नई दिल्ली : लाल किले में हुई हिंसा की निंदा करते हुए कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, 'यह पूरी तरह से व्यथित करने वाला है कि पिछले 61 दिनों से शांतिपूर्ण चल रहा किसान आंदोलन अचानक हिंसक कैसे हो गया.
उन्होंने कहा कि 'हम बर्बरता और हिंसा का कतई समर्थन नहीं करते.' साथ ही उन्होंने पंजाबी एक्टर दीप सिद्धू की भूमिका पर भी सवाल उठाए, जिनका नाम किसानों के आंदोलन के दौरान लालकिले पर 'निशान साहिब' या सिख धार्मिक ध्वज लगाने के बाद जांच के दायरे में आया है.
उनका कहना है कि ' ये बहुत ही आश्चर्यजनक है कि दीप सिद्धू जिसने लाल किले पर झंडा लगाया वह भाजपा से जुड़ा है. तस्वीरों से पता चला है कि वह पीएम के आवास में भी जाता रहा है. उसकी अमित शाह, सनी देओल और हेमा मालिनी के साथ भी तस्वीरें हैं. इस सबकी जांच की जरूरत है.'
सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि पार्टी का दृढ़ता से मानना है कि लाल किले में किसी अन्य झंडे के लिए कोई जगह नहीं है. केंद्र सरकार और उसके मंत्रियों पर सवाल उठाते हुए सुप्रिया श्रीनेट ने कहा, 'नरेंद्र सिंह तोमर कहते रहे हैं कि हिंसा होगी, क्या उनके पास छठी इंद्री है? क्या उन्हें पहले से कुछ पता था? और अगर कोई खुफिया रिपोर्ट थी, तो जो गड़बड़ी और संकट पैदा करने वाले थे, उनकी पहचान क्यों नहीं की गई. एजेंसियों ने उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की.'
कई सवालों का जवाब दिया जाना जरूरी
उन्होंने कहा ऐसे कई सवाल हैं जिनका जवाब दिया जाना जरूरी है. क्या ये आंदोलन को हिंसा का रूप देने की साजिश थी. साथ ही उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को यह याद रखना होगा कि उनके अड़ियल रुख के कारण कई बातें सामने आई हैं. ये कृषि कानूनों को निरस्त कर किसानों को संतुष्ट करने का समय है.
इससे पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने राष्ट्रीय राजधानी में कल हुई हिंसा के संदर्भ में ट्वीट किया था. उन्होंने गांधी जी के कथन 'सौम्य तरीके से आप दुनिया को हिला सकते हैं' का जिक्र करते हुए मोदी सरकार से अपील की है कि वह किसान विरोधी कानून तुरंत वापस लें.'
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सिद्धू ने फेसबुक पोस्ट कर किया था बचाव
इस बीच कल शाम दीप सिद्धू ने फेसबुक पोस्ट में अपने कृत्य का बचाव करते हुए कहा था कि प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रीय ध्वज को नहीं हटाया बल्कि 'निशान साहिब' को एक प्रतीकात्मक विरोध के रूप में वहां लगाया था.