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45 दिनों में जीती कोरोना से जंग, डॉक्टरों का किया धन्यवाद

पश्चिम बंगाल में एक कोरोना मरीज ने गंभीर परिस्थितियों में भी हार नहीं मानी. मरीज 45 दिनों में कोरोन से जंग जीत कर अपने घर वापस लौटा है. घर लौटते वक्त उसकी आंखों में खुशी के आंसु थे और उसने डॉक्टरों को जान बचाने के लिए धन्यवाद किया.

corona cured After 45 days on ventilator
45 दिनों में जीती कोरोना से जंग
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Published : Aug 18, 2020, 8:16 PM IST

कोलकाता : एक कोरोना मरीज 45 दिनों तक वेंटिलेटर पर रहने के बाद मौत को हराकर लौट आया है. उन्हें सांस की गंभीर समस्या थी. उसके शरीर में ऑक्सीजन का स्तर 80 प्रतिशत से नीचे चला गया था. ऐसे में कोविड-19 रोगी की हालत इतनी गंभीर थी कि डॉक्टरों के लिए भी बचाना मुश्किल हो गया था, लेकिन मरीज ने 45 दिन में कोरोना से जंग जीत ली. लगभग दो महीने हॉस्पिटल में रहने के बाद कोरोना मरीज घर लौट आया.

पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना के नातागढ़ निवासी 59 साल के कोविड-19 मरीज रेलवेकर्मी हैं. उन्हें पहले से ही हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत थी. जिसके बाद उन्हें 18 जून को हावड़ा के फुलेश्वर के पास एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. कोविड-19 संक्रमण ने उनके फेफड़ों को काफी नुकसान पहुंचाया था. जिसके कारण उन्हें सांस लेने में बहुत परेशानी हो रही थी.

मरीज की हालत देखकर डॉक्टरों ने वेंटिलेटर पर रखने का फैसला किया. बावजूद उनकी स्थिती गंभीर हो गई. उसके बाद फिजियोथेरेपी की मदद ली गई. धीरे-धीरे उनकी हालत में सुधार होने लगा. 45 दिनों के बाद डॉक्टर उन्हें वेंटिलेटर से हटाने में सफलता पाई और 17 अगस्त को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई.

पढ़ें - कोरोना : देश में बन रहीं तीन वैक्सीन, एक का परीक्षण तीसरे चरण में

निजी अस्पताल के एक डॉक्टर ने बताया कि जब कोविड-19 का मरीज हमारे पास आया था तब लगता था कि वह नहीं बच पाएगा. निमोनिया के कारण फेफड़ों को काफी नुकसान पहुंच चुका था. मरीज ने उनसे कहा कि मैं अपने जीवन में इस कर्ज को कभी नहीं चुका पाऊंगा.

कोलकाता : एक कोरोना मरीज 45 दिनों तक वेंटिलेटर पर रहने के बाद मौत को हराकर लौट आया है. उन्हें सांस की गंभीर समस्या थी. उसके शरीर में ऑक्सीजन का स्तर 80 प्रतिशत से नीचे चला गया था. ऐसे में कोविड-19 रोगी की हालत इतनी गंभीर थी कि डॉक्टरों के लिए भी बचाना मुश्किल हो गया था, लेकिन मरीज ने 45 दिन में कोरोना से जंग जीत ली. लगभग दो महीने हॉस्पिटल में रहने के बाद कोरोना मरीज घर लौट आया.

पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना के नातागढ़ निवासी 59 साल के कोविड-19 मरीज रेलवेकर्मी हैं. उन्हें पहले से ही हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत थी. जिसके बाद उन्हें 18 जून को हावड़ा के फुलेश्वर के पास एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. कोविड-19 संक्रमण ने उनके फेफड़ों को काफी नुकसान पहुंचाया था. जिसके कारण उन्हें सांस लेने में बहुत परेशानी हो रही थी.

मरीज की हालत देखकर डॉक्टरों ने वेंटिलेटर पर रखने का फैसला किया. बावजूद उनकी स्थिती गंभीर हो गई. उसके बाद फिजियोथेरेपी की मदद ली गई. धीरे-धीरे उनकी हालत में सुधार होने लगा. 45 दिनों के बाद डॉक्टर उन्हें वेंटिलेटर से हटाने में सफलता पाई और 17 अगस्त को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई.

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निजी अस्पताल के एक डॉक्टर ने बताया कि जब कोविड-19 का मरीज हमारे पास आया था तब लगता था कि वह नहीं बच पाएगा. निमोनिया के कारण फेफड़ों को काफी नुकसान पहुंच चुका था. मरीज ने उनसे कहा कि मैं अपने जीवन में इस कर्ज को कभी नहीं चुका पाऊंगा.

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