रांची : झारखंड के रांची जिले के कांके लॉ कॉलेज की छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म मामले में सभी 11 आरोपियों को अदालत ने दोषी ठहराते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई है. मामले की सुनावई प्रधान आयुक्त नवनीत कुमार की अदालत में हुई. सभी 11 दोषियों को 376d के तहत उम्र कैद यानी अंतिम सांस तक जेल की चाहरदीवारी में रहने का फैसला सुनाया गया है.
26 फरवरी को अदालत ने अपना फैसला सुनाते हुए सभी आरोपियों को भारतीय संविधान के आईपीसी की धारा 376d,120b और 366, 323, 411, 379 में दोषी करार दिया था. मामले में कुल 12 आरोपी ट्रायल फेस कर रहे थे, जिनमें एक आरोपी को नाबालिग घोषित कर दिया गया है. सोमवार को बाकी 11 आरोपियों पर फैसला सुनाया गया.
सुनवाई के दौरान सभी 11 आरोपी वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए अदालत में उपस्थित हुए. वहीं सुनवाई के दौरान अदालत में डीजीपी कमलनयन चौधरी, एसएसपी अनीश गुप्ता, आईजी नवीन कुमार, डीआईजी एवी होमकार ग्रामीण एसपी, केस आईओ, थाना में मौजूद रहे.
ये हैं दोषियों के नाम
- कुलदीप उरांव
- सुनील उरांव
- संदीप तिर्की
- अजय मुंडा
- राजन उरांव
- नवीन उरांव
- बसंत कच्छप
- रवि उरांव
- रोहित उरांव
- सुनील मुंडा
- ऋषि उरांव
डे-टू-डे हुई सुनवाई
26 फरवरी को अदालत अपना फैसला सुनाते हुए आईपीसी की धारा 376d दुष्कर्म, 366 किडनैपिंग 323 मारपीट 120 कोन्सपिरेशी और आईपीसी की धारा 411 यानी चोरी का सामान बरामद करने के तहत सभी आरोपियों को दोषी करार दिया गया है. मामले में स्पीडी ट्रायल के माध्यम से प्रधान न्याययुक्त नवनीत कुमार की कोर्ट में डे-टू-डे सुनवाई चली और 3 महीने के भीतर ही सभी आरोपियों को दोषी ठहराया गया है.
31 दिसंबर को सभी आरोपियों के खिलाफ 309 पन्ने का चार्जशीट अदालत में दाखिल किया गया था. मामले में घटना से जुड़े कई साक्ष्य अदालत में पेश किया गया. जिनमें एफएसएल टीम के रिपोर्ट, डीएनए टेस्ट मोबाइल लोकेशन सीसीटीवी, तमाम साक्ष के मद्देनजर अदालत ने आज सभी आरोपियों को दोषियों को जघन अपराध मानते हुए 376d में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.
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क्या था पूरा मामला
कांके की लॉ कॉलेज की छात्रा बीते 26 नवंबर की शाम कांके के रिंग रोड संग्रामपुर बस स्टैंड के पास अपने दोस्त के साथ बैठी हुई थी. उसी दौरान कार और बाइक से पहुंचे अपराधी जबरन छात्रा को अगवा कर संग्रामपुर स्थित एक ईट भट्टे ले गए थे. जहां 12 आरोपियों ने मिलकर छात्रा के साथ बारी-बारी से दुष्कर्म कर घटना को अंजाम दिया था. दूसरे दिन छात्रा की शिकायत पर कांके थाना में 12 आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी.
वहीं, पुलिस ने मामले पर तत्परता दिखाते हुए सभी 12 आरोपियों को गिरफ्तार कर 29 नवंबर को जेल भेज दिया था. मामले पर हाईकोर्ट ने स्वत संज्ञान लेते हुए मामले का मॉनिटरिंग कर रहा था. जिसके परिणाम स्वरूप महज 92 दिन में पीड़िता को न्याय मिला है. मामले में 11 आरोपियों को आज अदालत दोषी करार दिया जिनमें कुलदीप उरांव, सुनील उरांव, संदीप तिर्की अजय मुंडा राजन उरांव, नवीन उरांव, बसंत कच्छप, रवि उरांव, रोहित उरांव, सुनील मुंडा और ऋषि उरांव शामिल था.