नई दिल्ली: आरक्षण पर चर्चा किए जाने को लेकर संघ प्रमुख के बयान को कांग्रेस ने आड़े हाथों लिया है. कांग्रेस पार्टी का कहना है यह सरकार दलित विरोधी है और बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर द्वारा बनाए गए संविधान को नष्ट कर देना चाहती है.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और दलित चिंतक पीएल पुनिया और उदित राज ने कहा मोदी सरकार मूल मुद्दों से देश की जनता को भटकाने के लिए नए शिगूफा छोड़ती है. आरक्षण पर चर्चा की बात मोहन भागवत से करवा कर सरकार ने एक नई साजिश रची है.
पीएल पुनिया ने कहा बाबा साहब अंबेडकर ने समाज में गैर बराबरी को खत्म करने के लिए आरक्षण की व्यवस्था दी थी. यह सरकार उस वक्त का इंतजार कर रही है ताकि आरक्षण को खत्म कर दिया जाए. भाजपा से कांग्रेस में आए दलित नेता उदित राज ने कहा भाजपा शुरू से ही दलित विरोधी रही है और अब मोहन भागवत के बयान ने साफ कर दिया यह सरकार दलित और पिछड़ों के हित में काम नहीं करती है.
दिल्ली में मीडिया को संबोधित करते हुए उदित राज ने कहा कि यह बात पिछड़े वर्ग के लोगों को भी समझना चाहिए लगातार अपनी बढ़ती ताकत का उपयोग कर यह सरकार आरक्षण खत्म करने के लिए करना चाह रही है.
पार्टी के वरिष्ठ प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि भागवत का मकसद विवाद खड़ा करके लोगों का ध्यान भटकाना हैं. उन्होंने कहा कि बीजेपी की आदत बन गई है कि जनता को विवादों के जरिये व्यस्त रखें ताकि लोग कठिन प्रश्न बंद कर दें और बुनियादी मुद्दे नहीं उठें.
कांग्रेस के वरिष्ट नेता पीएल पुनिया ने कहा भाजपा को जब भी मौका मिलता है संविधान बदलने की साजिश रचने लगते हैं बिहार चुनाव के पहले भी यही शिगूफा संघ प्रमुख मोहन भागवत ने छेड़ा था लेकिन जनविरोध के बाद वे चुप हो गए.
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कांग्रेस ने अपने मुख्यालय में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस के द्वारा आरक्षण पर सरकार के नीयत पर सवाल उठाया और सीधे तौर पर मोदी सरकार को दलित विरोधी और पिछड़ा विरोधी करार दिया.
उन्होंने कहा कि बीजेपी जब भी सरकार में आई तो संविधान में बदलाव की कोशिश की गई. उन्होंने कहा कि यह एक सोची समझी चाल है. उनकी मानसिकता आरक्षण खत्म करने की है.