनाव के लिए NSUI ने घोषित किए उम्मीदवार, 4-0 से जीत का दावा, देखें लिस्ट
यह भी पढ़ेंः ABVP ने डूसू चुनाव के लिए की प्रत्याशियों की घोषणा, बड़े अंतर से किया जीत का दावा
यह भी पढ़ेंः डूसू चुनाव 2024: नाम वापसी के बाद अब केवल 21 उम्मीदवार चुनाव मैदान में, जानिए किस पद पर कितने प्रत्याशी