ETV Bharat / bharat

पत्रकारों के खिलाफ केस दर्ज करने की मंजूरी के लिए याचिका खारिज - प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे

उच्चतम न्यायालय ने मीडिया और पत्रकारों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने से पहले भारतीय प्रेस परिषद या शीर्ष अदालत द्वारा नामित किसी न्यायिक अधिकरण से मंजूरी लेना अनिवार्य की याचिका खारिज कर दी. जानें विस्तार से...

SC on journalists
उच्चतम न्यायालय
author img

By

Published : Jun 17, 2020, 3:43 AM IST

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने पत्रकारों के खिलाफ किसी खबर या टेलीविजन समाचार कार्यक्रम के संबंध में प्राथमिकी दर्ज करने से पहले भारतीय प्रेस परिषद या किसी न्यायिक प्राधिकरण से इसकी अनुमति लेने के लिए दायर याचिका मंगलवार को खारिज कर दी.

प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे, न्यायमूर्ति एमआर शाह और न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना की पीठ ने वीडियो कॉफ्रेन्स के माध्यम से मामले की सुनवाई के बाद अपने आदेश में कहा, 'याचिका खारिज की जाती है. अगर कोई आवेदन लंबित है तो उसका निस्तारण किया जाता है.'

इस मामले में पेश वकील ने बताया कि पीठ ने मौखिक रूप से यह कहा कि याचिकाकर्ता इस बारे में केंद्र को अपना प्रतिवेदन दे सकता है.

न्यायालय मुंबई स्थित अधिवक्ता धनश्याम उपाध्याय की याचिका पर सुनवाई कर रहा था. उपाध्याय का कहना था कि कुछ समाचार चैनलों को जानबूझकर निशाना बनाया जा रहा है और उनके खिलाफ अलग-अलग राज्यों में तरह-तरह के आरोपों में प्राथमिकी दर्ज की जा रही हैं ताकि उनकी आवाज दबाई जा सके.

याचिकाकर्ता का तर्क था कि निराधार और मनगढ़ंत तथा झूठे आरोपों से प्रेस की स्वतंत्रता की रक्षा के लिए कानून में कोई प्रावधान नहीं है, जबकि इसके लिए कुछ दिशा निर्देश बनाए जाने की आवश्यकता है.

याचिका में कहा गया था कि न्यायालय को यह निर्देश देना चाहिए की मीडिया और पत्रकारों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता के विभिन्न प्रावधानों के तहत किसी अपराध के आरोप में प्राथमिकी दर्ज करने से पहले भारतीय प्रेस परिषद या शीर्ष अदालत द्वारा नामित किसी न्यायिक अधिकरण से मंजूरी लेना अनिवार्य किया जाए.

याचिका में कहा गया था कि इस संबंध में दिशानिर्देश होने चाहिए और कानूनी कार्यवाही की मंजूरी देने वाले प्राधिकार को समयबद्ध तरीके से ऐसे आवेदन पर निर्णय का अधिकार दिया जाना चाहिए.

याचिका में कहा गया था कि समाचार और विचारों को पेश करने की प्रक्रिया में किसी प्रकार का हस्तक्षेप या फिर उन्हें दबाने का प्रयास नागरिकों को प्राप्त मौलिक अधिकारों का हनन होगा.

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने पत्रकारों के खिलाफ किसी खबर या टेलीविजन समाचार कार्यक्रम के संबंध में प्राथमिकी दर्ज करने से पहले भारतीय प्रेस परिषद या किसी न्यायिक प्राधिकरण से इसकी अनुमति लेने के लिए दायर याचिका मंगलवार को खारिज कर दी.

प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे, न्यायमूर्ति एमआर शाह और न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना की पीठ ने वीडियो कॉफ्रेन्स के माध्यम से मामले की सुनवाई के बाद अपने आदेश में कहा, 'याचिका खारिज की जाती है. अगर कोई आवेदन लंबित है तो उसका निस्तारण किया जाता है.'

इस मामले में पेश वकील ने बताया कि पीठ ने मौखिक रूप से यह कहा कि याचिकाकर्ता इस बारे में केंद्र को अपना प्रतिवेदन दे सकता है.

न्यायालय मुंबई स्थित अधिवक्ता धनश्याम उपाध्याय की याचिका पर सुनवाई कर रहा था. उपाध्याय का कहना था कि कुछ समाचार चैनलों को जानबूझकर निशाना बनाया जा रहा है और उनके खिलाफ अलग-अलग राज्यों में तरह-तरह के आरोपों में प्राथमिकी दर्ज की जा रही हैं ताकि उनकी आवाज दबाई जा सके.

याचिकाकर्ता का तर्क था कि निराधार और मनगढ़ंत तथा झूठे आरोपों से प्रेस की स्वतंत्रता की रक्षा के लिए कानून में कोई प्रावधान नहीं है, जबकि इसके लिए कुछ दिशा निर्देश बनाए जाने की आवश्यकता है.

याचिका में कहा गया था कि न्यायालय को यह निर्देश देना चाहिए की मीडिया और पत्रकारों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता के विभिन्न प्रावधानों के तहत किसी अपराध के आरोप में प्राथमिकी दर्ज करने से पहले भारतीय प्रेस परिषद या शीर्ष अदालत द्वारा नामित किसी न्यायिक अधिकरण से मंजूरी लेना अनिवार्य किया जाए.

याचिका में कहा गया था कि इस संबंध में दिशानिर्देश होने चाहिए और कानूनी कार्यवाही की मंजूरी देने वाले प्राधिकार को समयबद्ध तरीके से ऐसे आवेदन पर निर्णय का अधिकार दिया जाना चाहिए.

याचिका में कहा गया था कि समाचार और विचारों को पेश करने की प्रक्रिया में किसी प्रकार का हस्तक्षेप या फिर उन्हें दबाने का प्रयास नागरिकों को प्राप्त मौलिक अधिकारों का हनन होगा.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.