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तीस हजारी झड़प: 20 पुलिसकर्मी और 8 वकील घायल, क्राइम ब्रांच करेगी जांच

अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त हरेंद्र सिंह का तीस हजारी की घटना के बारे में जानकारी दी. इस दौरान उन्होंने कहा कि घटना के समय लॉकअप में 100 से ज्यादा कैदी पेशी के लिए आए हुए थे. इनकी सुरक्षा करना दिल्ली पुलिस की प्राथमिकता थी.

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Published : Nov 2, 2019, 11:59 PM IST

नई दिल्ली: तीस हजारी कोर्ट में पुलिस एवं अधिवक्ताओं के बीच हुई झड़प के मामले में अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त हरेंद्र सिंह भी घायल हुए हैं. उन्होंने इस घटना को लेकर जानकारी देते हुए बताया कि उस समय 100 से ज्यादा कैदी लॉकअप में मौजूद थे. उन्हें पेशी के लिए लाया गया था. वकील जबरन वहां पर घुसने का प्रयास कर रहे थे और दबाव बनाने के लिए उन्होंने बाहर खड़ी गाड़ियों को आग लगाया. उन्होंने फिलहाल गोली चलने की जानकारी से इनकार किया है.

लॉकअप में थे 100 से ज्यादा कैदी
अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त हरेंद्र सिंह ने बताया कि दोपहर लगभग 3 बजे एक अधिवक्ता लॉकअप के बाहर पार्किंग कर रहे थे, जिन्हें पुलिसकर्मी ने रोका. इस बात को लेकर उनके बीच कहासुनी हुई और यह झगड़ा बढ़ता चला गया. इस झगड़े में अधिवक्ताओं ने पुलिसकर्मियों के साथ मारपीट की और लॉकअप में घुसने की कोशिश की. घटना के समय इस लॉकअप में 100 से ज्यादा कैदी पेशी के लिए आए हुए थे. इनकी सुरक्षा करना दिल्ली पुलिस की प्राथमिकता थी. मौके पर पहुंची पुलिस ने सबसे पहले लॉकअप को बंद किया ताकि वहां मौजूद कैदियों की सुरक्षा हो सके.

तीस हजारी बवाल पर जानकारी देते अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त

पुलिस पर दबाव के लिए गाड़ियों में लगाई आग
इस दौरान बाहर खड़े वकीलों ने पुलिस पर दबाव बनाने के लिए जिप्सी और बाइक को आग लगा दिया. इस घटना में उन्हें भी चोट लगी है. जिसके चलते उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है. उन्होंने बताया कि उनकी जानकारी में नहीं है कि किसी ने गोली चलाई हो. उन्होंने यह भी कहा कि तीसरी बटालियन के पुलिसकर्मियों के पास मिर्ची स्प्रे होता है. जिसका इस्तेमाल वो करते हैं. फिलहाल गोली चलने के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है.

पढ़ें- तीस हजारी कोर्ट में पुलिस और वकीलों के बीच खूनी झड़प, कई घायल

अस्पताल में चल रहा है घायलों का इलाज
पुलिस सूत्रों ने बताया कि इस घटना में जहां एक तरफ तीन से चार वकील घायल हुए हैं. तो वहीं आधा दर्जन पुलिसकर्मियों को भी चोट आई है. इन सभी को फिलहाल उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है. इस पूरे घटनाक्रम को लेकर कोई एफआईआर दर्ज नहीं हुई है. पुलिस पूरे मामले की छानबीन कर रही है और मौके से मिले दर्जन भर से ज्यादा वीडियो को खंगाला जा रहा है.

20 पुलिसकर्मी, 8 वकील घायल

पुलिस के अनुसार इस पूरे हंगामे के दौरान कुल 20 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं, जिनमें एक अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त, दो एसएचओ शामिल हैं. वहीं दूसरी तरफ 8 वकीलों को चोटें आई हैं. वकील को गोली लगने की जांच सीएफएसएल से करवाई जाएगी. जिससे पता चलेगा कि गोली किससे चली है. इस घटना में कुल 12 मोटरसाइकिल जली हैं, जबकि एक जिप्सी को जलाया गया है. इसके अलावा 8 जेल वैन को क्षतिग्रस्त किया गया है.

