नई दिल्लीः भारतीय मौसम विभाग ने हाल ही में कुछ आंकड़े साझा किए हैं. इन आंकड़ों के मुताबिक अरब सागर से शुरु हुए चक्रवात के साथ मानसून में हुई देरी से देश भर में बारिश में तकरीबन 45 प्रतिशत तक की कमी हुई है.
आईएमडी की वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ सती देवी ने ईटीवी भारत से विशेष बातचीत की. उन्होंने कहा कि अभी तक देश के कई हिस्सों में मानसून नहीं पहुंचा है. यहां तक कि केरल में भी मानसून इस साल एक सप्ताह देरी से पहुंचा.
आमतौर पर केरल में मानसून के पहुंचने की उम्मीद 1 जून को रहती है. लेकिन इस साल मानसून 8 जून को आया.
अब तक लक्षद्वीप, केरल, तमिलनाडु के दक्षिणी हिस्सों, अंडमान और निकोबार समेत मणिपुर व मिजोरम के कुछ हिस्सों में मानसून पहुंचा है.
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उन्होंने कहा कि चक्रवात से मानसून की नमी वाली हवाओं को खींच लिया है. लेकिन एक बार जब आपके पास इस तरह की प्रणाली होती है, तो सब कुछ उसी पर केंद्रित हो जाता है. इसलिए यह मानसून को पहले से ही डिस्टर्ब कर देता है. एक बार जब प्रणाली कमजोर हो जाती है तो यही मानसून प्रक्रिया आगे बढ़ेगी.
बता दें, 12 जून तक 46.6 मिमी औसत बारिश की उम्मीद की गई थी, लेकिन देश में अब तक केवल 25.8 मिमी बारिश ही हुई है.