कोलकाता : भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के महासचिव डी. राजा ने भाजपा को एक पाखंडी पार्टी करार देते हुए मंगलवार को कहा कि यह अपने ‘नापाक मंसूबों’ को छिपाने के लिए लोगों को गुमराह करने के लक्ष्य के साथ कई सुरों में बोलती है.
राजा ने कहा कि लोगों को भाजपा के पाखंड को समझना चाहिए. मंगलवार को संसद में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय द्वारा दिए गए एक लिखित उत्तर पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए उन्होंने यह बात कही.
भाकपा नेता ने भाजपा की आलोचना करते हुए कहा, 'भाजपा कई सुरों में बोलती है. पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि राष्ट्रव्यापी राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) पर कोई बातें नहीं की जा रही. लेकिन गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि एनआरसी लागू की जाएगी.'
उन्होंने कहा कि भाजपा अपने नापाक मंसूबों को छिपाने के लिए देश को गुमराह कर रही है और हर किसी को पार्टी (भाजपा) के इस पाखंड को समझना चाहिए.
भाकपा महासचिव ने कहा, 'भाजपा-आरएसएस गठजोड़ भारत के धर्मनिरपेक्ष ताना-बाना को एक खतरा है. सभी धर्मनिरपेक्ष ताकतों को मिल कर लड़ने और एकजुट प्रतिरोध शुरू करने की जरूरत है.'
उन्होंने कहा कि संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) न सिर्फ मुसलमानों के प्रति भेदभावपूर्ण है बल्कि यह आदिवासियों, दलितों और समाज के गरीब तबकों के भी खिलाफ है.
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भाकपा की राष्ट्रीय परिषद बैठक के समापन दिवस पर बोलते हुए राजा ने कहा कि अब भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) को विनिवेश के लिए निशाना बनाया गया है.
उन्होंने कहा, 'हम चाहते हैं कि भाकपा की सदस्यता अगले तीन-चार साल में 10 लाख का आंकड़ा छूये। सभी स्तर पर हमारे संघर्ष को शुरू करने के लिए यह जरूरी है.'
राजा ने कहा कि भाकपा ने अपनी नीति निर्माण इकाई में युवाओं को रखने का फैसला किया है.