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मजदूर विरोधी 'तुगलकी फरमान' वापस ले बिहार सरकार : कांग्रेस - बिहार सरकार

कोरोना काल में राजनीति भी अपने चरम पर है. इस कड़ी में कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रेमचंद्र मिश्रा ने बिहार सरकार द्वारा प्रवासी बिहारी मजदूरों को लेकर अपनाई जा रही नीतियों को 'तुगलकी फरमान' बताया है. उन्होंने बिहार सरकार से कहा कि प्रवासी मजदूरों के लिए एक हजार नहीं 7500 रुपये डालिए और उनके लिए तीन महीने के राशन का इंतजाम कीजिए. जानें विस्तार से...

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कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रेमचंद्र मिश्रा
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Published : May 18, 2020, 12:29 AM IST

नई दिल्ली/पटना : कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता व बिहार से विधान परिषद सदस्य प्रेम चंद्र मिश्रा ने कहा कि बिहार की नीतीश सरकार किस स्तर पर प्रवासी मजदूरों के खिलाफ काम कर रही है यह उसके आदेशों में दिखता है.

दरअसल, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने घोषणा की थी कि जो भी प्रवासी मजदूर बिहार आ रहे हैं, हम उनको 14 दिन क्वारंटीन सेंटर में रखेंगे, जब वह घर जाने लगेंगे तो उनको रेल का किराया और 500 रुपया दिया जाएगा.

इस पर मिश्रा ने आरोप लगाया है कि मजदूरों से खाने-पीने, स्वच्छ पानी, शौचालय का वादा किया गया था लेकिन कोई सुविधा मजदूरों को नहीं मिली. हर दिन क्वारंटीन सेंटर से हंगामे की खबरें आती हैं.

उन्होंने कहा कि मजदूरों को पुलिस लाठी से पीटती है. सरकार ने आदेश जारी किया है कि क्वारंटीन सेंटर में जो भी खाने के लिए दिया जा रहा है उसे खाइए वरना कोई सुविधा नहीं दी जाएगी.

मीडिया पर पहले से प्रतिबंध है कि वह क्वारंटीन सेंटर में नहीं जा सकते हैं. बिहार सरकार लगातार गलत निर्णय लेती चली जा रही है.

प्रेमचंद्र मिश्रा ने कहा कि अब बिहार सरकार के आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा एक नया आदेश जारी हुआ है. उसमें लिखा है कि 1000 हजार रुपये की सहायता राशि उन्हीं प्रवासी बिहारी मजदूरों को दी जाएगी, जिनका बैंक अकाउंट बिहार में हैं.

उन्होंने कहा कि दूर-दूर के राज्यों से बिहारी मजदूर वापस लौट कर आए हैं. उनका बैंक अकाउंट उन राज्यों में है, यहां नहीं है. सरकार इस तरह के निर्णय को तुरंत वापस ले. यह तुगलकी फरमान मजदूर विरोधी है.

प्रेमचंद्र ने कहा कि बिहार सरकार से आग्रह है कि मजदूरों के साथ राजनीति मत कीजिए. यह बिहार के ही लोग हैं, जो संकट में हैं और अपने राज्य वापस आए हैं. इनकी सहायता करिए इन पर जुल्म न कीजिए.

उन्होंने कहा कि उनके बैंक खाते में एक हजार नहीं 7500 रुपये डालिए और उनके लिए तीन महीने के राशन का इंतजाम कीजिए.

नई दिल्ली/पटना : कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता व बिहार से विधान परिषद सदस्य प्रेम चंद्र मिश्रा ने कहा कि बिहार की नीतीश सरकार किस स्तर पर प्रवासी मजदूरों के खिलाफ काम कर रही है यह उसके आदेशों में दिखता है.

दरअसल, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने घोषणा की थी कि जो भी प्रवासी मजदूर बिहार आ रहे हैं, हम उनको 14 दिन क्वारंटीन सेंटर में रखेंगे, जब वह घर जाने लगेंगे तो उनको रेल का किराया और 500 रुपया दिया जाएगा.

इस पर मिश्रा ने आरोप लगाया है कि मजदूरों से खाने-पीने, स्वच्छ पानी, शौचालय का वादा किया गया था लेकिन कोई सुविधा मजदूरों को नहीं मिली. हर दिन क्वारंटीन सेंटर से हंगामे की खबरें आती हैं.

उन्होंने कहा कि मजदूरों को पुलिस लाठी से पीटती है. सरकार ने आदेश जारी किया है कि क्वारंटीन सेंटर में जो भी खाने के लिए दिया जा रहा है उसे खाइए वरना कोई सुविधा नहीं दी जाएगी.

मीडिया पर पहले से प्रतिबंध है कि वह क्वारंटीन सेंटर में नहीं जा सकते हैं. बिहार सरकार लगातार गलत निर्णय लेती चली जा रही है.

प्रेमचंद्र मिश्रा ने कहा कि अब बिहार सरकार के आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा एक नया आदेश जारी हुआ है. उसमें लिखा है कि 1000 हजार रुपये की सहायता राशि उन्हीं प्रवासी बिहारी मजदूरों को दी जाएगी, जिनका बैंक अकाउंट बिहार में हैं.

उन्होंने कहा कि दूर-दूर के राज्यों से बिहारी मजदूर वापस लौट कर आए हैं. उनका बैंक अकाउंट उन राज्यों में है, यहां नहीं है. सरकार इस तरह के निर्णय को तुरंत वापस ले. यह तुगलकी फरमान मजदूर विरोधी है.

प्रेमचंद्र ने कहा कि बिहार सरकार से आग्रह है कि मजदूरों के साथ राजनीति मत कीजिए. यह बिहार के ही लोग हैं, जो संकट में हैं और अपने राज्य वापस आए हैं. इनकी सहायता करिए इन पर जुल्म न कीजिए.

उन्होंने कहा कि उनके बैंक खाते में एक हजार नहीं 7500 रुपये डालिए और उनके लिए तीन महीने के राशन का इंतजाम कीजिए.

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