नई दिल्ली : राजस्थान में राजनीतिक घमासान के बीच ऑडियो क्लिप मामले की भाजपा ने सीबीआई जांच की मांग की तो कांग्रेस ने तत्काल पलटवार करते हुए कहा कि केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी ने खुलकर स्वीकार कर लिया है कि उसने अशोक गहलोत सरकार को अस्थिर करने के लिए विधायकों की खरीद-फरोख्त की.
कांग्रेस पार्टी प्रवक्ता के पवन खेड़ा ने शनिवार को एक डिजिटल संवाददाता सम्मेलन में कहा कि कांग्रेस के दरवाजे आज भी पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट और बागी विधायकों के लिए खुले हैं. उन्होंने कहा, 'राजस्थान में लोकतंत्र की हत्या के प्रयासों का खुला खेल पिछले कुछ दिनों से जाहिर हो रहा था. आज भाजपा ने स्वीकार कर लिया कि खरीद-फरोख्त हुई, लोकतंत्र की हत्या हुई और संविधान को कुचला गया. उन्हें आपत्ति सिर्फ इस बात की है कि जब यह सब हो रहा था तो रिकॉर्डिंग क्यों हुई?'
खेड़ा ने दावा किया, 'यह भी स्पष्ट हो गया है कि चोर डरा हुआ है. चोर को पता है कि इस प्रकरण में कई बड़े नेता फंसने वाले हैं'
खेड़ा ने आरोप लगाया, 'इतिहास में पहली बार है कि जांच की एक सरकारी प्रक्रिया को रोकने के लिए भाजपा खुलकर सामने आई और मानेसर के एक होटल में मौजूद कांग्रेस के विधायकों की आवाज के नमूने नहीं लेने दिया गया.'
उन्होंने सवाल किया, 'पायलट जी, एक तरफ अदालत में आप साबित कर रहे हैं कि आप कांग्रेस का हिस्सा हैं और दूसरी तरफ आप भाजपा के संरक्षण में हरियाणा में क्यों बैठे हैं?'
एक सवाल के जवाब में कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, 'कांग्रेस ने खुले मन से पायलट जी और उन विधायकों के लिए अपने दरवाजे खुले रखे हैं, जो भाजपा के जाल में फंसे हुए नजर आ रहे हैं.'
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गौरतलब है कि राजस्थान में सरकार गिराने एवं पार्टी तोड़ने का प्रयास करने के कांग्रेस के आरोपों को खारिज करते हुए भाजपा ने शनिवार को इस घटनाक्रम को झूठ और फरेब की कथा करार दिया.
पार्टी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि सारा षड्यंत्र उन्हीं (कांग्रेस) के घर में रचा जा रहा था. उन्होंने कहा कि संवैधानिक प्रावधानों को ताक पर रखकर फोन टैंपिंग किए जाने सहित विभिन्न प्रकरण की सीबीआई से जांच कराई जानी चाहिए.