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छत्तीसगढ़ सरकार का फैसला, दो रुपये किलो खरीदा जाएगा गोबर

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Published : Jul 14, 2020, 9:02 PM IST

छत्तीसगढ़ में भूपेश कैबिनेट की बैठक में कई अहम फैसले लिए गए हैं. बैठक में गोबर के क्रय की दर को 2 रुपये प्रति किलो परिवहन व्यय सहित करने का अनुमोदन किया गया है. प्रदेश में हरेली पर्व से 'गोधन न्याय योजना' योजना की शुरुआत होगी.

दो रुपये किलो खरीदा जाएगा गोबर
दो रुपये किलो खरीदा जाएगा गोबर

रायपुर : छत्तीसगढ़ में दो रुपये प्रति किलोग्राम गोबर खरीदा जाएगा. मंगलवार को भूपेश बघेल कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया है. मंत्रिमंडलीय समिति द्वारा गोठान ग्राम में पशुपालकों से 1.50 रुपये प्रति किलो की दर से गोवंशी और भैंसवंशी मवेशियों के गोबर क्रय की अनुशंसा की गई थी. मंत्रिपरिषद की बैठक में गोबर के क्रय की दर को 2 रुपये प्रति किलो परिवहन व्यय सहित करने का अनुमोदन किया गया.

गोधन न्याय योजना के तहत राज्य के महत्वाकांक्षी कार्यक्रम - नरवा, गरूवा, घुरूवा और बाड़ी के स्वीकृत गोठानों को रोजगारोन्मुख बनाने हेतु 'गोधन न्याय योजना' का अनुमोदन किया गया. प्रदेश में हरेली पर्व से इस योजना की शुरपआत होगी. प्रदेश में अब तक 5300 गोठान स्वीकृत किए जा चुके हैं, जिसमें से ग्रामीण क्षेत्रों में 2408 और शहरी क्षेत्रों में 377 गोठान बन चुके हैं. जहां से इस योजना की शुरुआत की जाएगी.

प्रदेश में स्थापित गोठान में गोवंशीय और भैंसवंशीय पशुपालक से गोठान समितियों के माध्यम से गोबर क्रय कर उससे वर्मी कम्पोस्ट एवं अन्य उत्पाद तैयार किया जाएगा. इससे जैविक खेती को बढ़ावा मिले के साथ ही ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर, गोपालन एवं गो-सुरक्षा को प्रोत्साहन, खुली चराई पर रोक, द्विफसली क्षेत्र के विस्तार के साथ ही पशुपालकों को आर्थिक लाभ प्राप्त होगा.

योजना में उत्पादित वर्मी कम्पोस्ट का सहकारी समितियों के माध्यम से प्राथमिकता के आधार पर किसानों को 8 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से विक्रय किए जाने के साथ ही लैम्पस एवं प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति के अल्पकालीन कृषि ऋण के अंतर्गत सामग्री घटक में जैविक खाद (वर्मी कम्पोस्ट) को शामिल करने का अनुमोदन किया गया.

रायपुर : छत्तीसगढ़ में दो रुपये प्रति किलोग्राम गोबर खरीदा जाएगा. मंगलवार को भूपेश बघेल कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया है. मंत्रिमंडलीय समिति द्वारा गोठान ग्राम में पशुपालकों से 1.50 रुपये प्रति किलो की दर से गोवंशी और भैंसवंशी मवेशियों के गोबर क्रय की अनुशंसा की गई थी. मंत्रिपरिषद की बैठक में गोबर के क्रय की दर को 2 रुपये प्रति किलो परिवहन व्यय सहित करने का अनुमोदन किया गया.

गोधन न्याय योजना के तहत राज्य के महत्वाकांक्षी कार्यक्रम - नरवा, गरूवा, घुरूवा और बाड़ी के स्वीकृत गोठानों को रोजगारोन्मुख बनाने हेतु 'गोधन न्याय योजना' का अनुमोदन किया गया. प्रदेश में हरेली पर्व से इस योजना की शुरपआत होगी. प्रदेश में अब तक 5300 गोठान स्वीकृत किए जा चुके हैं, जिसमें से ग्रामीण क्षेत्रों में 2408 और शहरी क्षेत्रों में 377 गोठान बन चुके हैं. जहां से इस योजना की शुरुआत की जाएगी.

प्रदेश में स्थापित गोठान में गोवंशीय और भैंसवंशीय पशुपालक से गोठान समितियों के माध्यम से गोबर क्रय कर उससे वर्मी कम्पोस्ट एवं अन्य उत्पाद तैयार किया जाएगा. इससे जैविक खेती को बढ़ावा मिले के साथ ही ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर, गोपालन एवं गो-सुरक्षा को प्रोत्साहन, खुली चराई पर रोक, द्विफसली क्षेत्र के विस्तार के साथ ही पशुपालकों को आर्थिक लाभ प्राप्त होगा.

योजना में उत्पादित वर्मी कम्पोस्ट का सहकारी समितियों के माध्यम से प्राथमिकता के आधार पर किसानों को 8 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से विक्रय किए जाने के साथ ही लैम्पस एवं प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति के अल्पकालीन कृषि ऋण के अंतर्गत सामग्री घटक में जैविक खाद (वर्मी कम्पोस्ट) को शामिल करने का अनुमोदन किया गया.

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