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देरी से आया मानसून, इसलिए देश भर में कम बारिश : विशेषज्ञ - IMD

आईएमडी ने आकड़े साझा किए हैं, जिनके मुताबिक देश भर में कम बारिश होगी. बारिश में यह कमी मानसून में देरी की वजह से हो रही है. आईएमडी की वरिष्ठ वैज्ञानिक ने ईटीवी भारत से बातचीत में इसका कारण बताया. जानें क्या कहा उन्होंने....

आईएमडी ने मानसून को लेकर साझा किए आंकड़े
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Published : Jun 13, 2019, 8:41 PM IST

नई दिल्लीः भारतीय मौसम विभाग ने हाल ही में कुछ आंकड़े साझा किए हैं. इन आंकड़ों के मुताबिक अरब सागर से शुरु हुए चक्रवात के साथ मानसून में हुई देरी से देश भर में बारिश में तकरीबन 45 प्रतिशत तक की कमी हुई है.

आईएमडी की वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ सती देवी ने ईटीवी भारत से विशेष बातचीत की. उन्होंने कहा कि अभी तक देश के कई हिस्सों में मानसून नहीं पहुंचा है. यहां तक कि केरल में भी मानसून इस साल एक सप्ताह देरी से पहुंचा.

ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए मौसम विभाग की वरिष्ठ वैज्ञानिक

आमतौर पर केरल में मानसून के पहुंचने की उम्मीद 1 जून को रहती है. लेकिन इस साल मानसून 8 जून को आया.

अब तक लक्षद्वीप, केरल, तमिलनाडु के दक्षिणी हिस्सों, अंडमान और निकोबार समेत मणिपुर व मिजोरम के कुछ हिस्सों में मानसून पहुंचा है.

पढ़ेंः गुजरात में 'वायु' अलर्ट, 40 ट्रेनें रद्द, हवाई सेवा बंद

उन्होंने कहा कि चक्रवात से मानसून की नमी वाली हवाओं को खींच लिया है. लेकिन एक बार जब आपके पास इस तरह की प्रणाली होती है, तो सब कुछ उसी पर केंद्रित हो जाता है. इसलिए यह मानसून को पहले से ही डिस्टर्ब कर देता है. एक बार जब प्रणाली कमजोर हो जाती है तो यही मानसून प्रक्रिया आगे बढ़ेगी.

बता दें, 12 जून तक 46.6 मिमी औसत बारिश की उम्मीद की गई थी, लेकिन देश में अब तक केवल 25.8 मिमी बारिश ही हुई है.

नई दिल्लीः भारतीय मौसम विभाग ने हाल ही में कुछ आंकड़े साझा किए हैं. इन आंकड़ों के मुताबिक अरब सागर से शुरु हुए चक्रवात के साथ मानसून में हुई देरी से देश भर में बारिश में तकरीबन 45 प्रतिशत तक की कमी हुई है.

आईएमडी की वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ सती देवी ने ईटीवी भारत से विशेष बातचीत की. उन्होंने कहा कि अभी तक देश के कई हिस्सों में मानसून नहीं पहुंचा है. यहां तक कि केरल में भी मानसून इस साल एक सप्ताह देरी से पहुंचा.

ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए मौसम विभाग की वरिष्ठ वैज्ञानिक

आमतौर पर केरल में मानसून के पहुंचने की उम्मीद 1 जून को रहती है. लेकिन इस साल मानसून 8 जून को आया.

अब तक लक्षद्वीप, केरल, तमिलनाडु के दक्षिणी हिस्सों, अंडमान और निकोबार समेत मणिपुर व मिजोरम के कुछ हिस्सों में मानसून पहुंचा है.

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उन्होंने कहा कि चक्रवात से मानसून की नमी वाली हवाओं को खींच लिया है. लेकिन एक बार जब आपके पास इस तरह की प्रणाली होती है, तो सब कुछ उसी पर केंद्रित हो जाता है. इसलिए यह मानसून को पहले से ही डिस्टर्ब कर देता है. एक बार जब प्रणाली कमजोर हो जाती है तो यही मानसून प्रक्रिया आगे बढ़ेगी.

बता दें, 12 जून तक 46.6 मिमी औसत बारिश की उम्मीद की गई थी, लेकिन देश में अब तक केवल 25.8 मिमी बारिश ही हुई है.

Intro:New Delhi: As per the recent data given by India Meteorological Department (IMD), the delayed onset of the monsoon coupled with the developing cyclone over the Arabian Sea have resulted in a 45 percent deficit in the rainfall across the country.


Body:While speaking exclusively to ETV Bharat, senior scientist of IMD, Dr Sathi Devi said, "Monsoon does not cover much part of the country yet. This year, Monsoon has arrived one week late even in Kerela. Usually, the monsoon arrival in Kerela is expected to come at around 1st of June. But this year, it came on 8th of June. As of now, monsoon has covered Lakshdweep islands, most part of kerela, Southern parts of Tamil Nadu, Andman and Nickobar, and some parts of Manipur, Mizoram.

The cyclonic system pulled in the moisture rich westerly winds, halting the advancement of the monsoon. "But once you have such kind of system, everything gets concentrated on that. So this disturbs the monsoon in advance. Once the system weakens, then only this monsoon process will pick up," she added.


Conclusion:The country has so far received only 25.8 mm of rain, against the average of 46.6mm expected by June 12.
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