क्राइम ब्रांच करेगी जांच

लॉकअप में मौजूद कैदियों को आगजनी के चलते दम घुटने की शिकायत हो रही थी और उन्हें पुलिस ने सुरक्षा पूर्वक तिहाड़ जेल पहुंचाया. दोनों पक्षों की तरफ से शिकायतें मिली हैं और उन पर मामला दर्ज किया जा रहा है. क्राइम ब्रांच की एसआईटी इस पूरे मामले की छानबीन करेगी. इसके अलावा एक स्पेशल सीपी की देखरेख में पूरे मामले की जांच भी की जाएगी.

नई दिल्ली: तीस हजारी कोर्ट में पुलिस एवं अधिवक्ताओं के बीच हुई झड़प के मामले में अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त हरेंद्र सिंह भी घायल हुए हैं. उन्होंने इस घटना को लेकर जानकारी देते हुए बताया कि उस समय 100 से ज्यादा कैदी लॉकअप में मौजूद थे. उन्हें पेशी के लिए लाया गया था. वकील जबरन वहां पर घुसने का प्रयास कर रहे थे और दबाव बनाने के लिए उन्होंने बाहर खड़ी गाड़ियों को आग लगाया. उन्होंने फिलहाल गोली चलने की जानकारी से इनकार किया है.

लॉकअप में थे 100 से ज्यादा कैदी
अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त हरेंद्र सिंह ने बताया कि दोपहर लगभग 3 बजे एक अधिवक्ता लॉकअप के बाहर पार्किंग कर रहे थे, जिन्हें पुलिसकर्मी ने रोका. इस बात को लेकर उनके बीच कहासुनी हुई और यह झगड़ा बढ़ता चला गया. इस झगड़े में अधिवक्ताओं ने पुलिसकर्मियों के साथ मारपीट की और लॉकअप में घुसने की कोशिश की. घटना के समय इस लॉकअप में 100 से ज्यादा कैदी पेशी के लिए आए हुए थे. इनकी सुरक्षा करना दिल्ली पुलिस की प्राथमिकता थी. मौके पर पहुंची पुलिस ने सबसे पहले लॉकअप को बंद किया ताकि वहां मौजूद कैदियों की सुरक्षा हो सके.

तीस हजारी बवाल पर जानकारी देते अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त

पुलिस पर दबाव के लिए गाड़ियों में लगाई आग
इस दौरान बाहर खड़े वकीलों ने पुलिस पर दबाव बनाने के लिए जिप्सी और बाइक को आग लगा दिया. इस घटना में उन्हें भी चोट लगी है. जिसके चलते उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है. उन्होंने बताया कि उनकी जानकारी में नहीं है कि किसी ने गोली चलाई हो. उन्होंने यह भी कहा कि तीसरी बटालियन के पुलिसकर्मियों के पास मिर्ची स्प्रे होता है. जिसका इस्तेमाल वो करते हैं. फिलहाल गोली चलने के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है.

पढ़ें- तीस हजारी कोर्ट में पुलिस और वकीलों के बीच खूनी झड़प, कई घायल

अस्पताल में चल रहा है घायलों का इलाज
पुलिस सूत्रों ने बताया कि इस घटना में जहां एक तरफ तीन से चार वकील घायल हुए हैं. तो वहीं आधा दर्जन पुलिसकर्मियों को भी चोट आई है. इन सभी को फिलहाल उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है. इस पूरे घटनाक्रम को लेकर कोई एफआईआर दर्ज नहीं हुई है. पुलिस पूरे मामले की छानबीन कर रही है और मौके से मिले दर्जन भर से ज्यादा वीडियो को खंगाला जा रहा है.

