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मौजूदा सरकार में संविधान की मूल संरचना खतरे में : हन्नान मोल्लाह

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Published : Dec 17, 2019, 8:51 PM IST

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने वर्तमान सरकार के रहते संविधान की मूल संरचना को खतरे में बताया है. साथ ही जामिया हिंसा में न्यायिक जांच कराने की मांग भी की है. मामले के संबंध में CPM के वरिष्ठ नेता हन्नान मोल्लाह से ईटीवी भारत ने खास बातचीत की. जानें बातचीत में उन्होंने क्या कुछ कहा...

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हन्नान मोल्लाह

नई दिल्ली : भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ( सीपीआई- मार्कसिस्ट) ने जामिया में हुई हिंसा की न्यायिक जांच कराने की मांग की है. पार्टी ने साथ ही यह भी कहा कि वर्तमान सरकार में संविधान की मूल संरचना खतरे में है.

पश्चिम बंगाल से लोकसभा सांसद व सीपीएम के वरिष्ठ नेता हन्नान मोल्लाह ने मंगलवार को ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि मौजूदा सरकार के दौर में भारतीय संविधान का मूल सिद्धांत खतरे में है. नागरिकता संसोधन कानून (सीएए) का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यह कानून संविधान के धर्मनिरपेक्ष चरित्र पर आक्रमण है.

ईटीवी भारत से बातचीत करते हन्नान मोल्लाह

मोल्लाह ने कहा कि यह कानून एक वर्ग विशेष को टारगेट कर रहा है. भले ही सरकार कुछ भी कहे, ये लोग अपने एजेंडे को पूरा कर रहे हैं. ये पहले सीएए लेकर आए, अब वे अपने अगले लक्ष्य यानी राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) की तरफ बढ़ेंगे और फिर नेशनल रजिस्टर आफ सिटीजन (एनआरसी ) लाएंगे. यही वजह है कि भारत के एक बड़े हिस्से में इस कानून के खिलाफ विरोध चल रहा है.

सीपीएम नेता ने यह भी दावा किया कि मौजूदा बीजेपी सरकार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का एजेंडा लागू कर रही है. उन्होंने कहा कि भारत के नागरिकों को संविधान के अनुच्छेद 14,15, 21 और 25 में प्रदत्त मौलिक अधिकारों को खतरा है.

पढ़ें : जामिया हिंसा: कोर्ट ने 6 आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा

लोकसभा सांसद मोल्लाह ने कहा कि मानव संसाधन और विकास मंत्रालय को जामिया हिंसा और बर्बरता की जांच बैठाने की पहल करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि पुलिस ने लाइब्रेरी के अंदर घुसकर सामानों को तहस नहस कर दिया. उन्होंने हैरानी जताते हुए कहा कि आखिर कुलपति की अनुमति के बिना पुलिस अंदर कैसे जा सकती है.

सीपीएम के वरिष्ठ नेता हन्नान मोल्लाह ने जामिया हिंसा पर दी प्रतिक्रिया.

वरिष्ठ सीपीएम नेता ने हिंसा की पूरी घटना की न्यायिक जांच कराने की मांग की. उन्होंने कहा, 'हम लोग हिंसा की न्यायिक जांच की मांग करते हैं. इस हिंसा में बहुत सारे छाात्र मारे जा सकते थे. हमारा मानना है कि पुलिस के अंदर भी कुछ एजेंट हैं, जो हिंसा भड़काने की कोशिश करते हैं.
गौरतलब है कि प्रतिष्ठित जामिया मिलिया विश्वविद्यालय में गत रविवार को सीएए के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान छात्रों और पुलिस के बीच हुई हिंसक झड़प में कई छात्र गंभीर रूप से घायल हो गए थे. हिंसा में कई गाड़ियों को भी आग के हवाले कर दिया गया था.

नई दिल्ली : भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ( सीपीआई- मार्कसिस्ट) ने जामिया में हुई हिंसा की न्यायिक जांच कराने की मांग की है. पार्टी ने साथ ही यह भी कहा कि वर्तमान सरकार में संविधान की मूल संरचना खतरे में है.

