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देश के दो करोड़ 91 लाख लोगों का गोपनीय डाटा चोरी : महाराष्ट्र साइबर सेल

महाराष्ट्र साइबर सेल के मुताबिक देश के दो करोड़ 91 लाख नागरिकों का गोपनीय डाटा चोरी हो चुका है. इसके लिए साइबर अपराधियों ने डार्क वेब का उपयोग किया है. इसमें ज्यादातर डाटा युवाओं का है. पढ़ें पूरी खबर...

maharashtra cyber cell
साइबर सेल
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Published : Jun 8, 2020, 9:16 PM IST

Updated : Jun 8, 2020, 9:37 PM IST

मुंबई : महाराष्ट्र साइबर सेल ने एक बड़ा खुलासा किया है. राज्य साइबर सेल के मुताबिक लगभग दो करोड़ 91 लाख भारतीय नागरिकों के गोपनीय डाटा को डार्क वेब के माध्यम से चोरी किया गया है.

मुंबई पुलिस के आईटी सेल ने बताया कि यह डाटा उन नागरिकों का है, जिन्होंने इंटरनेट पर विभिन्न जॉब पोर्टल को एक्सेस किया है और स्वतः निजी जानकारियों का उल्लेख किया है.

डाटा चोरी की जानकारी देते साइबर सेल के आईजी

साइबर सेल के आईजी यशस्वी यादव ने बताया कि डार्क वेब के माध्यम से दो करोड़ 91 लाख से अधिक लोगों के गोपनीय डाटा को चोरी किया गया है. चोरी की गई डिजिटल जानकारी में नागरिकों के क्रेडिट कार्ड की जानकारी, आधार कार्ड, ई-मेल आईडी, फोन नंबर, मोबाइल नंबर जैसी जानकारियां शामिल हैं.

देश में शिक्षित युवा नौकरी की तलाश में हैं, उन्हें नौकरी देने का प्रलोभन दिया जाता है. इसके साथ ही, साइबर अपराधी संबंधित व्यक्ति को कॉल करके ईमेल आईडी, मोबाइल नंबर और बैंक खाते का नंबर मांगते हैं और उनकी गोपनीय जानकारियों को संकलित कर लेते हैं. फर्जी विज्ञापन के जरिए भी लोगों को लूटा जा सकता है.

डार्क वेब का उपयोग आतंकवादी गतिविधियों, मादक पदार्थों की तस्करी और ऑनलाइन बिक्री, नेट फिशिंग, अवैध हथियारों की बिक्री के साथ-साथ बैंकिंग धोखाधड़ी के लिए दुनियाभर के साइबर अपराधी करते हैं.

मुंबई : महाराष्ट्र साइबर सेल ने एक बड़ा खुलासा किया है. राज्य साइबर सेल के मुताबिक लगभग दो करोड़ 91 लाख भारतीय नागरिकों के गोपनीय डाटा को डार्क वेब के माध्यम से चोरी किया गया है.

मुंबई पुलिस के आईटी सेल ने बताया कि यह डाटा उन नागरिकों का है, जिन्होंने इंटरनेट पर विभिन्न जॉब पोर्टल को एक्सेस किया है और स्वतः निजी जानकारियों का उल्लेख किया है.

डाटा चोरी की जानकारी देते साइबर सेल के आईजी

साइबर सेल के आईजी यशस्वी यादव ने बताया कि डार्क वेब के माध्यम से दो करोड़ 91 लाख से अधिक लोगों के गोपनीय डाटा को चोरी किया गया है. चोरी की गई डिजिटल जानकारी में नागरिकों के क्रेडिट कार्ड की जानकारी, आधार कार्ड, ई-मेल आईडी, फोन नंबर, मोबाइल नंबर जैसी जानकारियां शामिल हैं.

देश में शिक्षित युवा नौकरी की तलाश में हैं, उन्हें नौकरी देने का प्रलोभन दिया जाता है. इसके साथ ही, साइबर अपराधी संबंधित व्यक्ति को कॉल करके ईमेल आईडी, मोबाइल नंबर और बैंक खाते का नंबर मांगते हैं और उनकी गोपनीय जानकारियों को संकलित कर लेते हैं. फर्जी विज्ञापन के जरिए भी लोगों को लूटा जा सकता है.

डार्क वेब का उपयोग आतंकवादी गतिविधियों, मादक पदार्थों की तस्करी और ऑनलाइन बिक्री, नेट फिशिंग, अवैध हथियारों की बिक्री के साथ-साथ बैंकिंग धोखाधड़ी के लिए दुनियाभर के साइबर अपराधी करते हैं.

Last Updated : Jun 8, 2020, 9:37 PM IST
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