20 पुलिसकर्मी, 8 वकील घायल

पुलिस के अनुसार इस पूरे हंगामे के दौरान कुल 20 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं, जिनमें एक अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त, दो एसएचओ शामिल हैं. वहीं दूसरी तरफ 8 वकीलों को चोटें आई हैं. वकील को गोली लगने की जांच सीएफएसएल से करवाई जाएगी. जिससे पता चलेगा कि गोली किससे चली है. इस घटना में कुल 12 मोटरसाइकिल जली हैं, जबकि एक जिप्सी को जलाया गया है. इसके अलावा 8 जेल वैन को क्षतिग्रस्त किया गया है.

क्राइम ब्रांच करेगी जांच

लॉकअप में मौजूद कैदियों को आगजनी के चलते दम घुटने की शिकायत हो रही थी और उन्हें पुलिस ने सुरक्षा पूर्वक तिहाड़ जेल पहुंचाया. दोनों पक्षों की तरफ से शिकायतें मिली हैं और उन पर मामला दर्ज किया जा रहा है. क्राइम ब्रांच की एसआईटी इस पूरे मामले की छानबीन करेगी. इसके अलावा एक स्पेशल सीपी की देखरेख में पूरे मामले की जांच भी की जाएगी.

Intro:नई दिल्ली
तीस हजारी कोर्ट में पुलिस एवं अधिवक्ताओं के बीच हुई झड़प के मामले में अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त हरेंद्र सिंह भी घायल हुए हैं. उन्होंने इस घटना को लेकर जानकारी देते हुए बताया कि उस समय 100 से ज्यादा कैदी लॉकअप में मौजूद थे. उन्हें पेशी के लिए लाया गया था. वकील जबरन वहां पर घुसने का प्रयास कर रहे थे और दबाव बनाने के लिए उन्होंने बाहर खड़ी गाड़ियों को आग लगाया. उन्होंने फिलहाल गोली चलने की जानकारी से इनकार किया है.Body:अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त हरेंद्र सिंह ने बताया कि दोपहर लगभग 3 बजे एक अधिवक्ता लॉकअप के बाहर पार्किंग कर रहे थे, जिन्हें पुलिसकर्मी ने रोका. इस बात को लेकर उनके बीच कहासुनी हुई और यह झगड़ा बढ़ता चला गया. इस झगड़े में अधिवक्ताओं ने पुलिसकर्मियों के साथ मारपीट की और लॉकअप में मौजूद घुसने की कोशिश की. घटना के समय इस लॉकअप में 100 से ज्यादा कैदी पेशी के लिए आए हुए थे. इनकी सुरक्षा करना दिल्ली पुलिस की प्राथमिकता थी. मौके पर पहुंची पुलिस ने सबसे पहले लॉकअप को बंद किया ताकि वहां मौजूद कैदियों की सुरक्षा हो सके.


पुलिस पर दबाव के लिए गाड़ियों में लगाई आग

इस दौरान बाहर खड़े वकीलों ने पुलिस पर दबाव बनाने के लिए जिप्सी और बाइक को आग लगा दिया. इस घटना में उन्हें भी चोट लगी है जिसके चलते उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है. उन्होंने बताया कि उनकी जानकारी में नहीं है कि किसी ने गोली चलाई हो. उन्होंने यह भी कहा कि तीसरी बटालियन के पुलिसकर्मियों के पास मिर्ची स्प्रे होता है जिसका इस्तेमाल वह करते हैं. फिलहाल गोली चलने के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है.Conclusion: अस्पताल में चल रहा है घायलों का इलाज

पुलिस सूत्रों ने बताया कि इस घटना में जहां एक तरफ तीन से चार वकील घायल हुए हैं तो वहीं आधा दर्जन पुलिसकर्मियों को भी चोट आई है. इन सभी को फिलहाल उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है. इस पूरे घटनाक्रम को लेकर कोई एफआईआर दर्ज नहीं हुई है. पुलिस पूरे मामले की छानबीन कर रही है और मौके से मिले दर्जन भर से ज्यादा वीडियो को खंगाला जा रहा है.
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