नई दिल्ली : मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने रविवार को केंद्र सरकार से दिल्ली में 'सेंट्रल विस्टा' के पुनर्विकास योजना से 'पर्दा हटाने' की मांग की. पार्टी ने कहा कि ऐसी ऐतिहासिक परियोजना को लेकर जल्दबाजी नहीं की जानी चाहिए.
माकपा ने जारी एक बयान में कहा, 'माकपा पोलित ब्यूरो भाजपा सरकार से अनुरोध करता है कि वह दिल्ली में सेंट्रल विस्टा के पुनर्विकास की प्रस्तावित परियोजना से पर्दा उठाये, क्योंकि इससे नागरिकों के अलावा, संसद सबसे अधिक प्रभावित होगी.'
योजना के अनुसार सरकार राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक के तीन किलोमीटर क्षेत्र को पुनर्विकसित करेगी. केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय का कहना है कि पूरी परियोजना 2024 तक पूरी होगी. पिछले वर्ष दो सितम्बर को केंद्र ने 'संसद भवन, कॉमन सेंट्रल सेक्रेटैरियट और केंद्रीय विस्टा के विकास या पुनर्विकास' के लिए 'रिक्वेस्ट फार प्रपोजल' जारी किया था.
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इसमें कहा गया, 'इसलिए यह जरूरी है कि सरकार परियोजना के बारे में संसद के जारी बजट सत्र में चर्चा करे. ऐसे ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण प्रस्ताव में जल्दबाजी नहीं की जानी चाहिए.'
उसने कहा कि केंद्र को यह पता होना चाहिए कि सेंट्रल विस्टा के लिए जिस जमीन के बारे में विचार किया जा रहा है वह जनता की है और सरकार केवल उसकी संरक्षक है.
माकपा ने कहा, 'उच्चतम न्यायालय 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन मामले में प्राकृतिक संसाधनों की सटीक परिभाषा और सरकारी हस्तक्षेप के तरीके की सीमाएं पहले ही स्पष्ट कर चुका है. इसलिए सरकार परियोजना पर एकपक्षीय तौर पर निर्णय नहीं कर सकती.'