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फेसबुक-भाजपा में साठगांठ डिजिटल साम्राज्यवाद की झलक : कांग्रेस

सोशल मीडिया विवाद पर कांग्रेस ने मांग की है कि इस मामले में जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती है, तत्काल प्रभाव से फेसबुक और वॉट्सएप के लंबित लाइसेंस निलंबित किए जाएं.

Adhir Ranjan Chaudhary
अधीर रंजन चौधरी
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Published : Aug 31, 2020, 7:35 PM IST

नई दिल्ली : सोशल मीडिया विवाद को लेकर कांग्रेस पार्टी ने सोमवार को भाजपा और मोदी सरकार पर फिर से निशाना साधा और देश में डिजिटल साम्राज्यवाद थोपने का आरोप लगाया. बता दें कि सत्तारूढ़ भाजपा पर दिग्गज सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर नियंत्रण करने का आरोप लगा है. अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने फेसबुक इंडिया और भाजपा में साठगांठ का खुलासा किया है.

कांग्रेस ने मांग की है कि जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती है, तत्काल प्रभाव से फेसबुक और वॉट्सएप के लंबित लाइसेंस निलंबित किए जाएं.

लोकसभा में कांग्रेस दल के नेता अधीर रंजन चौधरी ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि एक समय था जब ब्रिटिश साम्राज्यवादी शक्तिशाली थे. अब, हम डिजिटल साम्राज्यवाद के गवाह बनने जा रहे हैं, हमारे देश में सोशल मीडिया निरंकुश ढंग से चलेगा. फेसबुक भारत को लूट रहा है और भाजपा ऐसा करने दे रही है. यह फेसबुक और भाजपा के बीच एक तरह का गठबंधन है.

कांग्रेस नेता ने कहा कि आगामी संसद सत्र में निश्चित रूप से इस मामले को उठाया जाएगा.

अधीर रंजन ने आरोप लगाया कि अगर सरकार की मंशा फेसबुक के अधिकारियों को बचाने की है तो संसद में इस पर चर्चा नहीं हो सकती. अभी यह ऊपरी मामला है. फेसबुक इंडिया के अधिकारी और अमेरिका में बैठे उनके टॉप बॉस सब नियंत्रण में हैं.

इससे पहले कांग्रेस पार्टी ने इस मामले में चल रही जांच का ब्योरा साझा करने के लिए फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग को भी पत्र लिखा था. कांग्रेस ने फिर से मांग की है कि सोशल मीडिया पर नियंत्रण मामले की जांच के लिए एक संयुक्त संसदीय समिति बनाई जाए और इसमें शामिल लोगों के खिलाफ आपराधिक जांच की जाए.

कांग्रेस ने कहा कि फेसबुक इंडिया के सभी शीर्ष अधिकारियों को तुरंत निलंबित कर दिया जाना चाहिए और इस जांच के पूरा होने तक फेसबुक और वॉट्सएप के लंबित अनुमोदन और लाइसेंस को रोक दिया जाना चाहिए.

पढ़ेंः 'चीनी चालबाजी' पर कांग्रेस आक्रामक, पूछा- पीएम की 'लाल आंखें' कब दिखेंगी?

अधीर रंजन ने कहा कि भारत के लोकतंत्र को प्रभावित करने में फेसबुक और वॉट्सएप की भूमिका पर अब कोई संदेह नहीं है. चुनावों में भाजपा का पक्ष लेने के लिए अभद्र भाषा और फर्जी खबरों को प्रचारित करने में उनकी साठगांठ का खुलासा हो गया है. इससे क्या बुरा होता है कि फेसबुक की वैश्विक नेतृत्व टीम अच्छी तरह से इस पक्षपात और साठगांठ से अवगत थी.

नई दिल्ली : सोशल मीडिया विवाद को लेकर कांग्रेस पार्टी ने सोमवार को भाजपा और मोदी सरकार पर फिर से निशाना साधा और देश में डिजिटल साम्राज्यवाद थोपने का आरोप लगाया. बता दें कि सत्तारूढ़ भाजपा पर दिग्गज सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर नियंत्रण करने का आरोप लगा है. अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने फेसबुक इंडिया और भाजपा में साठगांठ का खुलासा किया है.

कांग्रेस ने मांग की है कि जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती है, तत्काल प्रभाव से फेसबुक और वॉट्सएप के लंबित लाइसेंस निलंबित किए जाएं.

लोकसभा में कांग्रेस दल के नेता अधीर रंजन चौधरी ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि एक समय था जब ब्रिटिश साम्राज्यवादी शक्तिशाली थे. अब, हम डिजिटल साम्राज्यवाद के गवाह बनने जा रहे हैं, हमारे देश में सोशल मीडिया निरंकुश ढंग से चलेगा. फेसबुक भारत को लूट रहा है और भाजपा ऐसा करने दे रही है. यह फेसबुक और भाजपा के बीच एक तरह का गठबंधन है.

कांग्रेस नेता ने कहा कि आगामी संसद सत्र में निश्चित रूप से इस मामले को उठाया जाएगा.

अधीर रंजन ने आरोप लगाया कि अगर सरकार की मंशा फेसबुक के अधिकारियों को बचाने की है तो संसद में इस पर चर्चा नहीं हो सकती. अभी यह ऊपरी मामला है. फेसबुक इंडिया के अधिकारी और अमेरिका में बैठे उनके टॉप बॉस सब नियंत्रण में हैं.

इससे पहले कांग्रेस पार्टी ने इस मामले में चल रही जांच का ब्योरा साझा करने के लिए फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग को भी पत्र लिखा था. कांग्रेस ने फिर से मांग की है कि सोशल मीडिया पर नियंत्रण मामले की जांच के लिए एक संयुक्त संसदीय समिति बनाई जाए और इसमें शामिल लोगों के खिलाफ आपराधिक जांच की जाए.

कांग्रेस ने कहा कि फेसबुक इंडिया के सभी शीर्ष अधिकारियों को तुरंत निलंबित कर दिया जाना चाहिए और इस जांच के पूरा होने तक फेसबुक और वॉट्सएप के लंबित अनुमोदन और लाइसेंस को रोक दिया जाना चाहिए.

पढ़ेंः 'चीनी चालबाजी' पर कांग्रेस आक्रामक, पूछा- पीएम की 'लाल आंखें' कब दिखेंगी?

अधीर रंजन ने कहा कि भारत के लोकतंत्र को प्रभावित करने में फेसबुक और वॉट्सएप की भूमिका पर अब कोई संदेह नहीं है. चुनावों में भाजपा का पक्ष लेने के लिए अभद्र भाषा और फर्जी खबरों को प्रचारित करने में उनकी साठगांठ का खुलासा हो गया है. इससे क्या बुरा होता है कि फेसबुक की वैश्विक नेतृत्व टीम अच्छी तरह से इस पक्षपात और साठगांठ से अवगत थी.

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