नई दिल्ली : कांग्रेस ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उन लोगों की जवाबदेही सुनिश्चित करें जिनके कारण कोरोना के खिलाफ लड़ रहे चिकित्साकर्मियों के लिए निजी सुरक्षा उपकरणों (पीपीई) की उपलब्धता में 'विलंब' हुआ है.
पार्टी प्रवक्ता पवन खेड़ा ने प्रधानमंत्री के वीडियो संदेश का हवाला देते हुए यह दावा भी किया कि देश के सभी वर्गों ने मोदी के संबोधन से जो उम्मीद लगा रखी थीं वो पूरी नहीं हुईं.
उन्होंने वीडियो लिंक के माध्यम से संवाददाताओं से कहा, 'प्रधानमंत्री जी, देश को उम्मीद थी कि आप चिकित्साकर्मियों के लिए पीपीई की उपलब्धता के बारे बताएंगे, आप बताएंगे कि किसानों, गरीबों और मजदूरों के खातों में 7500 रुपये डाले जाएंगे. मनरेगा के मजदूरों को उम्मीद थी कि आप उन्हें अग्रिम भुगतान की राशि देने की घोषणा करेंगे.'
उन्होंने कहा, 'चिकिस्ता जांच तेजी से नहीं हो रही है. 130 करोड़ के देश में अब तक सिर्फ 50 हजार जांच हुई हैं.'
खेड़ा ने सवाल किया, 'अपने कहा था कि ताली और थाली बजाओ, सबने बजाई. अब आप कह रहे हैं कि दीये, मोमबत्ती और टार्च जलाओ, वो भी जल दिया जाएगा. लेकिन यह बताइए कि जिन चिकित्साकर्मियों के लिए अपने ताली और थाली बजवाई थी उन्हें निजी सुरक्षा उपकरण क्यों नहीं मिल रहे हैं? इसकी जिम्मेदारी किसकी है?'
उन्होंने कहा, 'निजी सुरक्षा उपकरणों की खरीद में विलंब के लिए कौन जवाबदेह है? किसने मास्क और वेंटिलेटर के निर्यात पर रोक नहीं लगाई? इसकी जवाबदेही तय करिए.' कांग्रेस नेता ने यह सवाल भी किया, 'गरीबों और मजदूरों का चूल्हा जलता रहे, क्या यह जिम्मेदारी आपकी नहीं है?
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दरअसल, प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना वायरस संक्रमण के खिलाफ लड़ाई में देश की 'सामूहिक शक्ति' के महत्व को रेखांकित करते हुए रविवार पांच अप्रैल को देशवासियों से अपने घरों की बालकनी में खड़े रहकर नौ मिनट के लिए मोमबत्ती, दीया, टॉर्च या मोबाइल की फ्लैशलाइट जलाने की अपील की है.