नई दिल्ली : कांग्रेस नेता जयवीर शेरगिल ने कहा है कि वर्तमान में हो रही टीवी डिबेट्स में में सत्य उजागर नहीं होता बल्कि सनसनी फैलाई जाती है. उन्होंने ऐसे कार्यक्रम को जहरीला भी करार दिया. शेरगिल ने सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को पत्र लिखकर ऐसे कार्यक्रमों पर रोक लगाने की मांग की है. शेरगिल की इस मांग को शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी, राजद सांसद मनोज झा समेत कई अन्य कांग्रेस नेताओं ने भी समर्थन दिया है. वकील प्रशांत भूषण ने इस मामले को हत्या करार दिया है.
सुप्रीम कोर्ट के वकील प्रशांत भूषण ने भी इस मामले पर टिप्पणी की है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा, 'राजीव त्यागी की मौत जहरीले टीवी डिबेट के एक घंटे के भीतर हो गई.'
प्रशांत भूषण ने अपने ट्वीट में लिखा कि वह इस मामले को एक हत्या मानते हैं, जिसमें चैनल, एंकर और संबित पात्रा जैसे पार्टी प्रवक्ता घृणा फैलाते और गालियां देते हैं.
शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने भी त्यागी की मौत के मामले में प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि हर बीतते दिन के साथ जहरीली होती जा रही टीवी की बहसों से पार्टी के प्रवक्ताओं को दिन-रात गुजरना पड़ता है. उन्होंने कहा कि राजीव त्यागी हमेशा लोगों की मदद करने को तैयार रहते थे. उनके साथ होने वाली बातचीत हमेशा समृद्ध करती थी.
एक अन्य ट्वीट में प्रियंका ने लिखा की टीवी की दुनिया में टीआरपी हासिल करने के लिए जिस तरीके की जहरीली बहस को प्रोत्साहित किया जा रहा है, इसे रोका जाना चाहिए. उन्होंने जावड़ेकर से इस मामले में हस्तक्षेप करने की अपील की.
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के राज्यसभा सदस्य मनोज झा ने भी शेरगिल के पत्र में जाहिर की गई चिंताओं से इत्तफाक रखा. उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों को ऐसे शो में जाने से बचना चाहिए. झा ने कहा, 'विडंबना है कि ऐसे तमाशों को बहस कहा जाता है.'
इससे पहले कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भी शेरगिल के पत्र में लिखी गई बातों पर प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि आर्टिकल 19 से जुड़ा एक मुद्दा संसदीय समिति में लंबित है. वह इस मामले में संसदीय कमेटी से रिपोर्ट मांगेंगे.
कांग्रेस पार्टी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर पूर्व पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी की कई वीडियो क्लिपिंग को एक साथ मिलाकर जारी किया है. इसमें राहुल की बातों के उस हिस्से को रेखांकित किया गया है, जिसमें उन्हें कहते सुना जा सकता है कि नफरत से समाज में बंटवारा हो रहा है. हमें एक देश के रूप में एकजुट होकर नफरत को खत्म करना होगा.
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Shri @RahulGandhi has always stated that the ideology of hatred is dividing our society. As a nation we must unite together to put an end to the hatred. pic.twitter.com/5dH60U1HEe
— Congress (@INCIndia) August 13, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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बता दें कि शेरगिल ने दो पन्नों के विस्तृत पत्र में जावड़ेकर को अपनी बातें बताईं हैं. पत्र में शेरगिल ने लिखा है कि मीडिया घरानों के लिए एक परामर्श जारी किया जाए. परामर्श के संबंध में शेरगिल ने कहा है कि एक कोड ऑप कंडक्ट सभी पर लागू किया जाना चाहिए.
बकौल शेरगिल, सनसनी फैलाने वाले, अपनामजनक और जहरीले प्रकृति के टीवी डिबेट पर रोक लगाई जानी चाहिए. उन्होंने कहा है कि टीवी पर न्यूज एंकर को किसी भी तरह की भड़काऊ और निर्णायक टिप्प्णी नहीं करनी चाहिए.
जयवीर शेरगिल द्वारा लिखे गए पत्र को लेकर पूर्व सूचना और प्रसारण मंत्री (यूपीए सरकार) आनंद शर्मा ने भी शेरगिल के पत्र को समर्थन दिया. उन्होंने लिखा कि नेशनल ब्रॉडकास्टिंग एसोसिएशन के नियमों का उल्लंघन और स्पर्धा में फैलाई जा रही सनसनी चिंताजनक है.
आनंद शर्मा ने एक अन्य ट्वीट में लिखा कि पूर्व सूचना और प्रसारण मंत्री होने के नाते उन्हें महसूस होता है कि अपमानजनक भाषाओं का प्रयोग बढ़ा है. उन्होंने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 19 के तहत मीडिया ट्रायल को न्यायसंगत नहीं ठहराया जा सकता.
इससे पहले शेरगिल ने एक वीडियो संदेश में कहा कि आज के दौर में हो रही टीवी डिबेट्स से सनसनी फैलाने का काम किया जा रहा है.
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आज टीवी डिबेट्स तथ्य पर नहीं बल्कि शोर-शराबा, व्यक्तिगत हमले और तड़का लगाने वाला अखाड़ा बन चुकी हैं। इन जहरीले टीवी डिबेट्स में सत्य उजागर नहीं होता बल्कि सनसनी फैलाई जाती है: श्री @JaiveerShergill #StopHatePolitics pic.twitter.com/8vJl5EzQBF
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इससे पहले कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने भी एक वीडियो जारी कर राजीव त्यागी की मौत के मामले में प्रतिक्रिया दी.
