नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 के बाद आज दूसरी बार वाराणसी से अपना नामांकन दाखिल किया इस दौरान उनके साथ जनता दल यूनाइटेड (जदयू) सहित एनडीए के सहयोगी नेता सहित अन्य प्रमुख नेता भी मौजूद थे. इस दौरान उन्होंने रैली में एक बार फिर पुलवामा हमले का मुद्दा उठाया जिस पर दोबारा आचार संहिता के उल्लंघन के आरोप लगे.
इसी विषय को लेकर कांग्रेस प्रवक्ता आलोक शर्मा ने ईटीवी भारत के साथ बातचीत करते हुए कहा कि वाराणसी की रैली में पुलवामा हमले के मुद्दे पर वोट मांगते हुए एक बार फिर ये पीएम मोदी ने साबित कर दिया कि उनके पास गिनवाने के लिये अपनी सरकार की उपलब्धियाँ ही नहीं. ' मोदी ने देश की संवैधानिक संस्थाओं खास तौर पर चुनाव आयोग और आचार संहिता की धज्जियां उड़ा दी हैं.
लेकिन जिस तरह से उन्होंने वाराणसी में पुलवामा हमले का मुद्दा उठाया उससे पता चलता है कि उन्होनें बनारस में पिछ्ले पांच सालों में कुछ नहीं किया है.' वाराणसी में अपना नामांकन भरने से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने अकाली दल के नेता और पंजाब के पूर्व मुख्यमन्त्री प्रकाश सिंह बादल के पैर छूकर उनका आशीर्वाद लिया.
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प्रधानमंत्री का ये वीडियो को सोशल मीडिया पर बहुत सराहा गया. हालांकि इस वीडियो पर विपक्षी दलों ने सवाल उठाते हुए ये आशंका जताई कि चुनाव जीतने के लिये अब भाजपा को सहयोगी दलों की ज़रूरत महसूस होने लगी है.
आलोक शर्मा ने इस पर बयान देते हुए कहा कि मोदी जी को दूसरी पार्टियों के गठबंधन पर आपत्ति होती है लेकिन खुद भी चुनाव जीतने के लिये सहयोगी दलों पर आश्रित होते हैं.