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संयुक्त राष्ट्र की उप महासचिव बोलीं- मानवीय संकट है कोविड-19 - कोरोना वायरस

दुनियाभर में कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या एक लाख के पार पहुंच गई है. यह महामीर अपने साथ अनगिनत चुनौतियां लेकर आई है. इसको लेकर संयुक्त राष्ट्र की उप महासचिव अमीना मोहम्मद ने कहा कि यह महामारी मानवीय संकट है...

UN deputy chief
फाइल फोटो
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Published : Apr 11, 2020, 2:37 PM IST

हैदराबाद : पूरी दुनिया कोरोना वायरस के कहर से जूझ रही है. इस महामारी ने दुनियाभर में समान्य जनजीवन को प्रभावित किया है. यह महामारी अपने साथ अनेक समस्याएं लेकर आई है. संयुक्त राष्ट्र की उप महासचिव अमीना मोहम्मद ने कोविड-19 को मानवीय संकट करार दिया है.

पीसबिल्डिंग कमीशन की वर्चुअल बैठक को संबोधित करते हुए मोहम्मद ने कहा कि कोविड-19 मानवीय संकट है. इसके दूरगामी प्रभाव हैं, जो मानव जीवन के सभी पहलुओं को प्रभावित करते हैं. पूरी दुनिया में स्वास्थ्य आपातकाल लगा हुआ है. हम मानवीय आपातकाल का सामना कर रहे हैं. इससे पहले से ही आर्थिक और समामजिक रूप से पीछड़े हुए वर्ग की मुश्किलें और बढ़ गई हैं.

यह संकट विकास के आपातकाल में बदलता जा रहा है. इससे लैंगिक अंतर और पहले से व्याप्त असमानताएं तेजी से बढ़ रही हैं. यह कड़ी मेहनत के बाद हासिल किए विकास को पलट सकता है और इससे 2030 के सतत विकास का एजेंडा धुंधला गया है.

विश्वभर में राजनीतिक और सामाजिक अशांति पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि सभी को मिलकर अभी कोई कदम उठाना होगा. हम सिर्फ इस स्वास्थ्य आपातकाल से नहीं लड़ सकते या मानवीय संकट को प्राथमिकता नहीं दे सकते. क्योंकि हम लोगों से यह उम्मीद नहीं कर सकते कि वह स्वास्थ्य या भोजन में से किसी एक को चुन लें.

इस महामारी से लड़ते हुए सतत विकास लक्ष्य हमारे लिए ध्रुव तारे की तरह है. कई मायनों में यह महामीर हमें हमारी कमियों से अवगत कराती है. यह कमियां 2030 के लक्ष्य को हालिस करने के रास्ते में खड्डे की तरह हैं. इन कमियों में समावेशी अर्थव्यवस्था और मजबूत संस्थानों के निर्माण में हमारी अपर्याप्त प्रगति भी शामिल है.

उन्होंने कहा कि आज हम सभी एक दुश्मन से लड़ रहे हैं. यह युद्ध एक वायरस के खिलाफ है. यह सुनिश्चित किया जाए कि इसके खिलाफ उठाए जाना वाला हर एक कदम शांति लाए और एकजुटता का मार्ग प्रशस्त करे.

हैदराबाद : पूरी दुनिया कोरोना वायरस के कहर से जूझ रही है. इस महामारी ने दुनियाभर में समान्य जनजीवन को प्रभावित किया है. यह महामारी अपने साथ अनेक समस्याएं लेकर आई है. संयुक्त राष्ट्र की उप महासचिव अमीना मोहम्मद ने कोविड-19 को मानवीय संकट करार दिया है.

पीसबिल्डिंग कमीशन की वर्चुअल बैठक को संबोधित करते हुए मोहम्मद ने कहा कि कोविड-19 मानवीय संकट है. इसके दूरगामी प्रभाव हैं, जो मानव जीवन के सभी पहलुओं को प्रभावित करते हैं. पूरी दुनिया में स्वास्थ्य आपातकाल लगा हुआ है. हम मानवीय आपातकाल का सामना कर रहे हैं. इससे पहले से ही आर्थिक और समामजिक रूप से पीछड़े हुए वर्ग की मुश्किलें और बढ़ गई हैं.

यह संकट विकास के आपातकाल में बदलता जा रहा है. इससे लैंगिक अंतर और पहले से व्याप्त असमानताएं तेजी से बढ़ रही हैं. यह कड़ी मेहनत के बाद हासिल किए विकास को पलट सकता है और इससे 2030 के सतत विकास का एजेंडा धुंधला गया है.

विश्वभर में राजनीतिक और सामाजिक अशांति पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि सभी को मिलकर अभी कोई कदम उठाना होगा. हम सिर्फ इस स्वास्थ्य आपातकाल से नहीं लड़ सकते या मानवीय संकट को प्राथमिकता नहीं दे सकते. क्योंकि हम लोगों से यह उम्मीद नहीं कर सकते कि वह स्वास्थ्य या भोजन में से किसी एक को चुन लें.

इस महामारी से लड़ते हुए सतत विकास लक्ष्य हमारे लिए ध्रुव तारे की तरह है. कई मायनों में यह महामीर हमें हमारी कमियों से अवगत कराती है. यह कमियां 2030 के लक्ष्य को हालिस करने के रास्ते में खड्डे की तरह हैं. इन कमियों में समावेशी अर्थव्यवस्था और मजबूत संस्थानों के निर्माण में हमारी अपर्याप्त प्रगति भी शामिल है.

उन्होंने कहा कि आज हम सभी एक दुश्मन से लड़ रहे हैं. यह युद्ध एक वायरस के खिलाफ है. यह सुनिश्चित किया जाए कि इसके खिलाफ उठाए जाना वाला हर एक कदम शांति लाए और एकजुटता का मार्ग प्रशस्त करे.

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