पश्चिम बंगाल से लोकसभा सांसद व सीपीएम के वरिष्ठ नेता हन्नान मोल्लाह ने मंगलवार को ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि मौजूदा सरकार के दौर में भारतीय संविधान का मूल सिद्धांत खतरे में है. नागरिकता संसोधन कानून (सीएए) का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यह कानून संविधान के धर्मनिरपेक्ष चरित्र पर आक्रमण है.

ईटीवी भारत से बातचीत करते हन्नान मोल्लाह

मोल्लाह ने कहा कि यह कानून एक वर्ग विशेष को टारगेट कर रहा है. भले ही सरकार कुछ भी कहे, ये लोग अपने एजेंडे को पूरा कर रहे हैं. ये पहले सीएए लेकर आए, अब वे अपने अगले लक्ष्य यानी राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) की तरफ बढ़ेंगे और फिर नेशनल रजिस्टर आफ सिटीजन (एनआरसी ) लाएंगे. यही वजह है कि भारत के एक बड़े हिस्से में इस कानून के खिलाफ विरोध चल रहा है.

सीपीएम नेता ने यह भी दावा किया कि मौजूदा बीजेपी सरकार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का एजेंडा लागू कर रही है. उन्होंने कहा कि भारत के नागरिकों को संविधान के अनुच्छेद 14,15, 21 और 25 में प्रदत्त मौलिक अधिकारों को खतरा है.

पढ़ें : जामिया हिंसा: कोर्ट ने 6 आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा

लोकसभा सांसद मोल्लाह ने कहा कि मानव संसाधन और विकास मंत्रालय को जामिया हिंसा और बर्बरता की जांच बैठाने की पहल करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि पुलिस ने लाइब्रेरी के अंदर घुसकर सामानों को तहस नहस कर दिया. उन्होंने हैरानी जताते हुए कहा कि आखिर कुलपति की अनुमति के बिना पुलिस अंदर कैसे जा सकती है.

सीपीएम के वरिष्ठ नेता हन्नान मोल्लाह ने जामिया हिंसा पर दी प्रतिक्रिया.

वरिष्ठ सीपीएम नेता ने हिंसा की पूरी घटना की न्यायिक जांच कराने की मांग की. उन्होंने कहा, 'हम लोग हिंसा की न्यायिक जांच की मांग करते हैं. इस हिंसा में बहुत सारे छाात्र मारे जा सकते थे. हमारा मानना है कि पुलिस के अंदर भी कुछ एजेंट हैं, जो हिंसा भड़काने की कोशिश करते हैं.
गौरतलब है कि प्रतिष्ठित जामिया मिलिया विश्वविद्यालय में गत रविवार को सीएए के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान छात्रों और पुलिस के बीच हुई हिंसक झड़प में कई छात्र गंभीर रूप से घायल हो गए थे. हिंसा में कई गाड़ियों को भी आग के हवाले कर दिया गया था.

Intro:New Delhi: Communist Party of India (CPI-Marxist) on Tuesday demanded a judicial enquiry into the Jamia violence even as the party has said that the basic structure of the Constitution is "under threat in the Present Government."


Body:Senior CPM leader Hannan Mollah has said that under the present government, the basic principle of Indian Constitution is under threat.

Referring to the Citizenship Amendment Act (CAA), Mollah said that it attacks the secular characteristic of the Constitution.

"Unrest prevails in large parts of India. The Act is targeting a section of people. Whatever the government say, they are fulfilling their agenda...they first did CAA, now they will go with their mission of National Population Register (NPR) and then National Register of Citizen (NRC)," said Mollah in an exclusive interview to ETV Bharat.

He further claimed that the present BJP government at the Centre is implementing the RSS agenda.

"Article 14, 15, 21 and 25 of the Indian Constitution which deals with the fundamental rights of the citizens is under threat," said Mollah.

Referring to the recent violence in Jamia, Mollah who was Lok Sabha MP from West Bengal said that the human resource and development ministry might initiate a enquiry into the violence and vandalism in Jamia.

"The police went inside the library and ransacked everything...how can police enter without the permission of the vice chancellor," said Mollah.


Conclusion:The senior CPM leader has demanded for a judicial enquiry into the entire violence.

"We demand a judicial enquiry into the violence. Many of the students could behave been killed in the violence...We believe there are agents in the police who try to instigate violence," said Mollah.

The recent violence and clash between police and students in the prestigious Jamia Milia University left several students injured. Several cars were also set ablaze in the violence.

The Jamia students were opposing the CAA.

end.
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