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त्यागी की मौत के मामले में वरिष्ठ कांग्रेस नेता अखिलेश प्रताप सिंह ने भी मीडिया में होने वाली जहरीले बहस का जिक्र किया.
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गोदीमीडिया में जिस तरीके से जहर उगला जा रहा था; उसी के कारण हमारे एक ऊर्जावान प्रवक्ता राजीव त्यागी जी का देहांत हो गया। हम राजीव जी को विनम्र श्रद्धांजलि देते हैं: श्री @AkhileshPSingh
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#StopHatePolitics pic.twitter.com/R5qGLOTILS
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युवा कांग्रेस नेता और पार्टी प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने कहा कि भाजपा के प्रवक्ता हमारे ऊपर ओछी टिप्पणियां करते हैं, हमारे धर्म पर सवाल खड़े करते हैं. उन्होंने ऐसी बहसों पर रोक लगाने की मांग की.
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कल जब से श्री राजीव त्यागी जी के निधन का समाचार सुना उसके बाद से स्तब्ध हूं। भाजपा के प्रवक्ता हमारे ऊपर ओछी टिप्पणियां करते हैं, हमारे धर्म पर सवाल खड़े करते हैं; हमारे माथे पर लगे तिलक के बारे में ओछी बातें करते हैं तो उनको कोई नहीं रोकता: श्री @GouravVallabh #StopHatePolitics pic.twitter.com/qq2SA6GSTw
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वरिष्ठ कांग्रेस नेता मोहन प्रकाश ने कहा कि प्रधानमंत्री और गृहमंत्री अपने प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ कटुता पूर्ण भाषाशैली का उपयोग करते हैं; उनका अनुसरण भाजपा के प्रवक्ता भी कर रहे हैं.
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मैंने अपने राजनीतिक जीवन में देश में ऐसी बहस कभी नहीं देखी थी; जो आज कल देखने को मिल रही है। प्रधानमंत्री और गृहमंत्री अपने प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ कटुता पूर्ण भाषाशैली का उपयोग करते हैं; उनका अनुसरण भाजपा के प्रवक्ता भी कर रहे हैं: श्री मोहन प्रकाश#StopHatePolitics pic.twitter.com/GExlttvCyW
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कांग्रेस प्रवक्ता रागिनी नायक ने भी हैशटैग #StopHatePolitics के साथ एक वीडियो ट्वीट कर कहा कि ऐसी जहरीली बहसों पर रोक लगनी चाहिए.
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मीडिया को लोकतंत्र चौथा स्तंभ कहा जाता है। लेकिन मीडिया आज देश में धर्म और जाति के नाम पर नफरत फैलाने और बंटवारा करवाने का काम कर रहा है। टीवी ऐंकर और राजनीतिक प्रवक्ताओं की जिम्मेदारी बनती है कि ऐसी डिबेट्स बंद हों: डॉ• @NayakRagini #StopHatePolitics pic.twitter.com/ln8y9yOnF1
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एक अन्य कांग्रेस नेता प्रणव झा ने त्यागी की मौत के बाद लिखा कि टीआरपी के लिए कराए जाने वाले तमाशे जिसे बहस का नाम दिया जाता है, यहां गाली-गलौज होती है, लोगों पर कीचड़ उछाले जाते हैं, इन्हें बंद किया जाना चाहिए.
वरिष्ठ कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने भी त्यागी की मौत के मामले में ट्वीट कर लिखा कि यह समय ऐसा है, जब टीवी चैनल के मालिकों, संपादकों और एंकरों को आत्मनिरीक्षण की जरूरत है. उन्होंने कहा कि कई बार शब्द बंदूक की गोली जैसे ही घातक साबित होते हैं.
गौरतलब है कि बुधवार को राजीव त्यागी की हर्ट अटैक के कारण मौत हो गई थी. त्यागी को कौशांबी के यशोदा अस्पताल ले जाया गया था. अस्पताल में डॉ. पदम ने ही इमरजेंसी में राजीव त्यागी को सबसे पहले देखा था. डॉ. पदम का कहना है कि अस्पताल पहुंचने से पहले ही राजीव त्यागी की मृत्यु हो चुकी थी. उनका कहना है की हार्ट अटैक से राजीव त्यागी की मृत्यु हुई.
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डॉ. पदम ने बताया कि करीब 6:30 बजे राजीव त्यागी को अस्पताल लाया गया था और वह अनकॉन्शियस हालत में थे. अस्पताल में उनका सीपीआर किया गया. वेंटिलेटर का सपोर्ट दिया गया. पूरे 45 मिनट तक सीपीआर और इंजेक्शन भी लगाया गया. लेकिन 45 मिनट बाद वह पूरी तरह से क्रैश हो गए. हालांकि डॉ. पदम ने बताया कि अस्पताल आने से पहले उनकी मृत्यु हो चुकी थी. लेकिन मेडिकली जो प्रोसेस होता है वह पूरा किया जाता है.
त्यागी की मौत के बाद भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने शोक जताया था.
गिरिराज ने ट्वीट कर राजीव त्यागी के परिजनों के प्रति संवेदना जाहिर की थी.