नई दिल्ली : कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की अगुआई में पार्टी के शिष्टमंडल ने दिल्ली हिंसा मामले पर गुरुवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की और उनसे यह आग्रह किया कि वह केंद्र सरकार से राजधर्म का पालन कराने और गृह मंत्री अमित शाह को हटाने के लिए कदम उठाएं.
इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह ने ईटीवी भारत से कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष 1984 के सिख दंगे को याद कर लें, जहां इतना कत्लेआम हुआ था.
अरुण सिंह ने कहा कि पिछले कई दिनों से सोनिया गांधी और राहुल गांधी सहित अन्य कांग्रेस नेता लोगों से अपील कर रहे थे कि वे अपने घरों से बाहर निकलें. इसी का नतीजा है कि आज दिल्ली इस हालात में पहुंची है.
भाजपा नेता ने कहा कि ऐसे समय, जब मामला इतना संवेदनशील है, कांग्रेस नेताओं को यह कहना चाहिए कि आइए हम सरकार के साथ मिलकर दिल्ली में शांति व्यवस्था बहाल करने में मदद करते हैं. लेकिन सोनिया गांधी अब भी इस्तीफा मांग रही हैं और इस्तीफे की राजनीति कर रही हैं, भड़काऊ भाषण दे रही हैं, उन्होंने एक बार भी शांति की अपील नहीं की.
गृहमंत्री का बचाव करते हुए अरुण सिंह ने कहा वह दिन-रात दंगे रोकने में लगे हुए हैं, उन्होंने दिल्ली में फैल रहे दंगे को दो दिनों में ही नियंत्रित कर लिया.
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह द्वारा राजधर्म निभाने वाली टिप्पणी पर भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि उस गृहमंत्री का इस्तीफा मांगा जा रहा है, जो 24 घंटे रात-दिन सरकार को आगे बढ़ाने में काम कर रहे हैं, देश को आगे बढ़ाने में काम कर रहे हैं.
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वहीं, आम आदमी पार्टी के पार्षद ताहिर हुसैन का नाम संदिग्ध लोगों में आने पर टिप्पणी करते हुए अरुण सिंह ने कहा, 'यह बहुत ही संवेदनशील मामला है, इतने लोगों की जान गई है. उन्हें हम श्रद्धांजलि देते हैं. लेकिन जांच के बाद अगर इस तरह की बातें सामने आती है कि किसी का हाथ इन दंगों को भड़काने में है तो उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए.'